नई दिल्ली / मास्को | अपडेटेड: 30 जुलाई 2025| ✍🏻 Z S Razzaqi | वरिष्ठ पत्रकार
रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप में सोमवार को रिकॉर्ड तोड़ 8.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसे विशेषज्ञों ने 1952 के बाद का सबसे शक्तिशाली भूकंप करार दिया है। इस भीषण झटके के बाद जापान, अमेरिका और हवाई जैसे देशों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है। वैश्विक भूगर्भीय एजेंसियां इस घटना को 21वीं सदी की सबसे बड़ी भूगर्भीय आपदाओं में से एक मान रही हैं।भूकंप की तीव्रता और केंद्र बिंदु
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, यह भूकंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:45 बजे आया और इसका केंद्र कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी समुद्र तटीय क्षेत्र में, समुद्र तल से 62 किलोमीटर गहराई में था। प्रारंभिक माप में इसे 8.5 तीव्रता बताया गया, लेकिन बाद में इसे संशोधित कर 8.8 रेक्टर स्केल दर्ज किया गया।
भूकंप के झटके 700 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक महसूस किए गए, जिसमें रूस के अन्य सुदूर पूर्वी क्षेत्र, जापान के कुछ हिस्से, और उत्तरी प्रशांत महासागर के कई द्वीप शामिल हैं।
सुनामी की चेतावनी: जापान, अमेरिका और हवाई में अलर्ट
भूकंप के बाद तुरंत ही प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) ने हवाई, जापान, अमेरिका के पश्चिमी तटीय क्षेत्रों और अलास्का के लिए सुनामी चेतावनी जारी की। जापान के मियागी और फुकुशिमा क्षेत्रों में लहरें 1.5 मीटर से अधिक ऊंची उठीं और तटीय इलाकों को खाली कराना पड़ा।
हवाई के अधिकारियों ने समुद्र तटों को बंद कर दिया और लोगों को ऊंचे क्षेत्रों की ओर जाने के निर्देश दिए। अमेरिका के सैन डिएगो और लॉस एंजेलिस में भी समुद्र के किनारे बसे लोगों को सतर्क किया गया है।
1952 की त्रासदी की याद ताजा
कामचटका क्षेत्र में इससे पहले 1952 में 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने सैकड़ों लोगों की जान ली थी और पूरे क्षेत्र को तबाह कर दिया था। मौजूदा भूकंप ने उसी घटना की भयावहता की याद दिला दी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में टेक्टॉनिक प्लेट्स की सक्रियता के कारण इतने शक्तिशाली झटके समय-समय पर आते हैं।
स्थानीय नुकसान और प्रशासन की प्रतिक्रिया
रूसी आपातकालीन मंत्रालय के अनुसार, अभी तक किसी जानमाल के बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सैकड़ों इमारतों में दरारें, बिजली और संचार व्यवस्था बाधित होने की खबरें आ रही हैं। कामचटका क्राय (क्षेत्रीय सरकार) ने आपातकाल घोषित कर दिया है और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।
हवाई में रहने वाले रूसी नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, और रूसी सेना को समुद्री इलाकों की निगरानी के लिए सक्रिय किया गया है।
वैज्ञानिकों की चेतावनी और भविष्य की रणनीति
वैज्ञानिकों ने चेताया है कि इस प्रकार के शक्तिशाली भूकंप के बाद एक सप्ताह तक आफ्टरशॉक्स (परवर्ती झटके) की संभावना बनी रहती है, जिनकी तीव्रता 6.5 या उससे अधिक हो सकती है। जापान और अमेरिका ने सुनामी निगरानी उपकरणों को हाई अलर्ट पर रख दिया है।
रूसी सरकार और अंतरराष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसियां इस घटना से सबक लेते हुए समुद्री तटीय सुरक्षा, भूकंप रोधी इन्फ्रास्ट्रक्चर और अर्ली वॉर्निंग सिस्टम को अपग्रेड करने पर विचार कर रही हैं।
वैश्विक प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रूस को सहयोग का प्रस्ताव देते हुए कहा कि “इस प्रकार की आपदाओं में मानवता की एकजुटता सबसे बड़ी ताकत होती है।” अमेरिका, चीन, जापान और भारत ने भी मदद की पेशकश की है।
भारत के प्रधानमंत्री ने रूस के राष्ट्रपति को संवेदना संदेश भेजा और जरूरत पड़ने पर आपात राहत भेजने की बात कही।
निष्कर्ष:-
यह भूकंप एक चेतावनी है कि प्रकृति के सामने मानव तकनीक अब भी सीमित है। कामचटका भूकंप ने दुनिया को न सिर्फ हिला दिया है, बल्कि यह सवाल भी उठाया है कि क्या हमारी वैश्विक आपदा तैयारी पर्याप्त है?
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