Type Here to Get Search Results !

ADS5

ADS2

गाज़ा फ़्लोटिला पर इज़राइल की कार्रवाई: ग्रेटा थनबर्ग हिरासत में, जानिए पूरी कहानी

  03 अक्टूबर 2025:✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार  

स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को इज़राइली नौसैनिक बलों ने तब हिरासत में ले लिया जब वह गाज़ा की ओर जा रहे एक मानवीय जहाज़ी काफ़िले "ग्लोबल सुमुद फ़्लोटिला" का हिस्सा बनीं। यह काफ़िला गाज़ा पट्टी तक मानवीय सहायता पहुँचाने की कोशिश कर रहा था, जिसे इज़राइल ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में ही रोक लिया।

क्या हुआ था?

सूत्रों के अनुसार, बुधवार को गाज़ा तट से लगभग 120 किलोमीटर (75 मील) दूर इज़राइली नौसेना ने इस फ़्लोटिला को रोक लिया। इस अभियान में शामिल छह जहाज़ — सिरियस, अल्मा, स्पेक्ट्रा, होगा, अदारा और दैर यासीन — को इज़राइली नौसैनिक बलों ने अपने नियंत्रण में ले लिया।


ग्रेटा थनबर्ग उस समय जहाज़ अल्मा पर सवार थीं। हिरासत में लेने के बाद उन्हें और अन्य कार्यकर्ताओं को इज़राइल के बंदरगाह शहर अश्दोद ले जाया गया।

फ़्लोटिला का मिशन

"ग्लोबल सुमुद फ़्लोटिला" में 40 से अधिक नागरिक नौकाएँ शामिल थीं, जिन पर लगभग 500 लोग सवार थे। इनमें सांसद, वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल थे। प्रमुख प्रतिभागियों में मंडेला परिवार के सदस्य मंडला मंडेला (नेल्सन मंडेला के पोते) और कई यूरोपीय सांसद भी मौजूद थे।
इन सभी का दावा था कि उनका मिशन पूरी तरह से मानवीय था, जिसका उद्देश्य गाज़ा के नागरिकों तक खाद्य और चिकित्सा सहायता पहुँचाना था।

इज़राइल का रुख

इज़राइली विदेश मंत्रालय ने X (पूर्व में ट्विटर) पर जारी बयान में कहा:
"हमने हमास-सुमुद फ़्लोटिला की कई नावों को सुरक्षित रोक लिया है। ग्रेटा और उनके साथी सुरक्षित और स्वस्थ हैं।"

इज़राइली अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि सुरक्षा कारणों से गाज़ा की ओर जाने वाले इस जहाज़ी काफ़िले को रोका गया, क्योंकि वहाँ हथियार या अन्य प्रतिबंधित सामग्री पहुँचने की आशंका रहती है।

ग्रेटा थनबर्ग का संदेश

इंटरसेप्शन से कुछ समय पहले ग्रेटा थनबर्ग ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया था:
"मेरा नाम ग्रेटा थनबर्ग है। मैं जहाज़ अल्मा पर हूँ। हम अब इज़राइल द्वारा इंटरसेप्ट किए जाने वाले हैं।"

इसके बाद फ़्लोटिला के आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज ने पुष्टि की कि उनकी नावों को इज़राइली बलों ने रोक लिया है। बयान में कहा गया:
"हमारी नावों को गैरकानूनी तरीके से इंटरसेप्ट किया गया है। कैमरे ऑफ़लाइन हैं और सैन्य कर्मियों ने जहाज़ पर चढ़ाई कर दी है। हम सभी प्रतिभागियों की सुरक्षा और स्थिति की पुष्टि करने का प्रयास कर रहे हैं।"

अंतरराष्ट्रीय कानूनी सवाल

यह घटना अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानूनी बहस का विषय बन गई है।

  • इज़राइल का कहना है कि यह कार्रवाई वैध और शांतिपूर्ण तरीके से की गई।

  • मगर आलोचकों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में इस तरह की रोकथाम समुद्री क़ानून का उल्लंघन है।

  • विशेषज्ञों का मानना है कि मानवीय सहायता ले जाने वाले जहाज़ों को रोकना एक संवेदनशील मुद्दा है, ख़ासकर जब इनमें विदेशी सांसद और अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ता शामिल हों।

अगला कदम क्या?

फिलहाल इज़राइल ने यह नहीं बताया है कि हिरासत में लिए गए लोगों पर कोई औपचारिक आरोप लगाए जाएंगे या उन्हें निर्वासित किया जाएगा।
अभी तक सभी प्रतिभागियों, जिनमें ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल हैं, के सुरक्षित होने की पुष्टि की गई है।

क्यों है यह घटना महत्वपूर्ण?

यह घटना न केवल गाज़ा संघर्ष के मानवीय पहलू को उजागर करती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति, पर्यावरण कार्यकर्ताओं की भूमिका और समुद्री क़ानून पर भी नए सवाल खड़े करती है।

  • ग्रेटा थनबर्ग, जो वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन आंदोलन का चेहरा मानी जाती हैं, का इस तरह गाज़ा के पक्ष में खड़ा होना अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित कर रहा है।

  • दूसरी ओर, इज़राइल की सुरक्षा चिंताओं और गाज़ा पर उसके लंबे समय से जारी नौसैनिक नाकाबंदी पर भी नए सिरे से बहस छिड़ गई है।

ये भी पढ़े 

1 -हिंदी उर्दू शायरी 
2 -प्रीमियम डोमेन सेल -लिस्टिंग 


Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

ADS3

ADS4