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Economics Nobel 2025:अर्थशास्त्र का नोबेल: Innovation-Driven Economic Growth पर शोध करने वाले तीन अर्थशास्त्रियों को मिला सर्वोच्च सम्मान

 13 अक्टूबर 2025 ✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार 

इस वर्ष का प्रतिष्ठित Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel 2025, जिसे आमतौर पर अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार कहा जाता है, उन तीन विद्वान अर्थशास्त्रियों को प्रदान किया गया है जिन्होंने innovation-driven economic growth यानी नवाचार-आधारित आर्थिक विकास की गूढ़ प्रक्रिया को समझाने में ऐतिहासिक योगदान दिया।

पुरस्कार विजेताओं में शामिल हैं — Joel Mokyr, Philippe Aghion और Peter Howitt। इन तीनों ने यह दिखाया कि आधुनिक आर्थिक विकास केवल पूंजी और श्रम पर नहीं, बल्कि निरंतर innovation, technological progress और creative destruction की गतिशीलता पर आधारित है।



पुरस्कार की घोषणा और उसका विभाजन

The Royal Swedish Academy of Sciences ने सोमवार को घोषणा करते हुए बताया कि 2025 का अर्थशास्त्र नोबेल दो हिस्सों में बाँटा गया है।

  • आधा हिस्सा Joel Mokyr को दिया गया है, जिन्होंने यह पहचान की कि किस प्रकार technological progress और ज्ञान के प्रसार से निरंतर आर्थिक वृद्धि संभव होती है।

  • दूसरा आधा हिस्सा Philippe Aghion और Peter Howitt को संयुक्त रूप से दिया गया है, जिन्होंने creative destruction theory के माध्यम से यह समझाया कि कैसे नई तकनीकें और विचार पुराने आर्थिक ढाँचों को बदलकर विकास की दिशा तय करते हैं।


Creative Destruction: विकास का नया दर्शन

1992 में प्रकाशित अपने प्रसिद्ध लेख में Aghion और Howitt ने एक गणितीय मॉडल प्रस्तुत किया था जिसे creative destruction कहा जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार जब कोई नई तकनीक, विचार या उत्पाद बाजार में आता है, तो वह पुराने उत्पादों और तकनीकों को अप्रासंगिक बना देता है।
हालाँकि यह एक प्रकार का “विनाश” प्रतीत होता है, लेकिन वस्तुतः यह सृजनात्मक पुनर्निर्माण है — क्योंकि यह समाज को नई संभावनाएँ, नए उद्योग और नए रोजगार प्रदान करता है।

आज के Artificial Intelligence (AI), digital transformation, और start-up innovation के युग में यह सिद्धांत पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गया है। हर नया नवाचार न केवल पुरानी व्यवस्था को चुनौती देता है, बल्कि अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा और दिशा भी प्रदान करता है।


Joel Mokyr: इतिहास से भविष्य की अर्थव्यवस्था की ओर

नीदरलैंड में जन्मे Joel Mokyr, जो वर्तमान में Northwestern University (United States) में प्रोफेसर हैं, ने इतिहास के माध्यम से यह विश्लेषण किया कि यूरोप में औद्योगिक क्रांति के बाद नवाचार और ज्ञान का प्रसार कैसे एक निरंतर विकास का कारण बना।
उनके अनुसार, समाज में innovation culture, scientific thinking, और knowledge diffusion ही वे मूलभूत तत्व हैं जिन्होंने विश्व अर्थव्यवस्था को स्थायी विकास की ओर अग्रसर किया।


Philippe Aghion और Peter Howitt: Growth Theory के वास्तुकार

Philippe Aghion, जो Collège de France, INSEAD Paris और The London School of Economics (UK) से जुड़े हैं, और Peter Howitt, जो Brown University (United States) में प्रोफेसर हैं, ने मिलकर आर्थिक विकास के लिए एक नया बौद्धिक ढाँचा तैयार किया।
उनके मॉडल ने यह स्पष्ट किया कि आर्थिक नीतियाँ और संस्थाएँ अगर innovation-friendly environment तैयार करें, तो समाज में long-term sustainable growth संभव है।


आर्थिक सोच में नया मोड़

यह शोध न केवल शैक्षणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि नीति-निर्माण के स्तर पर भी इसका प्रभाव गहरा है। दुनिया के कई देश — विशेषकर India, China, South Korea और United States — ने अपनी विकास रणनीतियों में innovation ecosystems और R&D investments को प्राथमिकता दी है, जो इस सिद्धांत की पुष्टि करते हैं।

Artificial Intelligence, green technology, space innovation, और digital economy जैसे क्षेत्रों में जो विकास देखा जा रहा है, वह इसी innovation-driven growth के दर्शन पर आधारित है।


पिछले वर्ष के विजेता और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

2024 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार Daron Acemoglu, Simon Johnson और James A. Robinson को दिया गया था, जिन्होंने यह समझाया कि कुछ देश अमीर और अन्य गरीब क्यों हैं। उनके शोध ने यह बताया कि institutional development और inclusive policies आर्थिक समृद्धि के लिए आवश्यक हैं।

Sveriges Riksbank Prize की स्थापना 1968 में Sweden’s Central Bank द्वारा की गई थी और इसे Alfred Nobel की स्मृति में 10 दिसंबर को अन्य नोबेल पुरस्कारों के साथ प्रदान किया जाता है। विजेताओं को एक gold medal, diploma, और लगभग $1.2 million (करीब 10 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है।


निष्कर्ष:-

 भविष्य की दिशा में कदम

2025 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार केवल तीन वैज्ञानिकों का सम्मान नहीं है, बल्कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के उस नए युग की पहचान है जहाँ innovation, creativity और technological evolution ही विकास की सबसे बड़ी शक्ति हैं।

यह पुरस्कार यह संदेश देता है कि आने वाले वर्षों में आर्थिक प्रगति का मार्ग केवल उत्पादन या पूंजी निवेश से नहीं, बल्कि innovation ecosystems, AI advancements, और creative human intelligence से होकर गुजरेगा।

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