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राहुल गांधी का ‘वोट चोरी’ आरोप: हरियाणा चुनावों में 5.21 लाख फर्जी वोटर, कांग्रेस नेता ने कहा — “ये चुनाव नहीं, चोरी थी”

 नई दिल्ली | 5 नवम्बर 2025 | रिपोर्ट: Z S Razzaqi |वरिष्ठ पत्रकार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को फिर से देश की चुनाव प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव (2024) में करीब 5.21 लाख फर्जी मतदाता शामिल थे और यह “संगठित रूप से की गई चुनावी चोरी” थी।

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🔹 “हरियाणा में चुनाव नहीं, चोरी हुई है” — राहुल गांधी

नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि “हरियाणा में चुनाव नहीं, बल्कि चोरी हुई है — और सबको पता है कि ये किसने किया।”

उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ मिलीभगत में काम कर रहा है, जिससे “लोकतंत्र को बर्बाद” किया जा रहा है।

“यह चोरी अब औद्योगिक स्तर पर हो रही है। अब ये सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में फैलाई जा रही है। और अब ये ‘सिस्टम’ बिहार में भी लागू करने की तैयारी है,” — राहुल गांधी।


🔹 राहुल गांधी के बड़े दावे

राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई चौंकाने वाले आंकड़े और उदाहरण पेश किए:

  • 5,21,619 फर्जी मतदाता हरियाणा की मतदाता सूची में मौजूद।

  • 1,24,177 वोटर एक जैसी फोटो के साथ पंजीकृत पाए गए।

  • एक ही मतदाता 223 बार वोट डालते हुए रिकॉर्ड में मिला

  • ब्राज़ील की एक मॉडल की तस्वीर तक मतदाता सूची में इस्तेमाल की गई, जो कथित रूप से 10 बूथों पर 22 बार “वोट डाल चुकी” बताई गई।

उन्होंने कहा कि, “यह कोई गलती नहीं, बल्कि एक संगठित साज़िश है। चुनाव आयोग इसका हिस्सा बन चुका है।”


🔹 “CEC वोट चोरों की रक्षा कर रहा है”

राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ग़यानेश कुमार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि CEC उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं जो लोकतंत्र को नष्ट कर रहे हैं।

“CEC उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं जो वोट चुराते हैं। उन्होंने तकनीकी जानकारी साझा करने से इनकार किया कि किन लोगों ने कर्नाटक की महादेवपुरा सीट से वोटर लिस्ट में नाम काटने की कोशिश की।”


🔹 ‘ऑपरेशन सरकार चोरी’ — कांग्रेस की नई मुहिम

राहुल गांधी ने अपने भाषण में “ऑपरेशन सरकार चोरी” नाम से एक नया अभियान शुरू करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह योजना हरियाणा में कांग्रेस की भारी जीत को हार में बदलने के लिए रची गई थी।

“हमारे पास पुख्ता सबूत हैं कि भाजपा ने अपनी ‘व्यवस्थाएं’ तैयार कर रखी थीं। हर विधानसभा क्षेत्र में डुप्लिकेट वोटर बनाए गए।”


🔹 बीजेपी का पलटवार: “बेसिर-पैर का आरोप”

भाजपा ने राहुल गांधी के आरोपों को “झूठा और आधारहीन” बताया है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस खुद अपनी हार का ठीकरा अब चुनाव आयोग और सरकार पर फोड़ रही है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा —

“अगर कांग्रेस को फर्जी वोटर दिखे थे, तो उसके बूथ-लेवल एजेंट (BLA) ने तब आपत्ति क्यों नहीं दर्ज कराई? अब जब हार गए, तो लोकतंत्र पर सवाल उठाना बंद करें।”


🔹 चुनाव आयोग का जवाब

चुनाव आयोग (ECI) ने भी राहुल गांधी के आरोपों को “गलत और निराधार” बताया है। आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि हरियाणा में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता सूची पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई थी।

“कांग्रेस के बूथ लेवल एजेंट्स ने नामों की जांच के दौरान कोई दावा या आपत्ति नहीं उठाई थी,” — चुनाव आयोग का बयान।


🔹 राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’ और भविष्य की रणनीति

यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने इस तरह के आरोप लगाए हैं। सितंबर 2025 में उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी थी कि वे जल्द ही “हाइड्रोजन बम” फोड़ने वाले हैं — जो अब जाकर सामने आया है।

राहुल गांधी ने दावा किया कि उनके पास देश के अन्य राज्यों — उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक और गुजरात — में भी वोट चोरी से जुड़े दस्तावेज़ हैं, जिन्हें वे जल्द सार्वजनिक करेंगे।


🔹 ‘वोट चोरी’ पर जनता की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का बयान तेजी से वायरल हो गया। ट्विटर (X) पर हैशटैग #VoteChoriExpose और #OperationSarkarChori ट्रेंड करने लगे।
कई यूज़र्स ने चुनाव आयोग से पारदर्शी जांच की मांग की, जबकि भाजपा समर्थकों ने राहुल के दावों को “राजनीतिक नाटक” बताया।


🔹 विश्लेषण: भारतीय लोकतंत्र में बढ़ता अविश्वास

राहुल गांधी के आरोप सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं हैं, बल्कि यह भारत के चुनावी तंत्र पर जनता के भरोसे की नींव को भी चुनौती देते हैं।
एक तरफ भाजपा खुद को “लोकतांत्रिक सुधारक” बताती है, वहीं विपक्ष बार-बार EVM, मतदाता सूची और निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाता रहा है।

यदि इन आरोपों की जांच निष्पक्ष रूप से नहीं होती, तो यह न केवल 2024 के हरियाणा चुनाव, बल्कि 2026 के आगामी बिहार विधानसभा चुनाव पर भी असर डाल सकती है।


🔹 निष्कर्ष

राहुल गांधी का यह आरोप सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं है — यह एक राष्ट्रव्यापी बहस की शुरुआत है कि भारत में “लोकतंत्र” कितना लोकतांत्रिक रह गया है।
अब देखने वाली बात होगी कि क्या चुनाव आयोग इस पर कोई औपचारिक जांच शुरू करता है या यह मामला भी पिछले आरोपों की तरह समय के साथ धुंधला पड़ जाता है

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