लेख:जावेद अख्तर
हर साल 5 सितंबर भारत में सिर्फ कैलेंडर की एक तारीख़ नहीं होती, बल्कि यह एक ऐसे रिश्ते को समर्पित दिन है जिसने हर किसी की ज़िंदगी को दिशा दी है — गुरु और शिष्य का रिश्ता। 1962 से शुरू हुई यह परंपरा, जब भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया, आज भी उतनी ही आत्मीयता से निभाई जाती है।
डॉ. राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने का तरीका सिखाती है। इसलिए, उनका संदेश था कि शिक्षक देश की सबसे बड़ी पूँजी और समाज के सच्चे मार्गदर्शक हैं।
बदलते दौर में शिक्षकों की अहमियत
2025 में जहाँ स्मार्ट क्लासरूम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल लर्निंग आम हो चुके हैं, वहीं शिक्षक की भूमिका और भी गहरी हो गई है। तकनीक जानकारी तो दे सकती है, लेकिन संवेदनशीलता, प्रोत्साहन और सही दिशा दिखाना केवल शिक्षक ही सिखा सकते हैं।
-
मोबाइल और इंटरनेट ज्ञान दे सकते हैं, लेकिन यह नहीं बता सकते कि ज्ञान का सही उपयोग कैसे किया जाए।
-
AI टूल्स समस्याओं का हल निकाल सकते हैं, लेकिन यह नहीं समझ सकते कि विद्यार्थी कब निराश है और कब उसे एक प्रेरणादायी शब्द की ज़रूरत है।
इसीलिए आज भी शिक्षक हमारे जीवन के असली मेंटॉर, गाइड और प्रेरक बने हुए हैं।
क्यों ज़रूरी है आभार व्यक्त करना?
अगर हम अपनी स्कूली यादों को पलटकर देखें तो शायद हमें हर सूत्र, हर तारीख याद न हो। लेकिन हमें वह शिक्षक ज़रूर याद आते हैं जिन्होंने कहा था — “मुझे पता है तुम ये कर सकते हो।”
यह छोटी-सी बातें ही हमारे आत्मविश्वास और व्यक्तित्व को गढ़ती हैं।
शिक्षक दिवस सिर्फ "धन्यवाद" कहने का दिन नहीं है, बल्कि यह वह क्षण है जब हम यह स्वीकार करते हैं कि हमारे जीवन की हर उपलब्धि के पीछे किसी न किसी शिक्षक की मेहनत और मार्गदर्शन छिपा है।
शिक्षक दिवस 2025 के लिए शुभकामनाएँ और मैसेज
अगर आप इस शिक्षक दिवस पर अपने गुरुजन को शुभकामना देना चाहते हैं, तो कुछ सरल और दिल से निकले संदेश सबसे ज़्यादा असरदार होंगे:
-
“हैप्पी टीचर्स डे! आपने हमें सिर्फ किताबों से नहीं, ज़िंदगी जीना भी सिखाया।”
-
“आपकी सीख हमेशा मेरे साथ रहेगी। आप सिर्फ शिक्षक नहीं, प्रेरणा हैं।”
-
“मेरी हर सफलता के पीछे आपकी मेहनत और आशीर्वाद छिपा है। धन्यवाद गुरुजी।”
-
“आपने विश्वास दिलाया कि मैं कर सकता हूँ। यही मेरा सबसे बड़ा तोहफ़ा है।”
शिक्षक दिवस 2025 पर प्रेरक कोट्स
इतिहास के कई महान विचारकों और नेताओं ने शिक्षकों की भूमिका को परिभाषित किया है। कुछ अमर उद्धरण इस प्रकार हैं:
-
अल्बर्ट आइंस्टीन – “एक शिक्षक की सर्वोच्च कला है कि वह विद्यार्थियों में सृजनात्मकता और ज्ञान की खुशी जगाए।”
-
नेल्सन मंडेला – “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग करके आप दुनिया बदल सकते हैं।”
-
हेनरी एडम्स – “एक शिक्षक अनंत काल को प्रभावित करता है; वह कभी नहीं जान सकता कि उसका प्रभाव कहाँ तक पहुँचेगा।”
छोटे-छोटे उपहारों से बड़ा आभार
कई स्कूलों में बच्चे नाटक, कविताएँ और रोल-प्ले करके शिक्षकों का आभार जताते हैं। लेकिन असली तोहफ़ा हमेशा भौतिक चीज़ें नहीं होतीं।
-
एक छोटा सा पत्र
-
वर्षों बाद किया गया एक फोन कॉल
-
या फिर “सर/मैम, आपने मेरी ज़िंदगी बदली” जैसे शब्द
ये सब किसी भी शिक्षक के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार होते हैं।
2025 में शिक्षक दिवस का संदेश
आज की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में यह दिन हमें ठहरकर यह सोचने का अवसर देता है कि हम यहाँ तक अकेले नहीं पहुँचे। हर करियर, हर कौशल, हर सफलता के पीछे एक या कई शिक्षकों की छवि है।
डॉ. राधाकृष्णन ने कहा था कि शिक्षक देश के श्रेष्ठतम मस्तिष्क होने चाहिए। आज हम कह सकते हैं कि उन्हें सबसे धैर्यवान हृदय भी होना चाहिए।
क्योंकि यही वह संदेश है जो शिक्षक जीवनभर याद रखते हैं।
ये भी पढ़े
2 -प्रीमियम डोमेन सेल -लिस्टिंग


.png)
