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ट्रम्प और किम के बीच संभावित मुलाक़ात पर सस्पेंस: एशिया दौरे में उत्तर कोरिया के नेता से भेंट ‘अभी तय नहीं’

   25 अक्टूबर 2025 ✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार 

संभावना तो है, लेकिन शेड्यूल में नहीं

संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संकेत दिया है कि वे एशिया दौरे के दौरान उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मिलने के लिए तैयार हैं — लेकिन फिलहाल ऐसी कोई औपचारिक बैठक तय नहीं की गई है।
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को मीडिया को बताया, “राष्ट्रपति ने भविष्य में किम जोंग उन से मिलने की इच्छा ज़रूर जताई है, लेकिन इस यात्रा के दौरान ऐसी कोई मुलाक़ात शेड्यूल में नहीं है।”

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ट्रम्प बोले — ‘मैं 100% तैयार हूं’

एशिया रवाना होने से पहले ट्रम्प ने संवाददाताओं से कहा कि वे किम जोंग उन से फिर मिलने में पूरी तरह खुले हैं।
उन्होंने कहा, “वह जानते हैं कि मैं वहाँ जा रहा हूँ… मैं 100 प्रतिशत तैयार हूँ। किम जोंग उन के साथ मेरे रिश्ते बहुत अच्छे हैं।”
ट्रम्प ने यह बयान एयर फ़ोर्स वन पर उड़ान के दौरान दिया, जब उनसे पूछा गया कि क्या सियोल प्रवास के दौरान उनकी कोई बैठक तय है।


दक्षिण कोरिया ने जताई ‘संभावना’

दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्री चुंग डोंग-यॉन्ग ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि ग्योंगजू में अगले हफ़्ते होने वाले APEC सम्मेलन के दौरान ट्रम्प और किम की मुलाक़ात संभव हो सकती है।
उन्होंने कहा, “उत्तर कोरिया अमेरिका की गतिविधियों पर गहराई से नज़र रख रहा है। कई संकेत यह दर्शाते हैं कि मुलाक़ात की संभावना काफ़ी मज़बूत है। हमें यह अवसर हाथ से नहीं जाने देना चाहिए।”

चुंग ने आगे कहा, “मैं एक प्रतिशत संभावना भी गंवाना नहीं चाहता। अब निर्णय दोनों नेताओं को लेना है।”


कूटनीति की बदलती बिसात

हालाँकि ट्रम्प–किम मुलाक़ात पर अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि ट्रम्प अपनी एशिया यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात करेंगे।
ट्रम्प की यह यात्रा मलेशिया से शुरू होगी, जहाँ वे आसियान (ASEAN) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इसके बाद वे दक्षिण कोरिया पहुँचेंगे और APEC मंच पर कई विश्व नेताओं से वार्ता करेंगे।

मलेशिया में जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा, और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफ़ोसा भी मौजूद रहेंगे।


ट्रम्प–किम की ‘पुरानी जान-पहचान’

ट्रम्प और किम के बीच पहले भी तीन मुलाक़ातें हो चुकी हैं — 2018, 2019 और पनमुनजोम (DMZ) की ऐतिहासिक सीमा पर हुई बैठक जिसमें दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से हाथ मिलाकर कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिबद्धता जताई थी।

किम ने हाल ही में ट्रम्प के प्रति अपने सॉफ्ट रवैये का संकेत देते हुए कहा,

“व्यक्तिगत रूप से, मुझे राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ बिताए पल अब भी अच्छे लगते हैं।”

ट्रम्प ने भी अगस्त में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्यूंग से मुलाक़ात के दौरान कहा था,

“किसी दिन मैं उनसे फिर मिलूंगा। मैं उनका सम्मान करता हूँ, और शायद उन्हें मैं उनकी बहन के बाद सबसे बेहतर जानता हूँ।”


उत्तर कोरिया की ताज़ा गतिविधियाँ

APEC सम्मेलन से पहले उत्तर कोरिया ने कई शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया, जिससे क्षेत्रीय तनाव फिर बढ़ गया है।
दक्षिण कोरिया का मानना है कि प्योंगयांग यह दिखाना चाहता है कि वह कूटनीतिक दबाव के बावजूद अपनी सैन्य क्षमता पर अडिग है।


कूटनीतिक समीकरण और संभावित असर

विश्लेषकों का मानना है कि यदि ट्रम्प और किम की यह मुलाक़ात होती है, तो यह न केवल उत्तर-पूर्व एशिया में तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी, बल्कि ट्रम्प के चुनावी अभियान में भी भू-राजनीतिक बढ़त दिला सकती है।
हालाँकि, कई विशेषज्ञ इसे “राजनयिक तमाशा” कहकर आलोचना भी करते हैं, क्योंकि पिछली बैठकों के बावजूद परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में ठोस प्रगति नहीं हो सकी थी।


इतिहास की झलक: 2019 की DMZ मुलाक़ात

जून 2019 में ट्रम्प और किम ने पनमुनजोम के सैन्य-विहीन क्षेत्र (DMZ) में मुलाक़ात की थी।
यह एक अभूतपूर्व क्षण था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहली बार उत्तर कोरिया की धरती पर कदम रखा था।
उस मुलाक़ात का उद्देश्य ठप पड़ी परमाणु वार्ता को फिर से गति देना था, लेकिन बातचीत बाद में फिर रुक गई।


निष्कर्ष

फिलहाल यह स्पष्ट है कि ट्रम्प और किम के बीच मुलाक़ात की संभावना तो है, लेकिन निश्चितता नहीं।
ट्रम्प जहाँ व्यक्तिगत स्तर पर किम को “समझने वाला नेता” बताते हैं, वहीं वॉशिंगटन के राजनयिक हल्कों में इस संबंध को लेकर सावधानी बरती जा रही है।
आगामी सप्ताह में एशिया के मंचों पर होने वाली यह कूटनीतिक हलचल विश्व राजनीति की दिशा तय कर सकती है — क्या ट्रम्प फिर से किम के साथ बातचीत की मेज़ पर लौटेंगे, या यह अवसर एक बार फिर इतिहास के पन्नों में दर्ज होकर रह जाएगा?

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