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10वीं पास सिक्योरिटी गार्ड बना सॉफ्टवेयर इंजीनियर, Zoho की ये कहानी हर युवा को झकझोर देगी

लेख:जावेद अख्तर     

जब दुनिया में सफलता की कहानियाँ अक्सर विशेषाधिकार से शुरू होती हैं, वहीं एक शख़्स की कहानी मेहनत, लगन और आत्म-विश्वास से लिखी गई है।

यह कहानी है अब्दुल अलीम की — जो कभी Zoho कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड थे और आज वहीं सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर के पद पर काम कर रहे हैं। उनकी यह असाधारण यात्रा आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है।


Symbolic Image  

संघर्ष से शुरू हुई सफलता की कहानी

साल 2013 में अब्दुल अलीम ने Zoho कंपनी में कदम रखा, लेकिन एक इंजीनियर के रूप में नहीं, बल्कि एक सिक्योरिटी गार्ड के रूप में।
वे अपने घर से सिर्फ ₹1,000 लेकर निकले थे, जिसमें से ₹800 उन्होंने ट्रेन टिकट पर खर्च कर दिए। बाकी पैसों से उन्होंने हफ्तों तक सड़कों पर भटकते हुए नौकरी की तलाश की — और आखिरकार Zoho के सिक्योरिटी डेस्क पर काम मिल गया।

कहानी में मोड़ तब आया जब Zoho के वरिष्ठ कर्मचारी शिबु एलेक्सिस (Shibu Alexis) ने उनकी आंखों में कुछ अलग देखा।
उन्होंने कहा,

“अलीम, मैं तुम्हारी आंखों में कुछ देख रहा हूं।”
यह एक छोटी-सी बात थी, लेकिन अलीम के लिए जिंदगी का टर्निंग पॉइंट बन गई।

जब एलेक्सिस ने जाना कि अलीम को स्कूल के दिनों से HTML की थोड़ी जानकारी है, तो उन्होंने उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे दोबारा सीखना शुरू करें — भले ही इसका मतलब 12 घंटे की ड्यूटी के बाद थके हुए रात में पढ़ाई करना हो।


खुद से सीखने का सफर और अदम्य लगन

बिना किसी डिग्री, कोचिंग या संसाधन के अलीम ने खुद से प्रोग्रामिंग सीखनी शुरू की।
वो रातों को ऑनलाइन ट्यूटोरियल देखते, कोडिंग की प्रैक्टिस करते और गलतियों से सीखते रहे।
सिर्फ आठ महीनों में उन्होंने एक ऐसा छोटा ऐप बनाया जो यूज़र इनपुट लेकर उसे विज़ुअल फॉर्म में दिखाता था।

यह देखकर शिबु एलेक्सिस इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अलीम का ऐप कंपनी के मैनेजर को दिखाया। जल्द ही अलीम को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया, और उन्होंने उसे शानदार तरीके से पास कर लिया — भले ही उनकी शिक्षा सिर्फ 10वीं कक्षा तक ही थी और उन्होंने कभी कॉलेज नहीं देखा था।


Zoho यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग तक का सफर

Zoho ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अपनी इन-हाउस ट्रेनिंग प्रोग्राम Zoho University में दाखिला दिलाया।
यहां एक साल की प्रोग्रामिंग ट्रेनिंग के बाद अलीम को इंजीनियरिंग ट्रेनी के रूप में मौका मिला, और धीरे-धीरे उन्होंने कंपनी के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में योगदान देना शुरू किया।

वक्त के साथ उन्होंने JavaScript, Node.js, React, CSS, JSON, और jQuery जैसी तकनीकों में महारत हासिल की।
आज वे Zoho में एक कुशल और सम्मानित सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर हैं।


महामारी के दौरान नवाचार: COVID-19 ट्रैकर का निर्माण

साल 2020 में, जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी, अलीम ने एक COVID-19 लाइव ट्रैकर बनाया जो रियल टाइम न्यूज़ अपडेट्स को इंटीग्रेट करता था।
यह न सिर्फ उनकी तकनीकी प्रतिभा का प्रतीक था, बल्कि उनकी मानवीय संवेदनशीलता का भी उदाहरण था।


सोशल मीडिया पर मिला जबरदस्त सम्मान

अब्दुल अलीम की पुरानी LinkedIn पोस्ट हाल ही में फिर से वायरल हुई, जिसने हजारों लोगों के दिल छू लिए।
एक यूज़र ने लिखा,

“Practice always makes perfect. बहुत प्रेरणादायक कहानी, अब्दुल अलीम।”
वहीं दूसरे ने कहा,
“Zoho जैसी कंपनियाँ ऐसे लोगों को जीवन देती हैं जो सीखने की चाह रखते हैं। तुम्हारा जुनून और समर्पण ही तुम्हें यहां तक लाया है।”

लोगों ने इसे एक ऐसी कहानी बताया जो दिखाती है कि प्रतिभा किसी डिग्री की मोहताज नहीं होती, बस किसी एक मौके की जरूरत होती है।


कहानी का संदेश: जहां चाह वहां राह

अब्दुल अलीम की यात्रा सिर्फ करियर ग्रोथ की नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की मिसाल है।
उनकी कहानी यह साबित करती है कि सफलता का रास्ता डिग्री या पृष्ठभूमि से नहीं, बल्कि सीखने की लगन और निरंतर प्रयास से बनता है।

आज अलीम न सिर्फ Zoho में काम कर रहे हैं, बल्कि ऐसे युवाओं के लिए प्रेरणा भी बन चुके हैं जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ा सपना देखने की हिम्मत रखते हैं।

“मंज़िल उसी की होती है जो रुकता नहीं…
और अलीम की कहानी इस जज़्बे की सबसे सुंदर मिसाल है।”

 

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