रिपोर्ट:✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
पटना, 16 अगस्त 2025 — कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 17 अगस्त (रविवार) से बिहार में एक बड़ी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस यात्रा का नाम ‘वोट अधिकार यात्रा’ रखा गया है, जिसका उद्देश्य राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया के माध्यम से मतदाता सूची में कथित धांधली और लोगों के वोट के अधिकार पर हो रहे हमले को उजागर करना है।
यात्रा की शुरुआत और अवधि
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने शनिवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राहुल गांधी इस यात्रा की शुरुआत सासाराम से करेंगे। यह यात्रा लगभग 15 दिनों तक चलेगी और इसका समापन 1 सितंबर को पटना में एक विशाल रैली के साथ होगा।
उन्होंने बताया कि राहुल गांधी इस दौरान बिहार में ही रहेंगे और यात्रा के अंतर्गत 25 जिलों का दौरा करेंगे। कार्यक्रम में तीन विश्राम दिवस भी रखे गए हैं — 20, 25 और 31 अगस्त।
विपक्षी एकता का प्रदर्शन
इस यात्रा में विपक्षी एकता का बड़ा प्रदर्शन देखने को मिल सकता है। सासाराम में राहुल गांधी के साथ बिहार के विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे। इसके अलावा महागठबंधन के अन्य सहयोगी दल, जिनमें वामपंथी दलों के नेता भी शामिल हैं, यात्रा में भाग लेंगे।
अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि अंतिम रैली में हम कोशिश करेंगे कि देशभर से अधिक से अधिक समान विचारधारा वाले दलों के नेता पटना में जुटें, ताकि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष की एकजुटता का मजबूत संदेश जनता तक पहुंचे।
कांग्रेस का आरोप और रणनीति
कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे Special Intensive Revision (SIR) के नाम पर बड़ी संख्या में असली मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं और चुनावी धांधली की तैयारी की जा रही है। राहुल गांधी ने हाल ही में एक वीडियो साझा कर कहा था कि जनता अब जाग चुकी है और “वोट चोरी” के खिलाफ आवाज बुलंद करेगी।
कांग्रेस का मानना है कि इस यात्रा से न सिर्फ जनता के बीच विश्वास बहाल होगा, बल्कि यह आगामी विधानसभा चुनावों में INDIA गठबंधन (Indian National Developmental Inclusive Alliance) के लिए एक मजबूत माहौल तैयार करेगी।
बिहार की राजनीति में यात्रा का महत्व
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के कारण यह यात्रा काफी अहम मानी जा रही है। राहुल गांधी का लंबे समय तक बिहार में रहना कांग्रेस के लिए एक रणनीतिक कदम है। इसके माध्यम से पार्टी न सिर्फ मतदाता सूची में हो रही कथित गड़बड़ियों को मुद्दा बनाएगी बल्कि विपक्षी एकता को भी मजबूती देगी।
1 सितंबर को होने वाली पटना रैली इस यात्रा का चरम बिंदु होगी, जहाँ बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और नेताओं की मौजूदगी विपक्ष के लिए एकता का प्रतीकात्मक प्रदर्शन करेगी।
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