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Trump-Putin Alaska Summit 2025: ट्रंप–पुतिन की ऐतिहासिक मुलाक़ात, मजबूत प्रतीक लेकिन समझौता अधूरा

  रिपोर्ट:✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार   

Anchorage, Alaska (15 अगस्त 2025): दुनिया की नज़रें तब अलास्का पर टिकी थीं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आमने-सामने मिले। इस ऐतिहासिक बैठक में लाल कालीन पर गर्मजोशी भरे हैंडशेक, मुस्कानें और अमेरिकी राष्ट्रपति की बख़्तरबंद गाड़ी ‘द बीस्ट’ में साझा सफर जैसे पल इतिहास का हिस्सा बने। हालांकि, कूटनीतिक उम्मीदों के बावजूद मुलाक़ात बिना किसी औपचारिक समझौते के समाप्त हो गई।



✦ लाल कालीन पर स्वागत और पहला हैंडशेक

स्थानीय समयानुसार सुबह 11:08 बजे ट्रंप Air Force One से उतरे। गहरे नीले सूट, सफेद शर्ट और लाल टाई में सजे ट्रंप ने जैसे ही पुतिन को आते देखा, मुस्कुराते हुए ताली बजाकर उनका स्वागत किया और फिर हाथ मिलाते हुए उनका कंधा थपथपाया।
पुतिन ने भी सहजता दिखाई और मज़ाकिया अंदाज़ में कुछ कहा, जिस पर दोनों नेताओं के चेहरे पर मुस्कान आ गई। यह शुरुआती दृश्य मीडिया कैमरों और वैश्विक दर्शकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र रहा।


✦ "Alaska 2025" मंच और मीडिया का शोर

दोनों नेता साथ-साथ मंच की ओर बढ़े, जिस पर “Alaska 2025” अंकित था। यहां उन्होंने एक और हैंडशेक किया और पत्रकारों के कैमरों के लिए पोज़ दिए।
पत्रकारों ने पुतिन से यूक्रेन युद्धविराम और नागरिक हताहतों पर सवाल दागे, लेकिन पुतिन ने हल्की मुस्कान और कंधे उचकाकर जवाब दिया, मानो उन्होंने सवाल सुना ही न हो। यह क्षण उनके राजनयिक अंदाज़ का प्रतीक माना गया।


✦ अमेरिकी शक्ति प्रदर्शन: आसमान में स्टेल्थ बॉम्बर

मंच पर पहुंचते ही अमेरिकी सैन्य विमानों ने आसमान में शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन किया। लड़ाकू विमानों के साथ-साथ एक B-2 स्टेल्थ बॉम्बर की गड़गड़ाहट ने पूरे माहौल को गंभीर और प्रतीकात्मक बना दिया।
विशेषज्ञों के अनुसार यह सिर्फ एक औपचारिक फ्लाई-पास्ट नहीं था बल्कि अमेरिका की सामरिक ताक़त और अपने क्षेत्रीय प्रभुत्व का संदेश भी था।


✦ ‘द बीस्ट’ में साझा सफर: कूटनीति का प्रतीक

बैठक के बाद ट्रंप और पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा का प्रतीक मानी जाने वाली बख़्तरबंद लिमोज़ीन “The Beast” में एक साथ बैठे।
इस कार की सुरक्षा प्रणाली किसी चलती-फिरती किले से कम नहीं है। इसमें ऑक्सीजन सप्लाई, गैस हमलों से बचाव की क्षमता, नाइट-विज़न, अत्याधुनिक हथियार और आपातकालीन मेडिकल उपकरण मौजूद रहते हैं।
दोनों नेताओं का इस गाड़ी में साथ बैठना केवल सुरक्षा का मामला नहीं बल्कि एक कूटनीतिक संकेत भी था कि संवाद के दरवाज़े अब भी खुले हैं।


✦ बैठक का परिणाम: प्रतीकों से आगे नहीं बढ़ सकी बातचीत

करीब दो घंटे चली इस मुलाक़ात से वैश्विक समुदाय को उम्मीद थी कि रूस–यूक्रेन संघर्ष और यूरोपीय स्थिरता पर कोई ठोस पहल होगी। लेकिन बैठक के बाद कोई औपचारिक समझौता सामने नहीं आया।
विश्लेषकों का मानना है कि यह बैठक सिर्फ प्रतीकवाद और शक्ति-प्रदर्शन तक ही सीमित रही। हालांकि, इसने भविष्य की वार्ताओं के लिए रास्ता ज़रूर खोला।


✦ वैश्विक कूटनीति के लिए संदेश

यह मुलाक़ात भले ही समझौते में तब्दील न हुई हो, लेकिन इसका राजनीतिक और राजनयिक महत्व गहरा है।

  • अमेरिका ने सैन्य ताक़त दिखाकर यह संकेत दिया कि वह किसी भी रणनीतिक समझौते में पीछे नहीं हटेगा।

  • रूस ने यह संदेश दिया कि वह दबाव में झुकने वाला नहीं है।

  • और दुनिया ने देखा कि दो बड़े विरोधी राष्ट्रों के नेता, भले ही असहमत हों, लेकिन संवाद की मेज़ पर साथ बैठने को तैयार हैं।


निष्कर्ष

अलास्का शिखर सम्मेलन 2025 ने दुनिया को यह दिखाया कि वैश्विक तनावों के बीच भी संवाद की संभावना बनी रहती है। यह मुलाक़ात इतिहास में “गर्मजोशी भरा हैंडशेक, साझा मुस्कान और ‘द बीस्ट’ में सफर” के तौर पर दर्ज होगी।
हालांकि, शांति और युद्धविराम की दिशा में अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है।

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