Type Here to Get Search Results !

ADS5

ADS2

अमेरिकी सीनेटर की चेतावनी: "अगर रूस से तेल खरीदा तो कुचल देंगे आपकी अर्थव्यवस्था" — भारत, चीन और ब्राज़ील को ट्रंप सरकार की दो टूक धमकी

 नई दिल्ली | 22 जुलाई 2025|✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार  

अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने भारत, चीन और ब्राज़ील को कड़ी चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने रूस से तेल का आयात जारी रखा, तो ट्रंप प्रशासन इन देशों पर 100 प्रतिशत शुल्क (टैरिफ) लागू करेगा। उनका यह बयान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के चुनावों में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति की झलक दिखाता है, जो कि आने वाले समय में वैश्विक व्यापार समीकरणों को झकझोर सकता है।


ग्राहम ने कहा: “ट्रंप करेंगे 100% टैरिफ, जो करेगा रूस से व्यापार, भुगतेगा सज़ा”

फॉक्स न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में सीनेटर ग्राहम ने साफ़ तौर पर कहा:

ट्रंप उन सभी देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने जा रहे हैं जो रूसी तेल खरीद रहे हैं — चीन, भारत और ब्राज़ील।

ग्राहम के मुताबिक, ये तीनों देश रूस के कच्चे तेल के लगभग 80% निर्यात के हिस्सेदार हैं और इस व्यापार से सीधे तौर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में आर्थिक सहयोग मिल रहा है।

'खून से कमाया पैसा है ये तेल' — ग्राहम का तीखा हमला

सीनेटर ग्राहम ने इस तेल व्यापार को 'ब्लड मनी' यानी 'खून की कमाई' कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि ये देश सस्ता रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन में हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून की अवहेलना कर रहे हैं।

अगर आप सस्ता रूसी तेल खरीदते रहेंगे और इस युद्ध को जीवित रखते रहेंगे, तो हम आपकी अर्थव्यवस्था को चूर-चूर कर देंगे,” — ग्राहम

 

पुतिन को दी सीधी चेतावनी: “तुमने ट्रंप को कमज़ोर समझने की गलती की”

ग्राहम ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी सीधी चेतावनी दी और कहा कि उन्होंने ट्रंप को हल्के में लेकर बड़ी गलती कर दी है।
उन्होंने कहा:

हम यूक्रेन को हथियार दे रहे हैं ताकि वे पुतिन को वापस धकेल सकें। पुतिन यूएसएसआर (सोवियत संघ) को फिर से खड़ा करना चाहते हैं। लेकिन इस बार दुनिया चुप नहीं बैठेगी।”

 

भारत के लिए खतरे की घंटी?

भारत, जिसने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिकी दबाव के बावजूद रूस से तेल आयात बढ़ाया, अब ट्रंप की नई नीति के दायरे में आ सकता है। यदि ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं और यह नीति लागू होती है, तो भारत को तेल व्यापार पर भारी शुल्क चुकाना पड़ सकता है, जिससे उसकी ऊर्जा सुरक्षा, विदेशी व्यापार और घरेलू कीमतों पर असर पड़ सकता है।

“अमेरिका या पुतिन — चुनो एक”: ट्रंप की रणनीति साफ

ग्राहम ने अंत में स्पष्ट रूप से कहा कि अब भारत, चीन और ब्राज़ील के सामने एक कठोर चुनाव है:

आप अमेरिका की अर्थव्यवस्था के साथ खड़े होंगे या पुतिन के साथ? मुझे लगता है कि ये देश आखिरकार अमेरिका को ही चुनेंगे।”

 

क्या वाकई लागू होंगे ये टैरिफ?

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या ट्रंप प्रशासन वाकई इतना कठोर रवैया अपनाएगा? अगर हां, तो यह कदम न केवल भारत-अमेरिका रिश्तों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार और भू-राजनीतिक संतुलन को भी गंभीर रूप से हिला सकता है।


विश्लेषण:

  • भारत के सामने मुश्किल विकल्प: ऊर्जा जरूरतें बनाम भू-राजनीतिक दबाव।

  • चीन शायद झुके नहीं, पर भारत को संतुलन साधना होगा।

  • ब्राज़ील के लिए कृषि निर्यात अमेरिका पर निर्भर है — ज्यादा जोखिम।

  • रूसी तेल पर निर्भरता अब एक 'रणनीतिक बोझ' बनती जा रही है।


यदि ट्रंप 2025 के अंत तक राष्ट्रपति बनते हैं और यह नीति लागू करते हैं, तो भारत के लिए यह कूटनीतिक परीक्षा होगी। क्या भारत अमेरिका की शर्तों के सामने झुकेगा, या फिर अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता को प्राथमिकता देगा — आने वाला समय इसका फैसला करेगा।

ये भी पढ़े 

1 -हिंदी उर्दू शायरी 

2 -प्रीमियम डोमेन सेल -लिस्टिंग  

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

ADS3

ADS4