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पुतिन का कड़ा संदेश: “अगर रूस पर टॉमहॉक मिसाइल से हमला हुआ, तो जवाब बेहद ज़ोरदार होगा”

  24 अक्टूबर 2025 ✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार    

अमेरिका के तेल प्रतिबंधों पर रूस का पलटवार

अमेरिका द्वारा रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों — रोसनेफ्ट (Rosneft) और लुकोइल (Lukoil) — पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को वाशिंगटन को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि रूस पर अमेरिकी टॉमहॉक मिसाइलों से हमला हुआ, तो उसका जवाब “बेहद ताक़तवर और निर्णायक” होगा।

यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दोबारा सत्ता संभालने के बाद पहली बार रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। पुतिन ने माना कि ये प्रतिबंध “गंभीर” हैं, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये रूस की अर्थव्यवस्था को कमजोर नहीं कर पाएंगे।

“ये प्रतिबंध हमारे लिए गंभीर हैं, लेकिन इतना असर नहीं डाल पाएंगे कि हमारी आर्थिक स्थिरता डगमगा जाए,” — व्लादिमीर पुतिन, रूसी राष्ट्रपति।


रूस-अमेरिका रिश्तों में फिर तनाव

पुतिन ने अमेरिकी कदम को “अनफ्रेंडली ऐक्ट” यानी “शत्रुतापूर्ण कार्रवाई” बताया और कहा कि यह दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के बजाय फिर से बिगाड़ देगा।
उन्होंने कहा,

“यह कदम रूस-अमेरिका संबंधों को मज़बूत करने के बजाय कमजोर करेगा। जबकि हमारे बीच हाल ही में संवाद की प्रक्रिया फिर शुरू हुई थी।”

ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में रूस से संबंध सुधारने की कोशिश की थी, लेकिन यूक्रेन संघर्ष पर पुतिन की सख़्त नीति और युद्धविराम से इनकार ने उनके धैर्य की परीक्षा ले ली।

सूत्रों के मुताबिक, बुडापेस्ट में प्रस्तावित नई “ट्रम्प-पुतिन समिट” रद्द होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपना रुख सख्त कर लिया और रूस के तेल उद्योग पर निशाना साधते हुए नए प्रतिबंधों की घोषणा कर दी।


पुतिन: “संवाद हमेशा युद्ध से बेहतर है”

हालांकि पुतिन ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि रूस अभी भी संवाद के लिए तैयार है। उन्होंने कहा,

“संवाद हमेशा टकराव या युद्ध से बेहतर होता है। हम हमेशा बातचीत जारी रखने के पक्ष में रहे हैं।”

रूसी राष्ट्रपति का यह रुख संकेत देता है कि क्रेमलिन अभी भी कूटनीतिक रास्ते खुले रखना चाहता है, भले ही अमेरिका की ओर से दबाव बढ़ रहा हो।


‘टॉमहॉक’ मिसाइल पर खुली चेतावनी

पुतिन ने अपने बयान के अंत में स्पष्ट किया कि अगर यूक्रेन को अमेरिका द्वारा टॉमहॉक मिसाइलें दी जाती हैं — और उनका इस्तेमाल रूस पर हमला करने में होता है — तो उसका जवाब असाधारण रूप से कड़ा होगा।
उन्होंने कहा,

“अगर हमारे खिलाफ टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ, तो रूस की प्रतिक्रिया बहुत मजबूत होगी — शायद इतनी मजबूत कि दुनिया उसे ‘अत्यधिक’ कहे।”

यह बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई भू-राजनीतिक चिंता को जन्म देता है, क्योंकि यह यूक्रेन युद्ध को सीधे अमेरिका-रूस टकराव की दिशा में धकेल सकता है।


पृष्ठभूमि: रूस पर अमेरिकी दबाव का बढ़ना

  • अमेरिका ने हाल में रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाकर ऊर्जा क्षेत्र को निशाना बनाया है।

  • इन प्रतिबंधों का उद्देश्य रूस की आर्थिक क्षमता को सीमित करना है, जो यूक्रेन युद्ध को जारी रखने के लिए प्रमुख वित्तीय स्रोत है।

  • विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प प्रशासन यह संदेश देना चाहता है कि रूस पर उसकी “सॉफ्ट पॉलिसी” अब खत्म हो चुकी है।


निष्कर्ष:-

 नए शीत युद्ध की आहट

पुतिन के “टॉमहॉक चेतावनी” वाले बयान ने दुनिया भर में कूटनीतिक हलचल मचा दी है।
जहाँ एक ओर रूस पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद अपनी आर्थिक स्वतंत्रता पर विश्वास जता रहा है, वहीं अमेरिका भी यह साबित करना चाहता है कि वह युद्धग्रस्त यूक्रेन के समर्थन से पीछे नहीं हटेगा।

अगर दोनों पक्षों में संवाद की संभावनाएँ फिर से ठंडी पड़ती हैं, तो यह संघर्ष एक नए “शीत युद्ध युग” का संकेत बन सकता है — जहाँ हथियारों से ज़्यादा निर्णायक भूमिका ऊर्जा और अर्थव्यवस्था की होगी।

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