12 अक्टूबर 2025:✍🏻 Z S Razzaqi | वरिष्ठ पत्रकार
भारत की बाजार नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी और उनकी कंपनियों पर लगे स्टॉक मैनिपुलेशन (शेयर बाज़ार में हेरफेर) के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। ये आरोप 2023 में अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए थे, जिसने अदाणी ग्रुप पर टैक्स हेवन देशों का इस्तेमाल करने और संबंधित पक्षों के बीच लेन-देन छिपाने का आरोप लगाया था।
SEBI की जांच रिपोर्ट में नहीं मिला कोई उल्लंघन
SEBI ने दो अंतिम आदेश जारी करते हुए कहा कि अदाणी पोर्ट्स, अदाणी पावर और अदाणी एंटरप्राइजेज जैसी समूह की कंपनियों में किसी भी तरह की गड़बड़ी या नियमों का उल्लंघन नहीं पाया गया है। यह जांच पिछले दो वर्षों से चल रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है।
गौतम अदाणी की प्रतिक्रिया: “सच्चाई की जीत हुई है”
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा —
“SEBI ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि हिंडनबर्ग के दावे पूरी तरह झूठे और भ्रामक थे। अदाणी ग्रुप हमेशा पारदर्शिता और ईमानदारी के सिद्धांतों पर काम करता आया है। जिन निवेशकों को इस षड्यंत्रपूर्ण रिपोर्ट से नुकसान हुआ, उनके दर्द को हम गहराई से महसूस करते हैं। झूठी कहानियाँ फैलाने वालों को राष्ट्र से माफ़ी मांगनी चाहिए।”
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप को भारी नुकसान
2023 में हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के बाद अदाणी ग्रुप की मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में लगभग 85 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। अब भी ग्रुप का कुल मूल्य लगभग 150 अरब डॉलर है। हालांकि रिपोर्ट से पहले यह 235 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।
अमेरिका में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप अब भी जारी
हालांकि SEBI के आदेश ने अदाणी ग्रुप को भारत में राहत दी है, लेकिन अमेरिकी अदालतों में अदाणी और उनके कुछ सहयोगियों पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप अभी भी लंबित हैं।
नवंबर 2024 में अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी, और सहयोगी वनीत जैन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 2020 से 2024 के बीच भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर (लगभग ₹2,100 करोड़) की रिश्वत दी ताकि सौर ऊर्जा परियोजनाओं के कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए जा सकें। इन डील्स से कंपनी को लगभग 2 अरब डॉलर के लाभ की उम्मीद थी।
भारत के दूसरे सबसे अमीर और दुनिया के 29वें अमीर व्यक्ति
गौतम अदाणी वर्तमान में भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति और दुनिया के 29वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनकी कुल संपत्ति का अनुमान 64 अरब डॉलर (लगभग ₹5.3 लाख करोड़) लगाया गया है।
निवेशकों में उम्मीद की नई किरण
SEBI के इस फैसले के बाद बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह आदेश भारतीय कॉर्पोरेट गवर्नेंस और पारदर्शिता में निवेशकों का भरोसा मजबूत करेगा। वहीं अदाणी ग्रुप के शेयरों में आने वाले हफ्तों में सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकता है।
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