26 सितंबर 2025:✍🏻 Z S Razzaqi | वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली | 25 सितंबर 2025 – आयकर विभाग (Income Tax Department) ने करदाताओं और टैक्स प्रैक्टिशनर्स को बड़ी राहत देते हुए वित्त वर्ष 2024-25 (असेसमेंट वर्ष 2025-26) के लिए टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (Tax Audit Report) दाख़िल करने की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 से 31 अक्टूबर 2025 कर दी है। यह निर्णय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने विभिन्न पेशेवर संघों और चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थाओं से मिले अनुरोधों और हाईकोर्ट में हुई सुनवाई को ध्यान में रखते हुए लिया है।
तिथि विस्तार क्यों ज़रूरी पड़ा?
CBDT ने अपने बयान में कहा कि कई टैक्स प्रोफेशनल्स और संगठनों ने समय पर ऑडिट रिपोर्ट पूरी करने में आ रही चुनौतियों को लेकर चिंता जताई थी। इनमें प्रमुख कारण प्राकृतिक आपदाएँ और बाढ़ जैसी परिस्थितियाँ बताई गईं, जिनकी वजह से कई राज्यों में व्यावसायिक गतिविधियाँ बाधित हुईं।
कई स्थानों पर हाईकोर्ट में भी इस विषय को उठाया गया था, जिसके बाद करदाताओं और पेशेवरों की दिक़्क़तों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह राहत दी।
अब तक कितनी ITR और ऑडिट रिपोर्ट दाख़िल हुईं?
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23 सितंबर 2025 तक कुल 7.57 करोड़ आयकर रिटर्न (ITR) दाख़िल किए जा चुके थे।
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24 सितंबर तक 4.02 लाख टैक्स ऑडिट रिपोर्ट अपलोड की गईं, जिनमें से 60,000 से अधिक रिपोर्ट सिर्फ 24 सितंबर को जमा हुईं।
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इससे स्पष्ट होता है कि करदाता और टैक्स प्रोफेशनल्स बड़ी संख्या में समय पर अपने दस्तावेज़ दाख़िल कर रहे हैं।
पोर्टल की स्थिति और CBDT का बयान
CBDT ने यह भी स्पष्ट किया है कि आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल (Income Tax e-filing portal) सुचारू रूप से काम कर रहा है और इसमें कोई तकनीकी समस्या नहीं है।
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पोर्टल पर टैक्स ऑडिट रिपोर्ट सहित अन्य वैधानिक फॉर्म सफलतापूर्वक अपलोड हो रहे हैं।
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सिस्टम पूरी तरह स्थिर और फंक्शनल है, जिससे करदाता समय पर आवश्यक दस्तावेज़ दाख़िल कर पा रहे हैं।
हाल की स्थिति और पिछली राहत
गौरतलब है कि 15 सितंबर 2025 को पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियों के कारण आयकर विभाग ने गैर-ऑडिट श्रेणी के करदाताओं के लिए ITR दाख़िल करने की समयसीमा एक दिन के लिए बढ़ाकर 16 सितंबर कर दी थी।
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उस समय तक 7.54 करोड़ ITR दाख़िल हो चुके थे।
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इनमें से 1.28 करोड़ करदाताओं ने सेल्फ-असेसमेंट टैक्स भी जमा किया था।
विशेषज्ञों की राय
टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि यह निर्णय व्यवसायिक जगत और टैक्स प्रैक्टिशनर्स को राहत देगा। विशेषकर वे क्षेत्र, जो प्राकृतिक आपदाओं और बाढ़ से प्रभावित हैं, वहाँ के करदाताओं को समय पर दस्तावेज़ पूरा करने का पर्याप्त अवसर मिलेगा।
निष्कर्ष:-
आयकर विभाग का यह कदम न केवल करदाताओं को अतिरिक्त समय देगा, बल्कि टैक्स प्रणाली की पारदर्शिता और सहजता को भी मज़बूती प्रदान करेगा। अब करदाता और टैक्स प्रोफेशनल्स 31 अक्टूबर 2025 तक टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाख़िल कर सकते हैं।
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