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GST Council Meeting 2025:किन वस्तुओं पर घटेगा टैक्स और किन पर बढ़ेगा, जानिए पूरी डिटेल

रिपोर्टिंग: कविता शर्मा  | पत्रकार  

 भारत में जीएसटी (GST) लागू होने के सात साल बाद सरकार अब टैक्स प्रणाली को और सरल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक आज (3 सितंबर 2025) हो रही है। इस बैठक में टैक्स स्लैब्स को सरल करने और कई जरूरी वस्तुओं व सेवाओं पर जीएसटी दरों को घटाने पर चर्चा होगी।

दो स्लैब जीएसटी प्रणाली की तैयारी

अभी तक जीएसटी चार स्लैब में है – 5%, 12%, 18% और 28%। अब इन्हें घटाकर केवल दो या तीन स्लैब बनाने का प्रस्ताव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही संकेत दिया था कि इस बार कारोबारियों और उपभोक्ताओं को "दीवाली गिफ्ट" के रूप में जीएसटी सुधार देखने को मिल सकते हैं।

सस्ती हो सकती हैं ये चीजें

  • ऑटोमोबाइल सेक्टर: छोटे कार, 350cc तक की बाइक और ऑटो पार्ट्स पर जीएसटी 28% से घटाकर 18%।

  • हॉस्पिटैलिटी व एंटरटेनमेंट: ₹7,500 तक के होटल रूम और मूवी टिकट पर जीएसटी 12% से घटाकर 5%।

  • हेल्थकेयर: कैंसर की दवाइयां टैक्स फ्री हो सकती हैं, जबकि अन्य दवाइयां और मेडिकल सप्लाई 12% से घटाकर 5%।

  • डेली-यूज़ आइटम्स: पनीर, चीज़, पास्ता, बटर, आइसक्रीम, नारियल पानी, पिज्जा ब्रेड और फ्रूट जूस जैसी वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं।

  • कृषि इनपुट्स: सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, अमोनिया पर जीएसटी 18% से घटाकर 5%।

  • टेक्सटाइल्स व हैंडीक्राफ्ट: सिंथेटिक यार्न, कालीन व अन्य उत्पाद 12% से घटकर 5%।

  • ग्रीन एनर्जी: सौर कुकर 12% से घटकर 5%।

  • स्टेशनरी व शिक्षा सामग्री: नोटबुक, एटलस, मैप्स व चार्ट 12% से घटकर 5%।

  • टॉयलेट्रीज़: टूथपाउडर 12% से घटकर 5%, टूथपेस्ट 18% से घटकर 12%, वहीं साबुन, शैंपू और तेल 18% से घटकर 5%।

  • अन्य: छाता (Umbrella) पर टैक्स 5% तक घट सकता है।

महंगी हो सकती हैं ये चीजें

  • लक्ज़री और सिन गुड्स: तंबाकू, पान मसाला और लग्जरी कारों पर 40% "सिन टैक्स"।

  • इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs): ₹20–40 लाख वाले ईवी 5% से बढ़कर 18%, जबकि 40 लाख से ऊपर के लग्जरी ईवी 40% टैक्स ब्रैकेट में।

  • कोयला: 5% से बढ़कर 18% होने पर बिजली उत्पादन महंगा होगा।

  • कपड़े (Apparel): ₹2,500 से ऊपर के कपड़ों पर टैक्स 12% से बढ़कर 18%।

अर्थव्यवस्था पर असर

इन बदलावों से मध्यवर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी और घरेलू खपत बढ़ेगी
निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
सरकार को अनुमान है कि करीब ₹50,000 करोड़ का राजस्व नुकसान होगा, लेकिन खपत और बाज़ार गतिविधि से यह घाटा संतुलित हो सकता है।

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