✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली, 5 जुलाई 2025
भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक PNB घोटाले में आज एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भाई नेहल दीपक मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी भारत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर की गई है और इसे भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है।
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नीरव मोदी के भाई की अमेरिका में गिरफ्तारी से भारत को क्यों मिली बड़ी कानूनी बढ़त
नेहल मोदी, जो कि एक बेल्जियम नागरिक हैं, को अमेरिकी अधिकारियों ने 4 जुलाई को इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के तहत पकड़ा। यह नोटिस भारत की जांच एजेंसियों CBI और ED के अनुरोध पर जारी किया गया था। सूत्रों के अनुसार, नेहल ने इस नोटिस को रद्द करवाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी, लेकिन अंततः उन्हें गिरफ्तारी से नहीं बचाया जा सका।
क्या हैं नेहल मोदी पर आरोप
नेहल मोदी पर आरोप है कि उन्होंने:
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नीरव मोदी को सबूत मिटाने और गवाहों को धमकाने में मदद की
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घोटाले से निकले हजारों करोड़ रुपये के काले धन को विदेशी कंपनियों के ज़रिए सफेद किया
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भारत से बाहर मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क खड़ा किया
CBI और ED की जांच में ये स्पष्ट हुआ है कि नेहल ने घोटाले से कमाए पैसे को कई शेल कंपनियों के माध्यम से विदेशों में ट्रांसफर किया।
अगली सुनवाई और प्रत्यर्पण प्रक्रिया
नेहल मोदी की गिरफ्तारी के बाद अब इस केस की अगली सुनवाई 17 जुलाई 2025 को अमेरिका में होनी है। इस दौरान उनकी तरफ से जमानत याचिका दायर की जा सकती है, लेकिन अमेरिकी सरकार की ओर से पहले ही कहा गया है कि वे इसका विरोध करेंगे।
कितना बड़ा है PNB घोटाला
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घोटाले की कुल राशि: ₹13,500 करोड़ (लगभग 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर)
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नीरव मोदी पर आरोप: ₹6,498.20 करोड़ की धोखाधड़ी
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मेहुल चौकसी पर आरोप: ₹7,080.86 करोड़ की हेराफेरी
दोनों आरोपी जनवरी 2018 में भारत से फरार हो गए थे। नीरव मोदी को मार्च 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और वह अब भी वहां की जेल में बंद हैं। मेहुल चौकसी एंटीगुआ में रह रहा है और अपनी नागरिकता को लेकर कोर्ट में केस लड़ रहा है।
यह गिरफ्तारी भारत के लिए क्यों है बड़ी जीत
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रियता बढ़ाई है। नेहल मोदी की गिरफ्तारी इस दिशा में एक बड़ी और निर्णायक उपलब्धि है। यह केस आने वाले दिनों में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की वापसी की प्रक्रिया को तेज़ कर सकता है।