✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
❖ पृष्ठभूमि: कश्मीर हमला और बढ़ता तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच यह ताजा तनाव 7 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए एक इस्लामी आतंकी हमले के बाद बढ़ा, जिसमें 26 सुरक्षाकर्मियों की जान गई। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह को ज़िम्मेदार ठहराया, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए तटस्थ जांच की मांग की।
इसके बाद 7 मई को भारत ने एलओसी पार कर आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। भारत ने इन ठिकानों को "आतंकी इन्फ्रास्ट्रक्चर" बताया। इसके जवाब में दोनों देशों के बीच लड़ाकू विमान, ड्रोन, मिसाइल और तोपों के ज़रिए तीव्र संघर्ष हुआ, जिसमें दर्जनों लोगों की जान गई।
❖ ट्रंप का बयान: "पांच विमान आसमान से गिराए गए"
ट्रंप ने कहा,
"असल में विमान हवा में से गिराए जा रहे थे। पांच, पांच, चार या पांच, लेकिन मुझे लगता है कि वास्तव में पांच विमान मार गिराए गए।"
हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान किस देश के थे, न ही उन्होंने किसी पुख़्ता सबूत या स्रोत का ज़िक्र किया।
❖ पाकिस्तान और भारत के दावे
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पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने एयर-टू-एयर कॉम्बैट में पांच भारतीय विमान मार गिराए।
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वहीं भारत के चीफ़ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) ने मई के अंत में कहा कि पहले दिन वायुसेना को नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन रणनीति बदलने के बाद भारत ने बढ़त हासिल कर ली, और 10 मई को सीज़फायर से पहले स्थिति भारत के पक्ष में थी।
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भारत ने भी दावा किया कि उसने पाकिस्तान के "कई विमान" गिराए, जबकि पाकिस्तान ने इस बात से इनकार किया कि उसके कोई विमान गिरे, लेकिन यह स्वीकार किया कि उसके कई एयरबेस को निशाना बनाया गया।
❖ ट्रंप का हस्तक्षेप: भारत की आपत्ति
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि 10 मई को अमेरिका की मध्यस्थता के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम हुआ। उन्होंने इसका श्रेय अपने प्रशासन को दिया।
हालांकि, भारत सरकार ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान अपने द्विपक्षीय मुद्दों को बिना किसी बाहरी दखल के सुलझाते हैं। भारत का रुख स्पष्ट रहा है कि कोई तीसरा पक्ष, चाहे वह अमेरिका ही क्यों न हो, इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकता।
❖ रणनीतिक समीकरण: अमेरिका, भारत और पाकिस्तान
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका चीन के प्रभाव को एशिया में संतुलित करने के लिए भारत को एक रणनीतिक साझेदार मानता है। वहीं पाकिस्तान अमेरिका का पुराना सहयोगी रहा है, खासकर आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में।
इसलिए भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और अमेरिका की भूमिका वैश्विक राजनीति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।
❖ निष्कर्ष:-
डोनाल्ड ट्रंप के इस ताज़ा बयान ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान तनाव और अमेरिकी भूमिका को सुर्खियों में ला दिया है। हालांकि भारत अपने रुख पर अडिग है कि सीज़फायर किसी बाहरी दबाव का परिणाम नहीं बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के प्रयासों का हिस्सा था। वहीं पाकिस्तान और अमेरिका के बीच लगातार संवाद यह संकेत देता है कि दक्षिण एशिया में संघर्ष और कूटनीति की राजनीति अभी भी संतुलन की तलाश में है।
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