Type Here to Get Search Results !

ADS5

ADS2

COVID vaccines : से कैंसर के बढ़ते खतरे का दावा: कोरियाई अध्ययन ने मचाया विवाद, विशेषज्ञों ने बताई सच्चाई


 नई दिल्ली, 09अक्टूबर 2025:✍🏻 Z S Razzaqi | वरिष्ठ पत्रकार   

कोविड-19 वैक्सीन को लेकर एक नया विवाद तब उभरा जब दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों ने दावा किया कि यह टीका छह प्रकार के कैंसर के बढ़ते ख़तरे से जुड़ा हो सकता है। इस अध्ययन में फेफड़ों, प्रोस्टेट, स्तन, थायरॉयड, गैस्ट्रिक और कोलोरेक्टल कैंसर के मामलों को शामिल किया गया है। हालाँकि, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने इस शोध को “भ्रामक” और “अत्यधिक अतिशयोक्तिपूर्ण” बताते हुए इसके निष्कर्षों को खारिज किया है।


🌐 अध्ययन में क्या कहा गया है?

जर्नल Biomarker Research (Springer Nature द्वारा प्रकाशित) में प्रकाशित इस अध्ययन को ऑर्थोपेडिक सर्जरी और क्रिटिकल केयर से जुड़े कोरियाई मेडिकल विशेषज्ञों ने तैयार किया।
उन्होंने 2021 से 2023 के बीच 8.4 मिलियन वयस्कों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का विश्लेषण किया और लोगों को इस आधार पर वर्गीकृत किया कि उन्होंने कोविड वैक्सीन ली थी या नहीं।

अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों ने कम से कम एक बार कोविड टीका लिया था, उनके लिए —

  • थायरॉयड कैंसर का जोखिम 35%,

  • गैस्ट्रिक कैंसर का 34%,

  • फेफड़ों का कैंसर का 53%,

  • प्रोस्टेट कैंसर का 68%,

  • स्तन कैंसर का 20%, और

  • कोलोरेक्टल कैंसर का 28% अधिक बताया गया।

शोधकर्ताओं का दावा है कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह खतरा सबसे ज़्यादा पाया गया।


💉 कौन-सी वैक्सीन बताई गई “जोखिम वाली”?

अध्ययन में कहा गया है कि mRNA आधारित टीके, जैसे Pfizer और Moderna, कथित रूप से थायरॉयड, स्तन, फेफड़ों और कोलोरेक्टल कैंसर के मामलों से जुड़े हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक:

  • टीका लेने वाले पुरुषों में गैस्ट्रिक और फेफड़ों का कैंसर अधिक पाया गया।

  • जबकि महिलाओं में थायरॉयड और कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम अधिक देखा गया।

हालाँकि, शोध में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि आखिरकार टीका किस वैज्ञानिक प्रक्रिया से कैंसर उत्पन्न कर सकता है।


🔬 विशेषज्ञों ने क्या कहा?

इस अध्ययन के प्रकाशित होते ही चिकित्सा जगत में बहस छिड़ गई। कई वैज्ञानिकों और कैंसर शोध संस्थानों ने इसे “ग़लत व्याख्या” और “डेटा की सतही समझ” बताया।

Cancer Research UK ने इस अध्ययन को ख़ारिज करते हुए कहा कि

“mRNA तकनीक कैंसर का कारण नहीं, बल्कि उसके इलाज और रोकथाम के लिए इस्तेमाल की जा रही है। कई ट्रायल यह साबित कर रहे हैं कि यही तकनीक फेफड़ों और अंडाशय के कैंसर से बचाव में मदद कर सकती है।”

डॉ. बेंजामिन मेज़र, (जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, अमेरिका) ने कहा:

“कोई भी कार्सिनोजेन (कैंसर पैदा करने वाला तत्व) कुछ महीनों में कैंसर नहीं बना सकता। कैंसर के विकास में समय लगता है — कोशिकाओं को म्यूटेशन और वृद्धि के लिए सालों की आवश्यकता होती है। अध्ययन में जिस चीज़ को ‘कैंसर का विकास’ बताया गया है, वह वास्तव में ‘कैंसर के निदान’ का आंकड़ा है।”


🧠 क्या कोविड वैक्सीन से कैंसर का जोखिम बढ़ता है?

अब तक किसी भी वैज्ञानिक संस्थान या अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य निकाय ने कोविड वैक्सीन और कैंसर के बीच प्रत्यक्ष संबंध का सबूत नहीं पाया है।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूएस CDC दोनों ने दोहराया है कि कोविड वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी हैं।

  • कई स्वतंत्र अध्ययन और वैश्विक स्वास्थ्य डेटा भी यह दर्शाते हैं कि टीकाकरण के बाद कैंसर का कोई असामान्य बढ़ाव नहीं देखा गया।

टर्बो कैंसर” जैसे वायरल दावे पहले भी सोशल मीडिया पर फैल चुके हैं, लेकिन विशेषज्ञों ने उन्हें “असत्य” और “वैज्ञानिक रूप से निराधार” बताया है।


🧩 निष्कर्ष: 

सतर्कता और सजग जीवनशैली ही सबसे बेहतर सुरक्षा कवच

इस कोरियाई अध्ययन ने भले ही चिकित्सा जगत में हलचल मचा दी हो, लेकिन इसके निष्कर्ष एक गंभीर चेतावनी की तरह सामने आए हैं। अध्ययन में जो दावे किए गए हैं — चाहे वे पूरी तरह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित न हों — फिर भी वे जनस्वास्थ्य के लिए एक बड़े ख़तरे की ओर संकेत करते हैं।
इसलिए उन सभी लोगों के लिए, जिन्होंने कोविड वैक्सीन लगवाई है, अब समय है कि वे अपने जीवन में रोकथाम और स्वास्थ्य संरक्षण की आदतों को और मज़बूती से अपनाएँ।

विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही टीका स्वयं कैंसर का कारण न हो, लेकिन हमारा शरीर और प्रतिरक्षा तंत्र (immune system) कई बाहरी और आंतरिक कारकों से प्रभावित होता है। ऐसे में, हर व्यक्ति को चाहिए कि वह कैंसर-रोधी जीवनशैली (anti-cancer lifestyle) अपनाए ताकि किसी भी संभावित जोखिम को न्यूनतम किया जा सके।

🌿 रोकथाम के लिए अपनाए जाने योग्य कदम

  1. एंटी-कैंसर फलों और सब्ज़ियों का सेवन बढ़ाएँ
    जैसे सेब, बेरीज़, अनार, संतरा, टमाटर, ब्रोकोली, पालक, हल्दी, लहसुन और हरी चाय।
    ये प्राकृतिक तत्व शरीर में एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा बढ़ाते हैं जो कोशिकाओं को कैंसर-जन्य परिवर्तनों से बचाते हैं।

  2. संतुलित आहार अपनाएँ
    जंक फूड, अत्यधिक चीनी, रेड मीट और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर रखें। अपने आहार में अनाज, दालें, फाइबर और प्रोटीन की संतुलित मात्रा शामिल करें।

  3. नियमित व्यायाम और सक्रिय जीवनशैली
    रोजाना कम से कम 30 मिनट की वॉक या हल्का व्यायाम प्रतिरक्षा तंत्र को सक्रिय रखता है और कैंसर के ख़तरे को कम करता है।

  4. धूम्रपान और शराब से परहेज़ करें
    तंबाकू और अल्कोहल दोनों ही कैंसर के प्रमुख कारणों में गिने जाते हैं। इनसे दूरी ही सबसे बड़ा उपचार है।

  5. नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें
    हर वर्ष एक सामान्य हेल्थ स्कैन या ब्लड टेस्ट कराना आवश्यक है। 40 वर्ष से ऊपर के लोगों को डॉक्टर की सलाह के अनुसार कैंसर स्क्रीनिंग ज़रूर करानी चाहिए।

  6. तनाव प्रबंधन और नींद पर ध्यान दें
    मानसिक तनाव, नींद की कमी और चिंता प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती है। ध्यान (Meditation), योग और पर्याप्त नींद से शरीर को प्राकृतिक शक्ति मिलती है।

  7. डॉक्टर की सलाह को प्राथमिकता दें
    किसी भी लक्षण या असामान्य परिवर्तन को नज़रअंदाज़ न करें। स्वयं से निष्कर्ष निकालने के बजाय प्रमाणित ऑन्कोलॉजिस्ट या चिकित्सक से परामर्श लें।


🔬 सावधानी ही सर्वोत्तम उपचार

विज्ञान अभी इस दावे पर एकमत नहीं है कि कोविड वैक्सीन से कैंसर का सीधा संबंध है, परंतु यह अध्ययन इस बात की याद दिलाता है कि स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कभी भी घातक साबित हो सकती है।
जो लोग पहले ही टीकाकृत हैं, उन्हें घबराने की नहीं बल्कि सजग होने की आवश्यकता है।

स्वस्थ भोजन, नियमित दिनचर्या, और चिकित्सकीय निगरानी के साथ यदि हम अपनी जीवनशैली को अनुशासित बना लें —
तो चाहे कोविड वैक्सीन हो या कोई और कारक — कैंसर जैसे रोगों का ख़तरा काफी हद तक घटाया जा सकता है।

ये भी पढ़े 



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

ADS3

ADS4