✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
U.S. President Donald Trump ने न्यूयॉर्क सिटी मेयर चुनाव को लेकर पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो के स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के फैसले का समर्थन किया है। साथ ही उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ज़ोहरान ममदानी पर सीधा हमला बोलते हुए उन्हें ‘कम्युनिस्ट’ करार दिया है। ट्रंप के इस बयान ने अमेरिका की सबसे बड़ी नगरी के आगामी नगर प्रमुख चुनाव को और भी अधिक राजनीतिक ध्रुवीकरण की ओर धकेल दिया है।
ट्रंप का बयान: “कुओमो को रेस में बने रहना चाहिए”
मंगलवार को जब पत्रकारों ने ट्रंप से पूछा कि क्या वे कुओमो के चुनाव लड़ने के फैसले का समर्थन करते हैं, तो उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि उसे रेस में रहना चाहिए। उसके जीतने की संभावना है।” ट्रंप ने यह भी कहा, “एंड्रयू को सख्त कैंपेन चलाना होगा, क्योंकि वह एक कम्युनिस्ट के खिलाफ लड़ रहा है।”
हालांकि ट्रंप ने औपचारिक रूप से कुओमो का समर्थन नहीं किया, परंतु उन्होंने यह संकेत दिया कि अगर कोई ममदानी को हराने में सक्षम है, तो वह कुओमो हो सकते हैं। यह ट्रंप की ओर से soft endorsement (परोक्ष समर्थन) की तरह देखा जा रहा है।
कुओमो की वापसी: एक कठिन राह
67 वर्षीय एंड्रयू कुओमो, जो कभी न्यूयॉर्क के बेहद लोकप्रिय गवर्नर रहे हैं, पिछले महीने डेमोक्रेटिक प्राइमरी में ज़ोहरान ममदानी से हारने के बाद अब एक स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं।
हालांकि कुओमो के सामने बड़ी चुनौती यह है कि न्यूयॉर्क एक डेमोक्रेटिक गढ़ है, और वहां उन्हें केवल ममदानी ही नहीं, बल्कि मौजूदा मेयर एरिक एडम्स (जो स्वयं भी एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ रहे हैं) और रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लिवा से भी मुकाबला करना होगा।
कुओमो की घोषणा के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर उन्हें भारी आलोचना झेलनी पड़ी। कई यूज़र्स ने उनके यौन उत्पीड़न के आरोपों की ओर इशारा किया, जो उनके गवर्नर पद से इस्तीफे (2021) की वजह बने थे। हालांकि कुओमो ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
ममदानी के खिलाफ ट्रंप का वैचारिक हमला
33 वर्षीय ज़ोहरान ममदानी, न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के एक वामपंथी सदस्य हैं और उन्होंने अपने चुनावी एजेंडे में रहने की लागत, आवासीय संकट, और न्यायपूर्ण बजट को मुख्य मुद्दा बनाया है। ट्रंप और उनके सहयोगियों ने ममदानी को ‘कम्युनिस्ट’, ‘चरमपंथी’ और 'अमेरिका-विरोधी' कहकर लगातार निशाना बनाया है।
हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ममदानी का एजेंडा पारंपरिक कम्युनिस्ट विचारधारा—जैसे कि सरकारीकरण, निजी संपत्ति का उन्मूलन या उत्पादन के साधनों पर राज्य का स्वामित्व—से मेल नहीं खाता।
ट्रंप ने हाल ही में सोशल मीडिया पर कहा था, “एक राष्ट्रपति के रूप में मैं इस ‘कम्युनिस्ट पागल’ को न्यूयॉर्क नष्ट करने की अनुमति नहीं दूंगा। मेरे पास सारे अधिकार और सारे कार्ड हैं, मैं न्यूयॉर्क को फिर से महान बना दूंगा।”
नस्लीय और धार्मिक आलोचना
ममदानी की पहचान एक मुस्लिम और दक्षिण एशियाई अमेरिकी के रूप में है। ट्रंप के कई करीबी सहयोगियों, जिनमें कुछ सांसद और अरबपति निवेशक बिल ऐकमैन भी शामिल हैं, ने न केवल ममदानी को चरमपंथी बताया है, बल्कि उन पर फिलिस्तीनी मुद्दों का समर्थन करने और ‘आतंकवाद से सहानुभूति’ रखने का भी आरोप लगाया है।
पिछले महीने व्हाइट हाउस की ओर से भी एक बयान आया था, जिसमें कहा गया कि अगर ममदानी का ‘आतंकवाद से संबंध’ साबित हुआ तो उनकी नागरिकता की समीक्षा की जा सकती है। हालांकि, अब तक ऐसे किसी आरोप की कोई ठोस पुष्टि नहीं हुई है।
ममदानी का जवाब: ट्रंप का समर्थन कुओमो के लिए शर्मनाक
ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ममदानी के अभियान दल ने एक तीखा व्यंग्य किया। उन्होंने कहा, “स्पष्ट रूप से यह जीत अपने आप में बोलती है। असली सवाल यह है कि क्या कुओमो अब ट्रंप के समर्थन को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करेंगे या चुपचाप उसका लाभ उठाते रहेंगे?”
यह बयान साफ तौर पर संकेत करता है कि ममदानी अपने विरोधियों की रणनीति को ‘राजनीतिक अवसरवाद’ और ‘ध्रुवीकरण की राजनीति’ मानते हैं।
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