✍🏻 Z S Razzaqi |वरिष्ठ पत्रकार
AIR INDIA FLIGHTE-171 की भीषण दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आने के बाद, वैश्विक विमानन जगत गहरे सदमे में है। 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरते ही यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस त्रासदी में 260 लोगों की जान चली गई, जिनमें लगभग सभी 242 यात्री और चालक दल के सदस्य शामिल थे। प्रारंभिक जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि शायद एक ‘तथाकथित मामूली’ स्विच की गलती ही इस जानलेवा हादसे की वजह बनी।
डॉ. प्रतीक जोशी और उनका परिवार – अधूरा रह गया सपना
इस हादसे में डॉ. प्रतीक जोशी का पूरा परिवार भी शहीद हो गया। डॉ. जोशी एक रेडियोलॉजिस्ट थे और इंग्लैंड के डर्बी में वर्षों से कार्यरत थे। हाल ही में उन्होंने अपनी पत्नी और तीन बच्चों को यूके बुलाने की कानूनी प्रक्रिया पूरी की थी और वे सब मिलकर एक नए जीवन की शुरुआत करने के लिए इस उड़ान में सवार हुए थे।
टेकऑफ से ठीक पहले उन्होंने विमान के अंदर अपने पूरे परिवार की एक तस्वीर साझा की थी, जो अब एक मर्मांतक स्मृति बन गई है। उनके सहयोगी डॉ. मारियो डोनाडी ने बीबीसी को बताया, “एक छोटा सा स्विच कैसे इतने बड़े सपनों को खत्म कर सकता है? प्रतीक हमेशा शांत, सरल और बेहद पेशेवर व्यक्ति थे।”
आध्यात्मिक युगल, पूर्व शिक्षिका और मासूम यात्रियों की दुखद मौत
इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों में लंदन के एक आध्यात्मिक केंद्र चलाने वाले ब्रिटिश दंपति फियोनगल और जेमी ग्रीनलॉ-मीक, पूर्व नर्सरी हेडटीचर पन्ना नगर, और रक्षा मोदी व उनके दो वर्षीय पोते रुद्र भी शामिल थे। विमान के दो पायलट—कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर—भी शहीद हो गए। दोनों ही बेहद अनुभवी और प्रशिक्षित पायलट माने जाते थे।
प्रारंभिक रिपोर्ट: स्विच फ्लिप से दोनों इंजन ठप
भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के ठीक बाद दोनों इंजन बंद हो गए। कारण? दोनों इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच अचानक “RUN” से “CUTOFF” पोजीशन में चले गए, जिससे ईंधन आपूर्ति बंद हो गई।
कॉकपिट की आवाज़ रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है, “तुमने कट-ऑफ क्यों किया?” जवाब मिलता है, “मैंने नहीं किया।”
ये स्विच बेहद सुरक्षित माने जाते हैं और बिना जानबूझकर खोले इन्हें नीचे की ओर फ्लिप करना लगभग असंभव माना जाता है। इस तकनीकी विसंगति ने पूरी विमानन प्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है।
बोइंग की स्विच डिज़ाइन पर उठे सवाल
2018 में अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने एक चेतावनी जारी की थी, जिसमें कुछ स्विच के लॉकिंग फीचर के निष्क्रिय होने की आशंका जताई गई थी। यही डिज़ाइन बोइंग 787-8 विमान में भी है। लेकिन यह चेतावनी सिर्फ परामर्श स्वरूप थी, इसलिए एयर इंडिया ने स्विच की जांच नहीं करवाई।
विमानन विशेषज्ञ शॉन प्रुचनिकी ने कहा, “अगर ये स्विच खुद-ब-खुद ‘OFF’ हो सकते हैं, तो यह एक गंभीर तकनीकी समस्या है। अगर नहीं, तो फिर इसकी स्पष्ट व्याख्या की जानी चाहिए।”
भयंकर प्रभाव: मेडिकल कॉलेज, इमारतें और तबाही
विमान अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल और अन्य इमारतों से टकरा गया, जिससे भीषण आग और तबाही हुई। घटनास्थल अभी भी सील है, जले हुए पेड़ और राख में तब्दील भवन त्रासदी की गवाही दे रहे हैं। डीएनए परीक्षण द्वारा शवों की पहचान करने में मेडिकल टीमें कई दिन तक लगी रहीं।
परिवारों का दर्द: उत्तरों से नहीं भरती रिक्तता
चालक दल की सदस्य लम्नुनथेम सिंगसन के भाई न्गामलिनलाल किपगन ने कहा, “हम अभी भी अपने दुख को समझने की कोशिश कर रहे हैं। हमें closure अपने तरीके से मिलेगा – उनकी याद को जिंदा रखकर।”
श्वेता परिहार, जिनके पति अभिनव परिहार इस दुर्घटना में मारे गए, कहती हैं, “हमने एयरलाइन पर विश्वास किया था। अब जांच का क्या मतलब? हमारा सब कुछ खत्म हो गया।” उनका बेटा बार-बार पूछता है, “पापा को दर्द हुआ होगा? वो जले थे?”
क्या मानवीय भूल या साजिश? पायलटों की भूमिका पर संशय
फ्लाइट में फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर विमान चला रहे थे और कैप्टन सभरवाल निगरानी भूमिका में थे। दोनों ही फिट, सटीक और जिम्मेदार थे। फिर भी, कॉकपिट बातचीत से यह सवाल खड़ा होता है: क्या यह किसी की मानवीय भूल थी या कुछ और?
कुछ विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि यह पूर्व नियोजित कार्रवाई भी हो सकती है। हालांकि इसका कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है, लेकिन पायलटों की निजी परिस्थितियों की जांच अब ज़रूरी हो गई है।
आगे की जांच: अंतिम रिपोर्ट का इंतज़ार
AAIB ने जांच के अगले चरण तय किए हैं:
फ्यूल सिस्टम के अवशेषों की गहन जांच
सीमित ईंधन नमूनों की प्रयोगशाला जांच
इनफ्लाइट रिकॉर्डर्स के डेटा का गहन विश्लेषण
मृतकों के पोस्टमॉर्टम की पूर्ण समीक्षा
बोइंग ने कहा है कि वह भारतीय जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करेगा और इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया है। अंतिम रिपोर्ट एक वर्ष के भीतर आने की उम्मीद है।
निष्कर्ष: उत्तर अधूरे हैं, घाव गहरे हैं
यह त्रासदी सिर्फ एक तकनीकी चूक नहीं, बल्कि एक मानवीय तबाही है। एक स्विच ने सैकड़ों ज़िंदगियों को बुझा दिया—सपनों, परिवारों और भविष्य को। रिपोर्ट ने यह जरूर बताया कि ‘क्या हुआ’, लेकिन ‘क्यों हुआ’, इसका उत्तर अभी भी अंधकार में है।
जब तक वह उत्तर नहीं मिलता, एयर इंडिया फ्लाइट 171 की दुर्घटना एक चेतावनी बनी रहेगी—सावधानी, पारदर्शिता और जवाबदेही की अनिवार्यता के लिए।
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