लेख:जावेद अख्तर
प्रस्तावना: क्या हॉकिंग की चेतावनी सच साबित होने जा रही है?
हाल के खगोलीय घटनाक्रमों और वैज्ञानिक विश्लेषणों ने एक बार फिर दिवंगत महान भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग की उस चेतावनी को चर्चा के केंद्र में ला दिया है, जिसमें उन्होंने एलियन सभ्यताओं से संपर्क को मानवता के लिए एक संभावित विनाश का मार्ग बताया था। डेली मेल की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस चेतावनी का आधार अब और भी प्रासंगिक हो गया है क्योंकि कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ती एक रहस्यमयी वस्तु (3I/ATLAS) एलियन मुठभेड़ का संकेत हो सकती है।
हॉकिंग की भविष्यवाणी: चेतावनी जो नज़रअंदाज़ नहीं की जा सकती
स्टीफन हॉकिंग, जो सैद्धांतिक भौतिकी और ब्रह्मांड विज्ञान के क्षेत्र में विश्वप्रसिद्ध थे, ने अपने जीवनकाल में कई बार एलियन जीवन के संभावित खतरों की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा था कि अगर हम ब्रह्मांड में बुद्धिमान जीवन की खोज में सक्रिय भूमिका निभाते हैं, तो यह 'संभावित शत्रुतापूर्ण सभ्यता' को हमारी ओर आकर्षित कर सकता है। यह टकराव वैसा ही हो सकता है जैसे इतिहास में शक्तिशाली सभ्यताओं ने कमज़ोर समुदायों को मिटा दिया था।
"यदि एलियन सभ्यता हमसे उन्नत है, तो यह वैसा ही होगा जैसे कोलंबस के अमेरिका पहुंचने के बाद वहां के मूल निवासियों का क्या हश्र हुआ।" – स्टीफन हॉकिंग
एलियन संकेतों को लेकर बढ़ता खतरा: क्या हम 'इंटेलिजेंस ट्रैप' में फंस चुके हैं?
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री एवी लोएब और उनकी टीम ने हाल ही में 3I/ATLAS नामक एक इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट की गतिविधियों पर चिंता जताई है। इस पिंड को पहले एक धूमकेतु समझा गया था, लेकिन अब इसके असामान्य कक्षीय मार्ग और तेज़ गति के कारण वैज्ञानिक इसे एक संभावित कृत्रिम यान मानने लगे हैं।
यह ऑब्जेक्ट 17 दिसंबर, 2025 को पृथ्वी के निकटतम बिंदु से गुजरेगा, जिसकी दूरी 223 मिलियन मील होगी और गति 41 मील प्रति सेकंड (~150,000 मील/घंटा) होगी।
लोएब ने इस रहस्यमयी वस्तु को ‘इंटेलिजेंस ट्रैप’ कहा है – एक ऐसी स्थिति जहाँ बुद्धिमत्ता के कारण आत्मविश्वास इतना बढ़ जाता है कि विनाशकारी निर्णय लिए जा सकते हैं।
क्या यह यान एलियन सभ्यता का दूत है? दो संभावनाएं: मित्र या शत्रु
लोएब के अनुसार, अगर यह यान किसी एलियन सभ्यता का है तो उसके दो उद्देश्य हो सकते हैं:
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शांतिपूर्ण संपर्क: वैज्ञानिक, खोजकर्ता या अवलोकन मिशन
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शत्रुतापूर्ण आक्रमण: संसाधन लूटने या उपनिवेश बसाने की मंशा
उन्होंने स्पष्ट किया कि हमें इसकी व्याख्या करते हुए सतर्क रहना होगा क्योंकि अगर दूसरी संभावना सच हुई, तो मानवता को अप्रत्याशित विनाश का सामना करना पड़ सकता है।
हॉकिंग का तर्क: इंसानों को अपनी मौजूदगी प्रसारित नहीं करनी चाहिए
हॉकिंग ने बार-बार कहा कि मनुष्यों को ब्रह्मांड में रेडियो सिग्नल्स या लोकेशन ट्रांसमिशन जैसी गतिविधियों से बचना चाहिए। उनका मानना था कि इससे हम अनजाने में किसी उन्नत और शत्रुतापूर्ण सभ्यता को आमंत्रण दे सकते हैं।
"ब्रह्मांड में चुप रहना ही समझदारी है। हमें खुद को प्रचारित करने से बचना चाहिए।" – हॉकिंग
इंसानों की जिज्ञासा या आत्म-विनाश? वैज्ञानिक समुदाय में बंटी राय
हालांकि कुछ वैज्ञानिक यह मानते हैं कि एलियंस से संपर्क हमें प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और विज्ञान के नए आयाम दे सकता है, लेकिन एक बड़ा वर्ग हॉकिंग की सोच का समर्थन करता है। उनकी चिंता का आधार यह है कि यदि हम संवेदी एलियन सभ्यताओं को अपना अस्तित्व बता दें, तो यह ‘रणनीतिक भूल’ साबित हो सकती है।
इस बहस को और गहराई तब मिली जब 2024 में प्रकाशित एक शोध ने हॉकिंग की सोच की पुष्टि की। जर्नल ऑफ बायोमेडिकल फिजिक्स एंड इंजीनियरिंग में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया कि उन्नत एलियन प्रजातियाँ पृथ्वी पर उपनिवेश बसाने का प्रयास कर सकती हैं – जैसा कि मानव इतिहास में बार-बार हुआ है।
'इंटेलिजेंस ट्रैप' की अवधारणा: क्यों बुद्धिमत्ता भी धोखा दे सकती है?
‘इंटेलिजेंस ट्रैप’ एक मनोवैज्ञानिक अवधारणा है, जिसके अनुसार अत्यधिक बुद्धिमत्ता वाले व्यक्ति भी पूर्वाग्रह, अति आत्मविश्वास और पुराने अनुभवों के आधार पर गलत निर्णय ले सकते हैं। यह सोच हॉकिंग की चेतावनी को और अधिक प्रासंगिक बनाती है – कि शायद हम अपने ज्ञान और तकनीकी विकास के मद में एक ऐसी राह पर बढ़ रहे हैं जहाँ विनाश संभव है।
ग्लीज़ 832सी और संभावित संपर्क का डर
2016 में हॉकिंग ने ग्लीज़ 832सी नामक ग्रह का ज़िक्र किया, जो 16 प्रकाश वर्ष दूर है और वहाँ जीवन की संभावना जताई गई थी। हॉकिंग ने चेताया था कि यदि हमें उस ग्रह से कोई संकेत मिले, तो उसे जवाब देने में बेहद सावधानी बरतनी चाहिए।
उनका मानना था कि इंसानों को किसी भी एलियन संकेत का जवाब देने से पहले गहन वैज्ञानिक विचार-विमर्श करना चाहिए, ताकि किसी संभावित खतरे को टाला जा सके।
निष्कर्ष: क्या हम वाकई खतरे की ओर बढ़ रहे हैं?
स्टीफन हॉकिंग की भविष्यवाणियाँ केवल खगोलीय कल्पनाएं नहीं थीं, बल्कि उनके पीछे गहन वैज्ञानिक विश्लेषण, इतिहास और मानव व्यवहार की गहरी समझ थी। आज, जब वैज्ञानिक 3I/ATLAS जैसी वस्तुओं को लेकर गंभीर चेतावनियाँ दे रहे हैं, तो यह हम सबके लिए एक चेतावनी है – कि शायद वह दिन दूर नहीं जब ‘हम ब्रह्मांड में अकेले नहीं हैं’ का प्रमाण हमारे सामने होगा।
परंतु प्रश्न यह नहीं है कि एलियन हैं या नहीं, बल्कि यह है कि हम उनके संपर्क में आना चाहेंगे या नहीं? और यदि आए, तो क्या हम तैयार हैं?
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