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Gaza Ceasefire Talks Collapse: डोनाल्ड ट्रंप ने हमास पर लगाया बड़ा आरोप, कहा — “इज़राइल को करना होगा सफाया”

 ✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार  

वॉशिंगटन/गाज़ा सिटी | 26 जुलाई 2025: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाज़ा में संघर्षविराम वार्ता के असफल होने के लिए फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास को जिम्मेदार ठहराते हुए एक तीखा बयान जारी किया है। स्कॉटलैंड रवाना होने से पहले ज्वाइंट बेस एंड्रयूज, मैरीलैंड में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा, “अब मामला इस स्थिति में पहुंच चुका है कि इज़राइल को यह लड़ाई खत्म करनी होगी। उन्हें हमास से छुटकारा पाना ही होगा।”


ट्रंप का बयान: “हमास मरना चाहता है, वो समझौता नहीं चाहता”

राष्ट्रपति ट्रंप ने गाज़ा संघर्षविराम की विफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए शुक्रवार को कहा:

“यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हमास कभी भी सच्चे मन से समझौता नहीं करना चाहता था। मुझे लगता है कि वो मरने के लिए लड़ रहा है, और यह बेहद खतरनाक स्थिति है।”

उन्होंने आगे कहा कि जब तक अंतिम बंधक रिहा नहीं होते, हमास को इस बात का डर बना रहेगा कि इसके बाद उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई शुरू हो सकती है। इसी आशंका के कारण, ट्रंप के अनुसार, हमास ने बातचीत से पीछे हटने का निर्णय लिया।

समझौते से पीछे हटा हमास: ट्रंप की प्रतिक्रिया में आक्रोश

डोनाल्ड ट्रंप ने संवाददाताओं को बताया कि हमास की ओर से वार्ता में कोई पारदर्शिता नहीं दिखाई दी, और वे ना तो "विनम्रता से" बात कर रहे थे, ना ही "ईमानदारी से" किसी सौदे के लिए तैयार थे। उन्होंने कहा:

“अब इज़राइल को निर्णायक कार्रवाई करनी होगी। उन्हें लड़ाई खत्म करनी है, इलाका साफ़ करना है और हमास को खत्म करना है।”

 

कतर में बंद हुई अप्रत्यक्ष बातचीत: अमेरिका और इज़राइल ने खींचे कदम

यह बयान उस समय आया जब अमेरिका और इज़राइल ने कतर में हमास के साथ चल रही अप्रत्यक्ष वार्ताओं से हटने का फैसला किया। वार्ताकारों ने इसे हमास की अव्यवस्थित और अविश्वसनीय रणनीति का नतीजा बताया। ट्रंप प्रशासन के मध्य-पूर्व मामलों के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने भी पुष्टि की कि अमेरिका अब बंधकों की रिहाई के लिए "वैकल्पिक विकल्पों" की तलाश कर रहा है।

पहले जताया था समझौते का भरोसा, अब आए सख्त तेवर

कुछ ही हफ्ते पहले ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से विश्वास जताया था कि गाज़ा में संघर्ष समाप्त होने वाला है और सभी बंधकों की रिहाई के साथ मानवीय राहत की आपूर्ति भी संभव हो पाएगी। लेकिन शुक्रवार को दिए गए बयान में उनके रुख में स्पष्ट बदलाव देखा गया।

जब ट्रंप से इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ हालिया बातचीत को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने निराशा जताते हुए कहा:

“यह कुछ हद तक निराशाजनक रहा है। लेकिन अब उन्हें लड़ना ही होगा और क्षेत्र को साफ करना होगा। हमास का अंत करना ज़रूरी है।”

 

दूसरी ओर मध्यस्थ देश बोले: “बातचीत पूरी तरह नहीं टूटी”

हालाँकि ट्रंप ने यह बयान हमास की विफलता के रूप में प्रस्तुत किया, लेकिन कतर और मिस्र के अधिकारियों ने इसे वार्ता की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के जटिल मामलों में अस्थायी ठहराव आम होता है और बातचीत पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है।

एक इज़राइली अधिकारी ने भी पुष्टि की कि “बातचीत पूरी तरह टूटी नहीं है”, बल्कि नई रणनीति पर पुनर्विचार किया जा रहा है।

नेतन्याहू के बयान: "हम वैकल्पिक रास्तों पर विचार कर रहे हैं"

इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी संकेत दिए हैं कि उनकी सरकार अब हमास को समाप्त करने और बंधकों को सुरक्षित घर लाने के लिए नई रणनीतियों पर विचार कर रही है। गाज़ा में भुखमरी और मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है। लाखों लोग बेघर हैं और क्षेत्र में भारी तबाही है।

USAID की रिपोर्ट: “हमास द्वारा सहायता चोरी” का कोई प्रमाण नहीं

इस संकट के बीच, अमेरिकी सहायता एजेंसी USAID ने यह स्पष्ट किया है कि उन्हें अब तक इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि हमास ने गाज़ा में बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता चुराई हो। यह रिपोर्ट अमेरिका में उस नैरेटिव को चुनौती देती है जिसमें हमास पर राहत सामग्री की चोरी का आरोप लगाया गया था।


🔎 निष्कर्ष: गाज़ा संकट की राजनीतिक और मानवीय जटिलता

डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान ने यह साफ़ कर दिया है कि अमेरिका अब गाज़ा में राजनीतिक समाधान के बजाय निर्णायक सैन्य कार्रवाई की ओर झुकाव रखता है। इज़राइल की रणनीति भी बदली हुई नजर आ रही है। वहीं, कतर और मिस्र जैसे मध्यस्थ देश अब भी शांति वार्ता की उम्मीद बनाए हुए हैं।

गाज़ा में मानवता कराह रही है — भुखमरी, विस्थापन और राजनीतिक अस्थिरता के इस त्रिकोण में एक स्थायी समाधान की उम्मीदें लगातार क्षीण होती जा रही हैं। आने वाले सप्ताह यह तय करेंगे कि यह क्षेत्र युद्ध की ओर लौटेगा या कूटनीति को पुनः मौका मिलेगा।

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