नई दिल्ली/वॉशिंगटन:
भारत और पाकिस्तान, जो आज से 77 वर्ष पहले ब्रिटिश उपनिवेशवाद से मुक्त होकर दो स्वतंत्र राष्ट्रों के रूप में अस्तित्व में आए थे, एक बार फिर वैश्विक सुर्खियों में हैं। शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस हमले के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न सिर्फ इस घटना की निंदा की, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक तनावों पर भी खुलकर टिप्पणी की।
डोनाल्ड ट्रंप का बयान:
इटली के लिए एयर फोर्स वन से प्रस्थान करते समय संवाददाताओं से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा,
"मैं भारत और पाकिस्तान दोनों के बहुत करीब हूं। ये संघर्ष हजार वर्षों से कश्मीर में जारी है, संभवतः उससे भी अधिक समय से। यह हमला बेहद भयानक था।"
ट्रंप ने अपने बयान में यह दावा भी किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच की सरहद पर "1,500 वर्षों से तनाव" चला आ रहा है। उन्होंने कहा,
"इस सीमा पर लंबे समय से तनाव है, और मुझे उम्मीद है कि एक दिन वे इसे सुलझा लेंगे। मैं दोनों देशों के नेताओं को जानता हूं, और इस क्षेत्र में हमेशा से गहरी असहमति रही है।"
उनकी यह टिप्पणी ऐतिहासिक दृष्टिकोण से कुछ आलोचनाओं को आमंत्रित कर सकती है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान का विभाजन केवल 77 साल पहले 1947 में हुआ था, जब ब्रिटिश शासन के अंत के साथ उपमहाद्वीप का विभाजन हुआ था।
पहलगाम आतंकी हमला:
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरान घास के मैदान के निकट अज्ञात बंदूकधारियों ने अचानक गोलियां बरसानी शुरू कर दीं, जिसमें अधिकांशतः पर्यटक मारे गए। प्रारंभिक जांच के अनुसार, हमलावरों के तार पाकिस्तान-आधारित आतंकी संगठनों से जुड़े होने की आशंका जताई गई है। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) में अपनी भागीदारी को निलंबित करने का फैसला भी लिया है।ट्रंप का सोशल मीडिया संदेश:
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म TruthSocial पर इस दुखद घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा,
"कश्मीर से आई खबरें अत्यंत दुखद हैं। अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। हम मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के अद्भुत लोगों के साथ हमारी पूरी सहानुभूति है। हमारा दिल आपके साथ है।"
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया:
पहलागाम हमले के बाद कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने भारत के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है:-
ईरान ने भारत से संपर्क कर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की है।
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ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजेश्कियन और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बातचीत कर इस दुखद घटना पर संवेदना प्रकट की और भारत के साथ एकजुटता जताई।
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भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भी मिस्र के विदेश मंत्री डॉ. बद्र अब्देलअट्टी के साथ बातचीत के बाद ट्वीट किया,
"पहलगाम आतंकी हमले के संबंध में मिस्र के समर्थन और एकजुटता की सराहना करता हूं। आतंकवाद का दृढ़ता से मुकाबला करना अत्यंत आवश्यक है।"
विश्लेषण:
डोनाल्ड ट्रंप का कश्मीर विवाद को "1,500 वर्षों से जारी संघर्ष" के रूप में पेश करना ऐतिहासिक वास्तविकताओं से मेल नहीं खाता, क्योंकि आधुनिक कश्मीर समस्या का उद्भव ब्रिटिश भारत के विभाजन और रियासतों के विलय के प्रश्न से जुड़ा है। फिर भी, उनका बयान इस बात को रेखांकित करता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर को एक जटिल और दीर्घकालिक संघर्ष के रूप में देखा जाता है, जो वैश्विक स्थिरता और दक्षिण एशिया की शांति के लिए एक प्रमुख चुनौती बना हुआ है।