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डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा ऐलान: हर अमेरिकी को मिलेगा 2,000 डॉलर का डिविडेंड, लेकिन एक शर्त के साथ — ‘टैरिफ का विरोध करने वाले मूर्ख हैं’

10 नवंबर 2025 |✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार      

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एक चौंकाने वाला आर्थिक ऐलान करते हुए कहा कि उनकी सरकार जल्द ही हर अमेरिकी नागरिक को 2,000 डॉलर का डिविडेंड भुगतान करेगी — बशर्ते वह व्यक्ति उच्च आय वर्ग में न आता हो। यह भुगतान, ट्रंप के अनुसार, अमेरिका द्वारा टैरिफ (आयात शुल्क) से अर्जित किए गए “ट्रिलियंस ऑफ डॉलर” से किया जाएगा।

ट्रंप ने इस घोषणा के साथ टैरिफ नीति के आलोचकों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा,

“जो लोग टैरिफ के खिलाफ हैं, वे मूर्ख हैं! (People that are against Tariffs are FOOLS!)”


उन्होंने दावा किया कि उनके नेतृत्व में अमेरिका “दुनिया का सबसे अमीर और सबसे सम्मानित देश” बन गया है, जहां मुद्रास्फीति बेहद कम है और शेयर बाजार ऐतिहासिक ऊंचाइयों पर है



टैरिफ से हासिल होगा राष्ट्रीय लाभ और जनता को सीधा फायदा

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ (Truth Social) पर कहा कि टैरिफ से जुटाई गई रकम से न केवल राष्ट्रीय ऋण (National Debt) घटाया जाएगा, बल्कि इससे सीधे नागरिकों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह भुगतान कब और किस माध्यम से किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि उनकी टैरिफ नीति ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को “मजबूत और आत्मनिर्भर” बना दिया है।


टैरिफ नीति पर सुप्रीम कोर्ट में कानूनी चुनौती

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उनकी सिग्नेचर टैरिफ नीति अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की कानूनी जांच के घेरे में है।
5 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में एक मामला सुना गया जिसमें इन टैरिफ को अवैध घोषित करने की मांग की गई। कई न्यायाधीशों ने इनकी वैधता पर संदेह जताया है।

अगर अदालत ने टैरिफ को अवैध ठहराया, तो इससे अमेरिकी सरकार को 100 बिलियन डॉलर से अधिक की रिफंड राशि चुकानी पड़ सकती है। यह ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की आर्थिक रणनीति के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।

ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर टैरिफ हटाए गए, तो यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए “विनाशकारी (disaster)” होगा। उन्होंने कहा कि टैरिफ उनका “सबसे मजबूत आर्थिक हथियार” है, जिससे अमेरिका अपने व्यापार घाटे को कम करने और घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करने में सफल हुआ है।


‘लिबरेशन डे टैरिफ’ और नई कर व्यवस्था

यह मामला विशेष रूप से 2 अप्रैल 2025 को घोषित “लिबरेशन डे टैरिफ” से जुड़ा है, जिसके तहत अधिकांश अमेरिकी आयातों पर 10% से 50% तक की दरें लगाई गईं।
ट्रंप ने कहा था कि यह नीति चीन, मैक्सिको और यूरोपीय देशों जैसे व्यापारिक साझेदारों के खिलाफ आवश्यक है, ताकि “अमेरिकी श्रमिकों और उद्योगों की रक्षा” की जा सके।


ट्रेजरी सेक्रेटरी ने कहा — ‘योजना पर चर्चा नहीं हुई’

ट्रंप की इस घोषणा के तुरंत बाद, अमेरिकी वित्त मंत्री (Treasury Secretary) स्कॉट बेसेंट (Scott Bessent) से जब एक इंटरव्यू में इस “$2,000 डिविडेंड” योजना पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से इस योजना पर सीधी चर्चा नहीं की है।

हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि यह भुगतान कई रूपों में आ सकता है, जैसे—

  • टैक्स कटौती (Tax Cuts)

  • टिप्स और ओवरटाइम पर टैक्स समाप्त करना

  • सोशल सिक्योरिटी टैक्स में राहत देना

  • ऑटो लोन पर टैक्स छूट देना

बेसेंट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन पहले से ही मध्यम वर्ग और कामकाजी अमेरिकियों को कर राहत देने की दिशा में काम कर रहा है।


राजनीतिक और आर्थिक विश्लेषण

विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह ऐलान न केवल 2026 के मिड-टर्म चुनावों से पहले एक लोकप्रिय कदम है, बल्कि यह उनके आर्थिक राष्ट्रवाद (Economic Nationalism) की नीति का एक और अध्याय है।
जहाँ समर्थक इसे “अमेरिकी जनता को प्रत्यक्ष लाभ” कह रहे हैं, वहीं आलोचकों का कहना है कि यह कदम राजकोषीय अनुशासन और वैश्विक व्यापार प्रणाली के लिए हानिकारक हो सकता है।

ट्रंप ने हाल के महीनों में अपनी नीतियों के जरिए अमेरिकी मतदाताओं के सामने खुद को एक “आर्थिक संरक्षक” के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश तेज की है। उनका दावा है कि “अमेरिका पहले से कहीं अधिक अमीर, मजबूत और आत्मनिर्भर” है — और यह सब उनकी टैरिफ नीति का परिणाम है।


निष्कर्ष:-

डोनाल्ड ट्रंप की यह घोषणा अमेरिकी राजनीति में एक नया विमर्श लेकर आई है।
जहाँ एक ओर यह जनता को प्रत्यक्ष राहत देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों और घरेलू आर्थिक नीतियों पर गहरे प्रभाव डाल सकती है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सुप्रीम कोर्ट का फैसला ट्रंप की इस नीति को टिकाऊ बना पाता है या नहीं — और क्या वाकई में हर अमेरिकी नागरिक के खाते में 2,000 डॉलर का डिविडेंड पहुंचता है या यह केवल एक चुनावी वादा साबित होता है।

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