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संभल जामा मस्जिद के सदर ज़फर अली साहब की गिरफ़्तारी पर अधिवक्ताओं का ज़ोरदार प्रदर्शन

 संभल  चंदौसी और अन्य शहरों में ज़फर अली साहब की गिरफ़्तारी के विरोध में वकीलों का व्यापक प्रदर्शन – रिहाई की मांग तेज़

संभल जामा मस्जिद के सदर ज़फर अली साहब की गिरफ़्तारी के बाद से संभल , चंदौसी और कई अन्य शहरों में अधिवक्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि ज़फर अली साहब को गलत तरीके से फंसाया गया है और उनकी छवि हमेशा से एक शांतिप्रिय समाजसेवी की रही है। उनकी रिहाई की मांग करते हुए वकीलों ने हड़ताल कर दी है और विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला लगातार तेज़ होता जा रहा है।



मुरादाबाद जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप

ज़फर अली साहब के छोटे भाई ताहिर अली साहब ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 70 वर्षीय ज़फर अली साहब की तबीयत ठीक नहीं रहती, लेकिन प्रशासन उन्हें न तो ज़रूरी दवाइयाँ उपलब्ध करा रहा है और न ही मुलाक़ात की इजाज़त दे रहा है। जब वे जेल में उनसे मिलने गए और चादर व दवाइयाँ देने की कोशिश की, तो जेल अधिकारियों ने बदसलूकी की और किसी हार्डकोर क्रिमिनल के परिवार की तरह हम से व्यवहार किया  व्यवहार किया

ताहिर अली साहब ने सवाल उठाते हुए कहा,
"मेरे भाई ने हर बैठक में पुलिस का सहयोग किया, शहर में अमन-चैन बनाए रखने के लिए दिन-रात मेहनत की, फिर भी उन्हें झूठे आरोपों में फंसा दिया गया। प्रशासन से कोई भी पूछ सकता है कि ज़फर अली की छवि संभल में हमेशा एक शांतिदूत और एकता के समर्थक की रही है। वह तमाम अमन कमेटियों का हिस्सा रहे हैं, फिर उन्हें क्यों फंसाया गया?"


ज़फर अली साहब – संभल में शांति और सद्भाव के प्रतीक

ज़फर अली साहब को संभल में शांति और सौहार्द्र के दूत के रूप में जाना जाता है। वह हमेशा से हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए काम करते रहे हैं और हर संवेदनशील स्थिति में प्रशासन के साथ मिलकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं।

स्थानीय नागरिकों और अधिवक्ताओं का कहना है कि पुलिस ने उन पर कार्रवाई करके न सिर्फ़ एक निर्दोष व्यक्ति को निशाना बनाया है, बल्कि संभल जैसे संवेदनशील शहर में गलत संदेश दिया है।

एक स्थानीय समाजसेवी ने कहा,
"ज़फर अली साहब पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। उनका पूरा जीवन समाज सेवा और शांति स्थापित करने में बीता है। वह  संभल के सामाजिक ढांचे का एक मजबूत स्तंभ हैं। प्रशासन को जल्द से जल्द उनकी रिहाई करनी चाहिए।"


वकीलों का विरोध – हर शहर में बढ़ रहा दबाव

संभल, चंदौसी और आसपास के शहरों में अधिवक्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर संपूर्ण हड़ताल कर दी है। उनकी मांग स्पष्ट है –
ज़फर अली साहब को तुरंत रिहा किया जाए।
उन पर लगाए गए बेबुनियाद आरोपों की निष्पक्ष जांच हो।
जेल प्रशासन द्वारा किए गए दुर्व्यवहार की जांच हो।

अधिवक्ताओं का कहना है कि अगर जल्द ही न्याय नहीं मिला, तो यह विरोध प्रदेशव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है।

एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा:
"ज़फर अली साहब की गिरफ़्तारी अन्यायपूर्ण है। हमारी हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता। अगर प्रशासन ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया, तो विरोध प्रदर्शन पूरे राज्य में फैल जाएगा।"


क्या प्रशासन दबाव में है?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ज़फर अली साहब की गिरफ़्तारी किसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकती है। संभल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में हमेशा से सत्ता संतुलन को लेकर गतिविधियाँ चलती रही हैं।

विरोध प्रदर्शन को मिल रहे जनसमर्थन के कारण प्रशासन पर अब भारी दबाव है। इस मामले ने मीडिया का भी ध्यान आकर्षित किया है और लगातार खबरें फैल रही हैं कि पुलिस की कार्रवाई एकतरफा हो सकती है।


आगे की रणनीति – न्याय के लिए संघर्ष जारी

विरोध कर रहे अधिवक्ताओं और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। अधिवक्ताओं का यह भी कहना है कि वह न्यायपालिका में पूर्ण विश्वास रखते हैं और कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से ज़फर अली साहब की रिहाई के लिए प्रयास करेंगे।

एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा:
"हमारी न्याय प्रणाली पर हमें पूरा भरोसा है। साज़िशें कितने भी बड़े स्तर पर क्यों न हों, सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता। अदालतों में न्याय ज़रूर मिलेगा।"


निष्कर्ष:-

🔹 ज़फर अली साहब एक समाजसेवी और अमन-शांति के समर्थक हैं।
🔹 अधिवक्ताओं और आम जनता ने उनकी रिहाई के लिए ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
🔹 मुरादाबाद जेल प्रशासन पर दुर्व्यवहार और अमानवीय व्यवहार के गंभीर आरोप हैं।
🔹 यदि प्रशासन ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया, तो यह विरोध राज्यव्यापी आंदोलन में बदल सकता है।
🔹 न्याय प्रणाली पर विश्वास कायम रखते हुए कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।

अब पूरे राज्य की निगाहें इस मामले पर टिकी हुई हैं। क्या ज़फर अली साहब को न्याय मिलेगा? प्रशासन का अगला कदम क्या होगा? यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा।

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