Type Here to Get Search Results !

ADS5

ADS2

अमेरिका-प्रायोजित संघर्षविराम के बाद फिर हिंसा की वापसी

अक्टूबर 29, 2025 |✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार   

गाज़ा में एक बार फिर बमों की गड़गड़ाहट सुनाई दी जब इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को अपनी सेना को “तुरंत और शक्तिशाली हमले (Powerful Strikes)” करने का आदेश दिया। यह आदेश ऐसे समय में दिया गया जब अमेरिका की मध्यस्थता से हाल ही में हुआ संघर्षविराम (ceasefire) पहले से ही तनावपूर्ण माहौल में डगमगा रहा था।


इज़राइल ने दावा किया कि हमास (Hamas) ने दक्षिणी गाज़ा में उसकी सेनाओं पर गोलीबारी की, जिसके बाद यह जवाबी कार्रवाई की गई।


गाज़ा में फिर टूटी तबाही की रात

नेतन्याहू के आदेश के कुछ घंटों के भीतर ही इज़राइली लड़ाकू विमानों ने उत्तरी गाज़ा के शिफा अस्पताल (Shifa Hospital) के नज़दीक बमबारी की — जो वहां का सबसे बड़ा और सक्रिय चिकित्सा केंद्र है।
दक्षिणी गाज़ा के ख़ान यूनुस (Khan Younis) में भी एक और हमला हुआ, जिसमें कम से कम पाँच लोगों की मौत की पुष्टि की गई। गाज़ा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि कम से कम 30 लोगों की जान अलग-अलग इलाकों में हुई बमबारी में चली गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मिस्री राहत कर्मी और मशीनें अब भी मलबे के नीचे दबे लोगों और बंधकों के शवों की तलाश में जुटी हैं।


“हामास को भारी कीमत चुकानी होगी” — इज़राइली रक्षा मंत्री

हमलों के बाद, रक्षा मंत्री इसरायल कैट्ज़ (Israel Katz) ने चेतावनी दी कि “हमास ने इज़राइली सैनिकों पर हमला करके बड़ी भूल की है। अब उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इज़राइल पूरे बल के साथ जवाब देगा।

इज़राइली सेना के एक अधिकारी ने एसोसिएटेड प्रेस (AP) को बताया कि रफ़ा (Rafah) शहर में उनके जवानों पर गोलीबारी हुई, जिसके बाद उन्होंने जवाबी कार्रवाई की। हालांकि इस घटना पर इज़राइली सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।


बंधकों के अवशेष लौटाने पर नया विवाद

इस तनाव की जड़ में बंधकों के शवों की वापसी का विवाद भी शामिल है। हमास ने हाल ही में इज़राइल को एक बंधक के शरीर के अवशेष सौंपे थे, जो दो साल पहले उसके कब्जे से छुड़ाए गए थे।
नेतन्याहू ने इसे “संघर्षविराम की पहली शर्त का उल्लंघन” करार दिया — क्योंकि समझौते के पहले चरण में ही हमास को सभी मृत बंधकों के शव तुरंत लौटाने थे।
फिलहाल, 13 इज़राइली बंधकों के शव अब भी गाज़ा में हैं।

हमास ने नेतन्याहू के नए हमले के आदेश के बाद कहा है कि वह बंधकों के शवों की वापसी “स्थगित” करेगा — जिससे पहले से ही नाज़ुक समझौते पर खतरा मंडरा रहा है।


संघर्षविराम का भविष्य अधर में

10 अक्टूबर को लागू हुआ सीज़फ़ायर एग्रीमेंट अब तीसरी बार हिंसा से टूटता दिख रहा है।
इससे पहले भी 19 अक्टूबर को इज़राइल ने आरोप लगाया था कि हमास की गोलीबारी में उसके दो सैनिक मारे गए, जिसके जवाब में उसने हवाई हमले किए जिनमें 40 फ़िलिस्तीनी मारे गए थे।
सप्ताहांत में भी इज़राइल ने एक इस्लामिक जिहाद संगठन के कथित ठिकानों पर हमला किया था, जिसमें कई लोग घायल हुए।

अब, बंधकों की वापसी में देरी के कारण संघर्षविराम की अगली चरणीय प्रक्रिया ठप हो गई है। इसमें हमास का निरस्त्रीकरण (disarmament), गाज़ा में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल की तैनाती, और नए शासन ढांचे पर सहमति जैसे मुद्दे शामिल थे।


क्षेत्रीय शांति पर गंभीर असर

विश्लेषकों के अनुसार, इस हमले ने न केवल गाज़ा पट्टी की शांति प्रक्रिया को फिर से पीछे धकेल दिया है, बल्कि अमेरिका, मिस्र और क़तर की मध्यस्थता को भी संकट में डाल दिया है।
जहाँ एक ओर इज़राइल अपने सुरक्षा अधिकार का हवाला दे रहा है, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने नागरिक इलाकों पर बमबारी रोकने की अपील की है।

संयुक्त राष्ट्र ने भी चेतावनी दी है कि बार-बार होने वाले हमले मानवीय संकट (Humanitarian Crisis) को और गहरा सकते हैं, जहाँ पहले से ही दवा, बिजली और पानी की भारी कमी बनी हुई है।


निष्कर्ष:-

 संघर्षविराम या युद्धविराम?

गाज़ा और इज़राइल के बीच की यह ताज़ा झड़प बताती है कि सीज़फ़ायर के काग़ज़ी वादे तब तक टिकाऊ नहीं हो सकते जब तक दोनों पक्षों के बीच विश्वास की बहाली और जवाबदेही की पारदर्शिता नहीं होती।
नेतन्याहू के “तत्काल और शक्तिशाली हमले” ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मध्य पूर्व की राजनीति में स्थायी शांति अब भी एक दूर का सपना बनी हुई है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

ADS3

ADS4