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लाजपत नगर दोहरे हत्याकांड: भरोसे का खून और गुस्से का तांडव

रिपोर्टिंग: कविता शर्मा  | पत्रकार

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के लाजपत नगर से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जहाँ एक 24 वर्षीय युवक ने अपने ही मालिक की पत्नी और बेटे का बेरहमी से गला रेत कर कत्ल कर दिया। यह दोहरा हत्याकांड बुधवार की शाम हुआ, जब आरोपी युवक, जो एक गारमेंट शॉप में काम करता था, अपने मालिक के घर घुसा और वारदात को अंजाम दिया।

आरोपी की पहचान मुकेश पासवान के रूप में हुई है, जो घटना के बाद दिल्ली से फरार हो गया था, लेकिन उत्तर प्रदेश के पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से उसे ट्रेन में भागते समय गिरफ्तार कर लिया गया।



❖ मृतकों की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि

इस भयावह हत्या में मारी गई महिला का नाम रुचिका सेवानी (42) है, जो अपने पति कुलदीप सेवानी (44) के साथ लाजपत नगर के एफ ब्लॉक में रहती थीं। उनके 14 वर्षीय बेटे कृष की भी निर्ममता से हत्या कर दी गई। सेवानी परिवार लाजपत नगर में ही गारमेंट्स का व्यापार करता था।


❖ हत्या कैसे उजागर हुई?

घटना शाम 7:30 बजे के आस-पास हुई, लेकिन इसका खुलासा दो घंटे बाद रात 9:43 बजे कुलदीप द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम में की गई कॉल से हुआ। कुलदीप ने बताया कि उसकी पत्नी और बेटा फोन नहीं उठा रहे थे, जिससे उन्हें अनहोनी की आशंका हुई।

घर भेजे गए एक अन्य कर्मचारी ने गेट और सीढ़ियों पर खून के धब्बे देखे, जिसके बाद कुलदीप घर पहुँचे और पड़ोसियों को बुलाया। पुलिस को सूचना दी गई और जब दरवाज़ा तोड़ा गया, तब रुचिका की लाश कमरे में और बेटे की लाश बाथरूम में पाई गई।


❖ हत्या की विभीषिका

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों को धारदार हथियार से गले पर गहरे घाव देकर मारा गया। रुचिका की चीखें उनके बेटे ने सुनीं, जो क्रिकेट की कोचिंग से लौटा था। उसने मां को बचाने की कोशिश की लेकिन हमलावर ने उसे भी नहीं बख्शा। वह बाथरूम में छिपने की कोशिश कर रहा था, लेकिन आरोपी वहां भी घुस गया और उसकी हत्या कर दी।

हत्या के समय घर में एसी चल रहा था, जिससे आसपास किसी ने चीखें नहीं सुनीं।


❖ आरोपी की गिरफ्तारी और प्रारंभिक बयान

पुलिस ने घटना के बाद इलाके के CCTV फुटेज खंगाले, जिसमें मुकेश को घर से बाहर निकलते देखा गया। इसी आधार पर उसके खिलाफ संदेह मजबूत हुआ और एक इंटर-स्टेट अलर्ट जारी किया गया। यूपी पुलिस ने उसे ट्रेन से गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस को दिए शुरुआती बयान में मुकेश ने बताया कि उसने रुचिका से ₹45,000 एडवांस लिए थे। जब वह लगातार काम से गायब रहने लगा और फोन नहीं उठा रहा था, तब रुचिका ने किसी अन्य कर्मचारी से संपर्क कर उसे बुलवाया। महिला ने उसे डांटा, जिससे वह बौखला गया और बदले की भावना से घर पहुंच गया।


❖ सुनियोजित हत्या या अचानक गुस्से में?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने किसी भी प्रकार की बातचीत का मौका दिए बिना रुचिका पर हमला कर दिया। वह संभवतः इस वारदात के लिए तैयार होकर आया था। संदेह है कि उसने घुसने से पहले CCTV वायर को भी काट दिया था, हालांकि इसकी पुष्टि होना बाकी है। हत्या के बाद वह सीधा रेलवे स्टेशन की ओर भाग गया।

फिलहाल हत्या में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी नहीं हुई है और पुलिस आरोपी को दिल्ली लाकर पूछताछ कर रही है।


❖ बड़े सवाल जो अब भी बाकी हैं:

  1. क्या यह हत्या सिर्फ गुस्से में की गई, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी?

  2. क्या आरोपी के पास कोई पुराना अपराध रिकॉर्ड है?

  3. क्या घर की सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक थी?

  4. आरोपी के घर में आने-जाने की क्या कोई नियमितता थी?


❖ निष्कर्ष

यह हृदयविदारक घटना दिल्ली जैसे व्यस्त महानगर में सुरक्षा और भरोसे पर कई सवाल खड़े करती है। एक कर्मचारी जो लंबे समय से साथ काम कर रहा था, वही जानलेवा साबित हो गया। यह घटना यह बताने के लिए पर्याप्त है कि घरेलू और व्यावसायिक जीवन में भी सतर्कता की कितनी आवश्यकता है।

पुलिस का कहना है कि मुकदमा दर्ज किया जा चुका है और जांच जारी है। जल्द ही आरोपी से गहन पूछताछ के बाद हत्या का पूरा सच सामने लाया जाएगा।

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