अपडेटेड: 10 सितम्बर 2025:कविता शर्मा | पत्रकार
भारतीय तेज गेंदबाज हर्षित राणा का संघर्ष, आत्मविश्वास और सफलता की कहानी
दिल्ली के युवा तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने पिछले दो वर्षों में जिस तरह अपनी खेल शैली में सुधार किया है और भारतीय क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में डेब्यू किया है, वह वाकई प्रेरणादायक है। 23 वर्षीय हर्षित राणा इस समय कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के अहम खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एशिया कप 2025 के लिए चयन पाकर भारतीय टीम के लिए नंबर 8 की भूमिका में अपनी पहचान बनाने की तैयारी की है। हाल ही में एक विशेष इंटरव्यू में उन्होंने अपने संघर्ष, रणनीति, मानसिकता और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
IPL 2024 का यादगार पल: अंतिम ओवर की रणनीति और निडरता
2024 के आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स का पहला मुकाबला सनराइजर्स हैदराबाद के साथ था। लक्ष्य था 209 रन, लेकिन अंतिम ओवर में सिर्फ 13 रन चाहिए थे। उस समय हर्षित राणा ने अपनी मानसिक दृढ़ता का परिचय दिया। कप्तान श्रेयस अय्यर ने उन्हें अंतिम ओवर की गेंदबाज़ी करने का अवसर दिया और कहा:
"यह तुम्हारा समय है। या तो हीरो बनो, नहीं तो भी कोई बात नहीं।"
इस महत्वपूर्ण मौके पर राणा ने अपनी नई सीख – धीमी गेंद (Slower Ball) – का इस्तेमाल किया। खास बात यह है कि यह गेंद उन्होंने उसी साल नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) में चोट से उबरते समय सीखी थी। पहली गेंद पर क्लासेन ने उन्हें छक्का मारा, लेकिन उसके बाद राणा ने पूरी रणनीति बदली। अगली चार गेंदें धीमी गेंद कीं, जिससे क्लासेन की योजना विफल रही और अंत में वह कैच होकर आउट हो गया।
राणा ने इस रणनीति को बहुत मेहनत से प्रैक्टिस किया था। वे लगातार एक स्टंप पर गेंदबाजी करते थे, और खास तौर पर 5-6 मीटर की दूरी पर सटीक स्लोअर गेंद डालने का अभ्यास करते थे।
प्रेरणा: पिता और मेंटर से मिली सीख
हर्षित राणा का संघर्ष दिल को छू लेने वाला है। दिल्ली और हरियाणा के सीमा क्षेत्र का घेवरा गाँव उनके बचपन की पृष्ठभूमि है, जहाँ अच्छे खेल मैदान की कमी थी। उनका कहना है, "पापा हमेशा कहते थे – ‘तुम बस मेहनत करते रहो, जो हाथ में है वो करो, बाकी सब खुद ठीक हो जाएगा।’"
उनकी शुरुआती क्रिकेट यात्रा में केवल निराशा ही हाथ लगी – अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-25 की ट्रायल में बार-बार रिजेक्शन मिला। लेकिन उनके पिता का स्नेह और हौसला उन्हें हर कदम पर आगे बढ़ाता रहा।
जब उन्हें इंडिया की तरफ से वाइट-बॉल डेब्यू मिला, तब भी उनके प्रदर्शन में संघर्ष झलकता था। पहले ओवर में फिल साल्ट ने उन पर 26 रन बनाए, लेकिन फिर उन्होंने धैर्य और रणनीति के साथ तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए, जिससे उनकी छवि एक आत्मविश्वासी खिलाड़ी के रूप में बन गई।
Gautam Gambhir से मिली जिंदगी बदलने वाली सलाह
गौतम गंभीर, जिन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के मेंटर के रूप में उनकी मदद की, ने उन्हें बताया था:
"तुम हर समय अपने आप पर भरोसा रखो। चाहे कितने भी रन दोगे, बस इसी तरह क्रिकेट को खुल कर खेलते रहो।"
गंभीर की यह सलाह उनके आत्मविश्वास की नींव बनी। राणा ने बताया, "जब भी मैं कैच छोड़ देता था या विकेट नहीं ले पाता था, तब भी उन्होंने कहा कि ये तो शुरूआत है, आगे बहुत कुछ सीखना है।"
टीम इंडिया में अगला कदम: ऑल-फॉर्मेट ऑलराउंडर बनने की दिशा
राणा ने स्पष्ट किया कि उनका अगला लक्ष्य तीनों फॉर्मेट में नियमित खिलाड़ी बनना है।
"मैंने घरेलू क्रिकेट में बैटिंग की अहम भूमिका निभाई है और मुझे विश्वास है कि मैं इस क्षेत्र में भी टीम के लिए उपयोगी बन सकूंगा।"
वह नियमित रूप से अपने फिटनेस पर काम कर रहे हैं ताकि लंबी अवधि तक क्रिकेट खेल सकें। उन्होंने बताया कि शारीरिक मजबूती उनके खेल के लिए ज़रूरी है।
टीम मेंस्टर और साथी खिलाड़ियों के साथ अनमोल अनुभव
राणा ने मिचल स्टार्क के साथ साझा की गई मजेदार यादें भी बताईं। उनका कहना है कि स्टार्क की मानसिकता हमेशा सकारात्मक रहती है, चाहे हालात कितने भी खराब क्यों न हों। "जब मैं उनके साथ दौड़ने की कोशिश करता था, तो वे हमेशा मुस्कुराते रहते थे। उन्होंने मुझे सिखाया कि मुश्किल समय में भी मुस्कान बनाए रखना कितना जरूरी है।"
इसके अलावा, दिग्गज ड्वेन ब्रावो से भी उन्होंने महत्वपूर्ण सलाह पाई। ब्रावो ने उन्हें बताया:
"मैकेनिक्स पर मत सोचो, अपने मनोबल को मजबूत रखो।"
अंतिम विचार: सफलता का मूल मंत्र
उनका संघर्ष, आत्मविश्वास, सीखने की ललक और कठिनाइयों के सामने झुकने की बजाय उन्हें चुनौती देने की भावना आज उन्हें भारतीय क्रिकेट में एक चमकता सितारा बना रही है।
उनकी यह कहानी न केवल नए क्रिकेटर्स के लिए प्रेरणास्त्रोत है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि लगातार मेहनत, सही सलाह और सकारात्मक सोच से हर मंज़िल हासिल की जा सकती है।
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