22 सितंबर 2025:✍🏻 Z S Razzaqi | वरिष्ठ पत्रकार
पीएम मोदी का संदेश: "स्वदेशी से समृद्धि"
रविवार (21 सितंबर 2025) को राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार नवरात्र का शुभ अवसर देशवासियों के लिए विशेष है। उन्होंने कहा कि कम दरों पर वस्तुएं उपलब्ध होने से गरीब, मध्यमवर्ग और नया मिडिल क्लास प्रत्यक्ष लाभान्वित होगा। पीएम मोदी ने सभी से "स्वदेशी वस्तुएं" खरीदने का आग्रह किया और कहा कि भारत की समृद्धि "स्वदेशी मंत्र" से ही सशक्त होगी।
जीएसटी 2.0: क्या-क्या हुआ सस्ता?
375 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स में कटौती की गई है। इनमें शामिल हैं:
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आवश्यक वस्तुएं – खाद्य तेल, आटा, चावल, दाल, पैकेज्ड फूड आइटम
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दवाइयां और स्वास्थ्य उपकरण – सामान्य दवाएं, जीवनरक्षक उपकरण
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उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स – टीवी, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन
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ऑटोमोबाइल सेक्टर – छोटी कारें, टू-व्हीलर्स
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टेक्सटाइल और कृषि उत्पाद – कपड़ा, खाद, बीज, उपकरण
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नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण – सोलर पैनल, विंड टर्बाइन
वहीं, सिगरेट, शराब, गुटखा और ऑनलाइन गेमिंग जैसी वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स बढ़ाकर 40% किया गया है।
वित्त मंत्री का बयान और बंगाल का प्रभाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 22 सितंबर की तारीख चुनने के पीछे बंगाल का सांस्कृतिक महत्व जुड़ा है। यह निर्णय महालया और नवरात्र के शुभ अवसर से मेल खाता है। उन्होंने कहा कि "अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार" से मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता आएगी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने पीएम मोदी पर जीएसटी सुधारों का पूरा श्रेय लेने का आरोप लगाया। पार्टी का कहना है कि राज्यों की ओर से मुआवजा अवधि पांच साल और बढ़ाने की मांग पर कोई समाधान नहीं निकाला गया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी आरोप लगाया कि केंद्र इस निर्णय का श्रेय ले रहा है, जबकि यह पहल राज्य की ओर से की गई थी।
उद्योग जगत और राज्यों की प्रतिक्रिया
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गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि नए सुधार MSMEs के लिए लाभकारी होंगे और "आत्मनिर्भर भारत 2.0" की दिशा में बड़ा कदम हैं।
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निर्माण क्षेत्र (Construction Industry) को उम्मीद है कि टैक्स दरों की सादगी से लागत घटेगी और विकास की रफ्तार तेज होगी।
आर्थिक प्रभाव: अल्पकालिक चुनौतियां, दीर्घकालिक लाभ
विशेषज्ञों का मानना है कि इन सुधारों से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और करदाताओं की जेब में अधिक धन बचेगा। हालांकि, सरकार को राजस्व में कमी का सामना करना पड़ सकता है।
लंबी अवधि में, GST 2.0 से कराधान सरल होगा, अनुपालन लागत घटेगी और विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
निष्कर्ष:-
GST 2.0 न सिर्फ कर प्रणाली में पारदर्शिता लाएगा बल्कि आम उपभोक्ताओं की जेब पर भी सीधा असर डालेगा। आवश्यक वस्तुओं से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल तक, दामों में गिरावट से त्योहारी सीजन में बाज़ार में रौनक बढ़ेगी। हालांकि, राजनीतिक श्रेय की लड़ाई और राज्यों की मुआवजा मांग जैसे मुद्दे इस सुधार के आगे की राह को प्रभावित कर सकते हैं।
भारत के लिए यह सुधार सिर्फ टैक्स बदलाव नहीं, बल्कि स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया बड़ा कदम है।
