अक्टूबर 28, 2025 |✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
टोक्यो में हुआ ऐतिहासिक समझौता और सम्मान का इज़हार
सोमवार को टोक्यो के अकासाका पैलेस में दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान कई अहम समझौते हुए। विशेष रूप से, अमेरिका और जापान के बीच क्रिटिकल मिनरल्स और रेयर अर्थ डील (Rare Earth Deal) पर हस्ताक्षर हुए, जिससे एशिया में सामरिक साझेदारी और मज़बूत होगी।
प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने इस अवसर पर ट्रंप की शांति प्रयासों की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा —
“राष्ट्रपति ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्धविराम स्थापित कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इसके साथ ही, मध्य पूर्व (गाज़ा युद्ध) में जो शांति समझौता हुआ, वह भी अभूतपूर्व है।”
ताकाइची ने कहा कि जापान औपचारिक रूप से ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए समर्थन देगा। हालांकि, इस संबंध में जापान की ओर से आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है।
अमेरिका-जापान: एशिया में सबसे मज़बूत रणनीतिक साझेदारी
जापान को लंबे समय से अमेरिका का सबसे भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है। ट्रंप के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच न सिर्फ़ आर्थिक बल्कि रणनीतिक सहयोग को भी नई दिशा मिली है। रेयर अर्थ मिनरल्स डील को चीन के बढ़ते प्रभाव के जवाब के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इन खनिजों का उपयोग रक्षा, टेक्नोलॉजी और एयरोस्पेस सेक्टर में होता है।
‘President of Peace’: ट्रंप की नई छवि
डोनाल्ड ट्रंप ने स्वयं को लंबे समय से “President of Peace” यानी ‘शांति का राष्ट्रपति’ बताया है। उनका दावा है कि अपने कार्यकाल में उन्होंने दुनिया भर में आठ बड़े संघर्षों को समाप्त करने में भूमिका निभाई है, जिनमें शामिल हैं —
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गाज़ा युद्ध,
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भारत-पाकिस्तान सीमा तनाव,
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थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष,
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और मध्य पूर्व के कई शांति समझौते।
हालांकि उन्हें अभी तक नोबेल पुरस्कार नहीं मिला है, परंतु अब तक इज़राइल, पाकिस्तान, कंबोडिया, थाईलैंड जैसे कई देशों ने औपचारिक रूप से उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया है।
एशिया दौरे की रणनीतिक गूंज
ट्रंप ने अपने एशिया दौरे की शुरुआत मलेशिया से की, जहाँ उन्होंने आसियान शिखर सम्मेलन (ASEAN Summit) में हिस्सा लिया और थाईलैंड-कंबोडिया शांति समझौते में मध्यस्थता की।
जापान के बाद ट्रंप का अगला पड़ाव दक्षिण कोरिया होगा, जहाँ वे एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) समिट में भाग लेंगे। वहां उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी तय है — ऐसे समय में जब वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच व्यापारिक तनाव चरम पर है।
वैश्विक सियासत में ट्रंप की वापसी की गूंज
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, जापान द्वारा ट्रंप को नोबेल नामांकन का समर्थन देना केवल एक औपचारिक कदम नहीं है, बल्कि यह एशिया में अमेरिका की ‘रिटर्न टू इंफ्लुएंस’ नीति का भी हिस्सा है। ट्रंप की विदेश नीति, जो डील-मेकिंग डिप्लोमेसी पर आधारित है, अब एक बार फिर वैश्विक मंच पर उन्हें प्रमुखता दिला रही है।
निष्कर्ष:-
जापान का यह कदम ट्रंप के लिए न सिर्फ़ व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का विषय है, बल्कि यह अमेरिका-जापान संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत भी है। नोबेल शांति पुरस्कार के लिए बढ़ती अंतरराष्ट्रीय दावेदारी के बीच, ट्रंप अब खुद को सिर्फ़ एक अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं बल्कि वैश्विक शांति निर्माता के रूप में स्थापित करने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
