रिपोर्टिंग: कविता शर्मा | पत्रकार
नई दिल्ली, 4 जुलाई 2025 — देशभर के लाखों छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को NEET UG 2025 की अंतिम उत्तर कुंजी में कथित गलती को लेकर दायर की गई एक याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने साफ़ किया कि वह राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के परिणाम घोषित होने के बाद व्यक्तिगत शिकायतों पर हस्तक्षेप नहीं करेगी, भले ही वह आपत्ति सही क्यों न हो।
यह याचिका शिवम गांधी रैना नामक एक छात्र द्वारा दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने NEET-UG 2025 के प्रश्न पत्र के कोड नंबर 47 के प्रश्न संख्या 136 की उत्तर कुंजी में त्रुटि होने का दावा किया था। छात्र ने यह भी आग्रह किया था कि परामर्श प्रक्रिया (काउंसलिंग) को स्थगित किया जाए और अंतिम परिणाम की दोबारा समीक्षा की जाए।
❝सभी छात्रों के हित में सुप्रीम कोर्ट का संतुलित रुख❞
न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि –
“देशव्यापी प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम आने के बाद व्यक्तिगत आपत्तियों के आधार पर हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते, भले ही उनमें तथ्यात्मक दम क्यों न हो।”
याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील आर. बालासुब्रमण्यम ने तर्क दिया कि NEET UG 2024 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने IIT दिल्ली की विशेषज्ञ रिपोर्ट के आधार पर उत्तर कुंजी में बदलाव करवाया था। उन्होंने कहा, “एक अंक का फर्क छात्रों के भविष्य के लिए बहुत बड़ा होता है, ऐसे में इस पर पुनर्विचार ज़रूरी है।”
🔍 लेकिन 2024 और 2025 के मामलों में बड़ा अंतर: सुप्रीम कोर्ट
अदालत ने पिछले वर्ष के मामले और इस वर्ष के मामले में अंतर को रेखांकित करते हुए कहा:
“2024 में कोर्ट ने इसलिए हस्तक्षेप किया था क्योंकि परीक्षा के संचालन में बड़े स्तर पर खामियों और शिकायतों की बात सामने आई थी।”
वहीं 2025 के केस में ऐसी कोई बड़ी खामी या सामूहिक शिकायत सामने नहीं आई है, इसलिए इस बार कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया।
🔴 छात्रों के लिए क्या संदेश?
यह फैसला NEET, JEE जैसे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के लिए एक बड़ा संदेश है — अगर उत्तर कुंजी में कोई त्रुटि हो भी, तो उसके खिलाफ सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर कोर्ट का रुख सकारात्मक नहीं होगा। सामूहिक और ठोस प्रमाणों के साथ ही न्याय की उम्मीद की जा सकती है।
📌 निष्कर्ष:-
सुप्रीम कोर्ट अब व्यक्तिगत याचिकाओं के आधार पर उत्तर कुंजी बदलने के पक्ष में नहीं।