अपडेटेड: 08 सितंबर 2025:✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
मोदी-पुतिन की दोस्ताना मुलाकात और SCO समिट का महत्व
हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ नजर आए। इस मुलाकात ने वैश्विक कूटनीति के समीकरण में हलचल पैदा कर दी है। ज़ेलेंस्की ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब अमेरिका रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है, यह कदम रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
ट्रम्प प्रशासन की नई नीति और भारत पर टैरिफ लगाने की तैयारी
अमेरिका के राष्ट्रीय आर्थिक परिषद (NEC) के निदेशक केविन हैसेट ने स्पष्ट किया कि भारत के उदाहरण को ध्यान में रखते हुए नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा,
“जो देश रूस से तेल खरीद रहे हैं, उनके खिलाफ हम तत्काल प्रभाव से आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ये प्रतिबंध प्रभावी रूप से लागू हों।”
विशेष रूप से, केविन हैसेट ने कहा,
“रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों की रूपरेखा और लागू होने की समयसीमा पर विस्तार से चर्चा आज और आने वाले दिनों में होगी।”
भारत की मध्यस्थ भूमिका और वैश्विक कूटनीतिक संतुलन
विश्लेषकों का मानना है कि भारत की यह मध्यस्थता की भूमिका न केवल दोहरी हित संतुलन बनाती है, बल्कि वैश्विक शांति प्रयासों में भारत की बढ़ती भूमिका को भी प्रदर्शित करती है। साथ ही, अमेरिका के संभावित नए टैरिफ से भारत की ऊर्जा सुरक्षा नीति पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है। भारत ने वर्षों से अपने ऊर्जा स्रोतों में विविधता ला कर यह सुनिश्चित किया है कि देश की ऊर्जा आवश्यकताओं की आपूर्ति सतत बनी रहे।
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