कैसे हुआ हादसा?
12 जून 2025 को, एयर इंडिया का एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद क्रैश हो गया। विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई, जबकि 19 अन्य की जान जमीन पर गई, जिससे कुल 260 लोग इस त्रासदी के शिकार बने। यह घटना दुनिया के पिछले एक दशक का सबसे बड़ा विमान हादसा बन गई।
ब्लैक बॉक्स डेटा रिकवरी: जांच में महत्वपूर्ण मोड़
भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 26 जून को पुष्टि की कि हादसे के दो सप्ताह बाद, एयरक्राफ्ट के ब्लैक बॉक्स (CVR और FDR) से डेटा को सफलतापूर्वक डिकोड और डाउनलोड कर लिया गया है।
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पहला रिकॉर्डर (संभवतः FDR) 13 जून को एक इमारत की छत से मिला था
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दूसरा रिकॉर्डर (संभवतः CVR) मलबे से 16 जून को प्राप्त हुआ
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डेटा को एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) और अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) की टीम द्वारा रिट्रीव किया गया
जांच का उद्देश्य और अब तक की थ्योरी
उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, इस डेटा के जरिए हादसे से पहले की घटनाओं का क्रम पुनर्निर्मित किया जाएगा, ताकि दुर्घटना के कारणों का गहन विश्लेषण किया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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विमान सिर्फ 650 फीट ऊंचाई तक ही पहुंच पाया था जब वह तेजी से गिरने लगा
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प्रारंभिक जांच में इंजन थ्रस्ट में संभावित कमी और इमरजेंसी पावर जनरेटर के सक्रिय होने का संदेह
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GE द्वारा निर्मित इंजन और "Enhanced Airborne Flight Recorder" दोनों मौजूद थे
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फॉरवर्ड रिकॉर्डर में इंडिपेंडेंट बैकअप पावर था, जिससे डेटा सुरक्षित रहा
जांच में देरी पर सवाल
विशेषज्ञों के अनुसार, ब्लैक बॉक्स डेटा डाउनलोड में दो सप्ताह की देरी असामान्य है। आमतौर पर, इस स्तर के हादसे में रिकॉर्डर्स से डेटा जल्दी निकाला जाता है।
एंथनी ब्रिकहाउस, एक अमेरिकी उड्डयन विशेषज्ञ ने कहा:
"ऐसे हाई-प्रोफाइल क्रैश में आमतौर पर देश तत्काल अपडेट देते हैं, क्योंकि पूरी दुनिया उन्हें देख रही होती है।"
NTSB की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने आशा व्यक्त की कि भारत सरकार जल्द से जल्द जांच के परिणाम सार्वजनिक करेगी।
भविष्य की राह: 30 दिन में आएगी प्राथमिक रिपोर्ट
भारत सरकार ने कहा है कि सभी गतिविधियाँ घरेलू कानूनों और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुसार तय समय में की जा रही हैं।
जांचकर्ताओं की टीम को उम्मीद है कि 30 दिनों के भीतर प्राथमिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सकेगी, जिससे घटना की वास्तविक वजह सामने आ सकेगी।
निष्कर्ष: क्यों यह हादसा ऐतिहासिक है
यह हादसा ना सिर्फ 260 लोगों की जान लेकर भारत के विमानन इतिहास का काला अध्याय बन गया, बल्कि इसने वैश्विक स्तर पर सुरक्षा मानकों पर फिर से सोचने की आवश्यकता पैदा कर दी है।
ब्लैक बॉक्स से मिले डेटा से यह स्पष्ट हो सकेगा कि तकनीकी गड़बड़ी, मानवीय त्रुटि, या कोई अन्य कारण इस दुखद घटना के पीछे जिम्मेदार था। अब सबकी निगाहें इस जांच पर हैं, जिससे न केवल मृतकों के परिवारों को न्याय मिल सके, बल्कि भविष्य की उड़ानों को भी सुरक्षित बनाया जा सके।
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