तिरुवनंतपुरम | 18 जुलाई 2025 | ✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
भारत की एक नर्स निमिषा प्रिया, जो यमन में हत्या के मामले में मौत की सज़ा पा चुकी है, उनकी 16 जुलाई को होने वाली फांसी को यमन सरकार ने स्थगित कर दिया है। हालांकि इस राहत के बावजूद उनकी जिंदगी अभी भी अधर में लटकी हुई है, क्योंकि अंतिम फैसला अब पीड़ित के परिवार के हाथों में है।
❝ ना माफ़ी, ना ब्लड मनी - न्याय होना चाहिए ❞
हत्या के शिकार तालाल अब्दो महदी के भाई अब्दुल फतह महदी ने बीबीसी अरबी से बातचीत में कहा,
"हम 'क़िसास' की मांग करते हैं। हमें न तो माफ़ी चाहिए और न ही खून के बदले पैसे (ब्लड मनी)। यह न्याय का मामला है और न्याय देर से सही लेकिन होना चाहिए।"
क़िसास इस्लामी कानून के अंतर्गत एक ऐसा सिद्धांत है जिसमें अपराधी को वही दंड मिलता है जो उसने दिया हो — यानी हत्या के मामले में फांसी। यमन का कानून शरिया पर आधारित है, जहां पीड़ित परिवार की सहमति से अपराधी को क्षमा किया जा सकता है, बशर्ते वे 'ब्लड मनी' स्वीकार करें।
भारत में बढ़ते प्रयास, पर बातचीत नाज़ुक मोड़ पर
भारत और यमन दोनों सरकारों के बीच कई वर्षों से राजनयिक प्रयास जारी हैं।
सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल के एक पदाधिकारी ने कहा:
"अब मामला पीड़ित के परिवार के पास है। यह एक कठिन और भावनात्मक स्थिति है। हमें तालाल के परिवार के दर्द को समझना और उनका सम्मान करना चाहिए। कुछ लोग मीडिया में आकर अपनी वाहवाही लूटने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे बातचीत को नुकसान पहुंच सकता है।"
सामाजिक कार्यकर्ताओं की चेतावनी: मामला बेहद संवेदनशील
इस पूरे मामले में पिछले पांच वर्षों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम बास्करन ने कहा:
"यमन सरकार ने भारत के प्रति गहरी सहानुभूति दिखाई है। लेकिन केवल मीडिया रिपोर्ट्स से निमिषा को नहीं बचाया जा सकता। तालाल के परिवार की पीड़ा को समझते हुए, हमें सावधानीपूर्वक बातचीत जारी रखनी होगी। अपराध की प्रकृति को देखते हुए यह बेहद संवेदनशील प्रक्रिया है।"
सोशल मीडिया पर भड़काऊ टिप्पणियां: नुकसानदेह कृत्य
केरल में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय परिषद सदस्य सलीम मडवूर ने राज्य पुलिस प्रमुख को शिकायत दर्ज कराई है कि कुछ लोग पीड़ित के भाई के फेसबुक पेज पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर रहे हैं। उन्होंने कहा:
"ऐसे नफरत फैलाने वाले कमेंट्स बातचीत को नुकसान पहुंचा सकते हैं और निमिषा की रिहाई की संभावनाएं और धुंधली हो सकती हैं।"
मामला: निमिषा प्रिया की यमन में गिरफ्तारी और मौत की सज़ा
निमिषा प्रिया, एक नर्स थीं जो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए यमन गई थीं। वहां उनका एक स्थानीय नागरिक तालाल महदी के साथ विवाद हुआ, जिसे उन्होंने नींद की गोलियां देकर बेहोश किया और फिर उसकी हत्या कर दी। यह हत्या उस समय हुई जब निमिषा कथित तौर पर शारीरिक शोषण और प्रताड़ना झेल रही थीं।
स्थानीय अदालत ने उन्हें मौत की सज़ा सुनाई। इसके बाद से ही भारत सरकार और कई नागरिक संगठनों द्वारा उनके लिए माफी या ब्लड मनी समझौते के प्रयास किए जा रहे हैं।
निष्कर्ष: अभी उम्मीद ज़िंदा है, लेकिन राह मुश्किल
यमन सरकार द्वारा फांसी स्थगित करना भारत के लिए एक बड़ी राजनयिक सफलता मानी जा सकती है। लेकिन यह केवल एक कदम है।
निमिषा की जिंदगी अब पूरी तरह तालाल महदी के परिवार के फैसले पर टिकी हुई है — क्या वे माफ करेंगे, या इस्लामी कानून के तहत 'क़िसास' की मांग पर अडिग रहेंगे।ये भी पढ़ें
📌 मुख्य बिंदु:
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निमिषा की फांसी 16 जुलाई को होनी थी, लेकिन यमन सरकार ने स्थगित कर दी।
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पीड़ित परिवार ने ब्लड मनी या माफ़ी से इनकार किया, 'क़िसास' की मांग की।
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भारत और यमन के बीच राजनयिक बातचीत जारी।
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सोशल मीडिया पर गलत बयानों से मामला बिगड़ने की आशंका।
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