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Odisha हिला देने वाला Suicide: जानिए क्यों भड़की राज्यभर में आग जैसी बगावत!

 भुवनेश्वर | 16 जुलाई 2025 | रिपोर्ट: सरफ़राज़ ज़हूरी 


📰 मामले का संक्षिप्त परिचय (Introduction)

ओडिशा की राजनीति में उस समय भूचाल आ गया जब बालासोर जिले की एक छात्रा द्वारा आत्मदाह किए जाने के बाद उसकी मौत ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। छात्रा ने एक प्रोफेसर द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी, जिसे कॉलेज प्रशासन और पुलिस द्वारा कथित रूप से नजरअंदाज कर दिया गया। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर विपक्षी दल बीजू जनता दल (BJD) ने बुधवार को राज्य सचिवालय लोक सेवा भवन का घेराव करने की कोशिश की। आंदोलन के दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ जिसमें जल तोप और आंसू गैस का प्रयोग किया गया और कई नेता घायल हो गए।


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📌 घटना की पृष्ठभूमि: उपेक्षा और त्रासदी

यह दुखद मामला बालासोर जिले के एक प्रतिष्ठित सरकारी कॉलेज से जुड़ा है, जहां छात्रा ने एक प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। छात्रा के परिवार के अनुसार, उसने कॉलेज प्रबंधन, स्थानीय पुलिस और उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मानसिक दबाव और सामाजिक अपमान से त्रस्त होकर छात्रा ने आत्मदाह कर लिया। अस्पताल में कुछ दिन संघर्ष करने के बाद उसकी मृत्यु हो गई।

यह घटना राज्य में महिला सुरक्षा, कॉलेज परिसरों में शोषण, और प्रशासनिक लापरवाही जैसे संवेदनशील मुद्दों को फिर से केंद्र में ले आई है।


⚠️ भुवनेश्वर में तनाव: जल तोप, आंसू गैस और घायल नेता

बुधवार को बीजेडी ने बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को राजधानी में जुटाकर लोक सेवा भवन की ओर मार्च निकाला। जैसे ही कार्यकर्ता बैरिकेड को पार करने लगे, पुलिस ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए जल तोप और आंसू गैस के गोले छोड़े।

इस दौरान कई प्रमुख बीजेडी नेता घायल हो गए, जिनमें शामिल हैं:

  • प्रणब प्रकाश दास (पूर्व मंत्री)

  • प्रीतिरंजन घटेई

  • सुलता देव (राज्यसभा सांसद)

पार्टी सूत्रों के अनुसार, सभी नेताओं को राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।


🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रिया: इस्तीफे की मांग और आंदोलन की चेतावनी

बीजेडी नेताओं ने आरोप लगाया है कि छात्रा ने मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सुरज से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

वरिष्ठ नेता संजय दासबर्मा ने कहा:

"यह आंदोलन अभी शुरुआत है। जब तक मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री इस्तीफा नहीं देते और न्यायिक जांच की घोषणा नहीं होती, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।"

अरुण कुमार साहू ने यह भी कहा कि यह आंदोलन केवल एक छात्रा के लिए नहीं, बल्कि पूरे राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लोगों की आवाज है।


🚨 सुरक्षा व्यवस्था और गिरफ्तारियां

राज्य सरकार ने राजधानी में सख्त सुरक्षा व्यवस्था लागू की थी। सभी मार्गों पर धारा 144 लागू थी और पुलिस द्वारा बैरिकेड्स लगाए गए थे।

सूत्रों के अनुसार:

  • 500+ बीजेडी कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए

  • 15 से अधिक स्थानों पर ट्रैफिक अवरोध

  • प्रमुख मार्ग NH-16 (चेन्नई-हावड़ा) पर यातायात ठप


🔥 बालासोर में बंद और रेलवे ट्रैफिक पर असर

बीजेडी ने बुधवार को बालासोर जिले में आठ घंटे का बंद बुलाया, जिसका व्यापक असर देखने को मिला।

  • सभी शैक्षणिक संस्थान, बाजार, और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे।

  • रेल सेवाएं बाधित रहीं।

  • कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर रेल पटरी पर धरना दिया।


⚰️ अंतिम संस्कार के दौरान भारी पुलिस बल

छात्रा के अंतिम संस्कार के दौरान भी प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखी। ग्रामीणों और आम नागरिकों में गहरा शोक और आक्रोश देखा गया। कई संगठनों ने पीड़िता के लिए न्याय की मांग की है।


📢 निष्कर्ष: ओडिशा में महिला सुरक्षा पर बड़ा सवाल

यह घटना राज्य में महिला सुरक्षा, कॉलेजों में संस्थागत जवाबदेही, और प्रशासनिक संवेदनशीलता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है। बीजेडी के इस आंदोलन ने इस संवेदनशील विषय को राज्यभर में चर्चा का केंद्र बना दिया है।

आगामी दिनों में यह मुद्दा राजनीतिक रूप से और भी ज्यादा गर्मा सकता है, खासकर अगर सरकार न्यायिक जांच और जवाबदेही को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती।

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