वॉशिंगटन/मॉस्को, 9 अगस्त 2025 — अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वे 15 अगस्त को अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य रूस–यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए संभावित युद्धविराम समझौते पर बातचीत करना है।
ट्रंप ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर इस बैठक की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की भी इस प्रक्रिया में शामिल हैं और सभी पक्ष युद्धविराम के बेहद करीब पहुंच चुके हैं।
भूमि अदला–बदली का संकेत
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने संकेत दिया कि इस समझौते में कुछ क्षेत्रों की अदला–बदली शामिल हो सकती है।
"दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद क्षेत्रीय अदला–बदली होगी," ट्रंप ने कहा।
उधर, अपने रात के संबोधन में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि पर्याप्त अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ने पर रूस को युद्धविराम के लिए तैयार किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने दर्जनों विश्व नेताओं से बातचीत की है और उनकी टीम लगातार अमेरिका से संपर्क में है।
रूस का रुख और विवादित क्षेत्र
पुतिन, यूक्रेन के चार क्षेत्रों — लुहान्स्क, डोनेट्स्क, ज़ापोरिज़झिया और खेरसॉन — के साथ 2014 में कब्जाए गए क्रीमिया प्रायद्वीप को रूस का हिस्सा मानते हैं। हालांकि, उनकी सेना इन चारों क्षेत्रों पर पूर्ण नियंत्रण में नहीं है।
यूक्रेन ने पहले भी संकेत दिया है कि वह युद्ध समाप्त करने के लिए कुछ लचीलापन दिखा सकता है, लेकिन अपनी लगभग 20% भूमि गंवाना कीव के लिए राजनीतिक और भावनात्मक रूप से बेहद कठिन होगा।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट और विश्लेषकों की राय
ब्लूमबर्ग न्यूज के अनुसार, प्रस्तावित समझौते में रूस, खेरसॉन और ज़ापोरिज़झिया में मौजूदा मोर्चों पर अपनी सैन्य कार्रवाई रोक देगा। लेकिन इससे रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों की स्थिति स्थायी हो सकती है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के पूर्व अधिकारी टायसन बार्कर ने कहा कि यह प्रस्ताव यूक्रेन द्वारा तुरंत खारिज कर दिया जाएगा। उनके मुताबिक,
"यूक्रेन को अपनी शर्तों पर डटे रहना चाहिए और अमेरिकी समर्थन के प्रति आभार जताते रहना चाहिए।"
अलास्का की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
अलास्का में पिछली बार 2021 में उच्चस्तरीय कूटनीतिक बैठक हुई थी, जब बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने चीनी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। वह बैठक मीडिया के सामने तीखे आरोप–प्रत्यारोप में बदल गई थी।
ट्रंप की रणनीति और रूस पर दबाव
जनवरी 2025 में व्हाइट हाउस में वापसी के बाद ट्रंप ने रूस से संबंध सुधारने और युद्ध समाप्त करने के प्रयास तेज किए। हालांकि, पुतिन के रुख को लेकर उन्होंने कभी प्रशंसा और कभी तीखी आलोचना की है।
हाल में, पुतिन की जिद से नाराज़ ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि रूस ने हमला बंद नहीं किया तो अमेरिका और उसके निर्यात खरीदने वाले देशों पर नए प्रतिबंध और टैरिफ लगाए जाएंगे।
बुधवार को अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर भारत से आने वाले सामान पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाकर अपने पहले आर्थिक प्रतिबंध लागू किए।
राजनयिक हलचल और उम्मीदें
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