अक्टूबर 28, 2025 |✍🏻 Z S Razzaqi |वरिष्ठ पत्रकार
महागठबंधन ने इस घोषणापत्र में केंद्र सरकार द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2024 को बिहार में लागू न करने की घोषणा करते हुए कहा है कि यदि वे सत्ता में आते हैं तो इस कानून को राज्य में "कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा"।
🔹 बिहार चुनाव 2025: पृष्ठभूमि और सियासी समीकरण
6 और 11 नवंबर को होने वाले दो चरणों के मतदान से पहले महागठबंधन का यह घोषणापत्र बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के लिए एक बड़ा राजनीतिक चुनौती बन सकता है।
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और बीजेपी ने अभी तक अपना घोषणापत्र जारी नहीं किया है, जिससे विपक्ष को शुरुआती नैरेटिव बनाने का मौका मिल गया है।
घोषणापत्र के प्रमुख वादे और नीतियां
1️⃣ वक्फ कानून पर रोक
महागठबंधन ने साफ किया है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2024, जो इस वर्ष अप्रैल में संसद से पारित हुआ था, उसे बिहार में लागू नहीं होने दिया जाएगा। तेजस्वी यादव ने कहा —
“यह कानून धार्मिक संपत्तियों पर नियंत्रण का प्रयास है, और हमारी सरकार आते ही इसे बिहार से खत्म कर दिया जाएगा।”
यह बयान सीधे तौर पर केंद्र सरकार की नीति पर सवाल खड़ा करता है और अल्पसंख्यक समुदाय में तेजी से चर्चा का विषय बन गया है।
2️⃣ हर परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी
घोषणापत्र के अनुसार, सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर एक नया अधिनियम पारित किया जाएगा जिसके तहत राज्य के हर परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह केवल वादा नहीं बल्कि रोजगार क्रांति की शुरुआत होगी।
3️⃣ जीविका दीदियों को स्थायी कर्मचारी का दर्जा
राज्य की जीविका सीएम (Community Mobiliser) बहनों को अब स्थायी सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने का वादा किया गया है।
उनका वेतन ₹30,000 प्रति माह तय किया जाएगा। यह निर्णय महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
4️⃣ कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों और आउटसोर्स कर्मचारियों का स्थायीकरण
राज्य में काम कर रहे सभी कॉन्ट्रैक्ट व आउटसोर्स कर्मियों को स्थायी करने की घोषणा की गई है, ताकि नौकरी की असुरक्षा और अस्थिरता को खत्म किया जा सके।
5️⃣ स्किल-बेस्ड रोजगार और औद्योगिक विस्तार
घोषणापत्र में यह वादा किया गया है कि बिहार में स्किल-बेस्ड रोजगार को बढ़ावा देने के लिए IT पार्क, स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZs), कृषि, हेल्थकेयर, फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक्स, रिन्यूएबल एनर्जी और पर्यटन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर औद्योगिक ढांचा खड़ा किया जाएगा।
इसके साथ ही 2,000 एकड़ भूमि पर शैक्षणिक शहर (Educational City), उद्योगिक क्लस्टर और पाँच नए एक्सप्रेसवे बनाने की योजना है।
6️⃣ छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए वित्तीय नीति
महागठबंधन ने छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs) के लिए वित्तीय व कौशल विकास नीति बनाने की बात कही है ताकि राज्य के भीतर रोजगार और उत्पादन दोनों को बढ़ावा दिया जा सके।
7️⃣ पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली
सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने का स्पष्ट वादा किया गया है। यह मुद्दा पिछले कई वर्षों से बिहार में एक बड़ी राजनीतिक मांग रहा है।
8️⃣ माई-बहिन मान योजना
महिलाओं के लिए विशेष "माई-बहिन मान योजना" की घोषणा की गई है, जिसके तहत दिसंबर 2025 से हर पात्र महिला को ₹2,500 प्रति माह आर्थिक सहायता दी जाएगी।
9️⃣ सामाजिक सुरक्षा और मुफ्त बिजली योजना
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विधवाओं और बुजुर्गों को ₹15,002 प्रति माह पेंशन दी जाएगी, जिसमें हर साल ₹2,200 की बढ़ोतरी होगी।
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दिव्यांगजनों को ₹3,000 मासिक पेंशन दी जाएगी।
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हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान की जाएगी।
10 महिलाओं की सुरक्षा और माइक्रोफाइनेंस पर नियंत्रण
घोषणापत्र में यह भी कहा गया है कि माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा किस्त वसूली के दौरान महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न को रोकने के लिए नियामक कानून बनाया जाएगा।
इसके साथ ही इन कंपनियों की मनमानी ब्याज दरों पर नियंत्रण के लिए भी कठोर प्रावधान लागू होंगे।
⚙️ राजनीतिक विश्लेषण: घोषणापत्र या चुनावी क्रांति?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह घोषणापत्र महागठबंधन को ग्रामीण वोटबैंक और महिला मतदाताओं में मजबूत स्थिति दिला सकता है, विशेषकर तब जब राज्य में बेरोज़गारी और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दे चुनावी विमर्श के केंद्र में हैं।
