7 मई 2025 को उपमहाद्वीप की सुरक्षा स्थिति में अचानक उथल-पुथल मच गई जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक सैन्य अभियान "ऑपरेशन सिंदूर" (Operation Sindoor) की शुरुआत की। इस सैन्य कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर के कई स्थानों को निशाना बनाया, जिनके बारे में भारत सरकार का कहना है कि ये "आतंकी प्रशिक्षण शिविर" हैं।
इसके प्रतिउत्तर में पाकिस्तान ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी और दावा किया कि उसने भारतीय सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमला किया तथा भारत के कई लड़ाकू विमानों को मार गिराया। पाकिस्तान ने भारत की इस कार्रवाई को "युद्ध की कार्यवाही" करार दिया है।
इस सैन्य तनाव के बीच, भारत और पाकिस्तान — दोनों परमाणु संपन्न राष्ट्र — के बीच बढ़ते संघर्ष को लेकर वैश्विक स्तर पर चिंता गहराती जा रही है। अब तक इस संघर्ष में पाकिस्तान में कम से कम 26 लोगों की और भारत-प्रशासित कश्मीर में 10 लोगों की जान जाने की पुष्टि हुई है।
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विश्व नेताओं की प्रतिक्रियाएँ: संयम और संवाद की अपील
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प: “उम्मीद है यह जल्द समाप्त होगा”
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संघर्ष पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने अभी इसके बारे में सुना है। मुझे लगता है कि लोग पहले से ही अंदाजा लगा रहे थे कि कुछ होने वाला है क्योंकि यह संघर्ष दशकों से चलता आ रहा है। मेरी आशा है कि यह जल्द ही समाप्त होगा।”
ट्रम्प की टिप्पणी से स्पष्ट है कि अमेरिका इस क्षेत्र में शांति बहाली को प्राथमिकता देता है, हालांकि उन्होंने सीधे किसी पक्ष का समर्थन नहीं किया।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो: “स्थिति पर नजर रखी जा रही है”
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“मैं भारत और पाकिस्तान के बीच की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा हूं। मैं @POTUS की टिप्पणी दोहराता हूं कि उम्मीद है कि यह संकट जल्द खत्म होगा और हम दोनों देशों के नेतृत्व से बातचीत करते रहेंगे ताकि कोई शांतिपूर्ण समाधान निकाला जा सके।”
रुबियो की यह टिप्पणी बताती है कि अमेरिका इस संवेदनशील स्थिति में दोनों देशों के साथ राजनयिक स्तर पर लगातार संपर्क में है और युद्ध से बचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
अन्य देशों की संभावित प्रतिक्रियाएँ (प्रतीक्षित)
हालांकि अभी तक रूस, चीन, यूरोपीय संघ, और संयुक्त राष्ट्र जैसी बड़ी वैश्विक संस्थाओं की औपचारिक प्रतिक्रियाएँ सार्वजनिक नहीं हुई हैं, लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वे शीघ्र ही दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समस्या सुलझाने की अपील करेंगे।
पृष्ठभूमि: संघर्ष की जड़ें
भारत और पाकिस्तान के बीच यह नया टकराव एक बार फिर कश्मीर मुद्दे के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जो दशकों से दोनों देशों के बीच तनाव और टकराव का प्रमुख कारण रहा है। हाल ही में पनपे घटनाक्रमों में भारत पर हुए आतंकी हमलों और उसकी प्रतिक्रिया के रूप में "ऑपरेशन सिंदूर" को देखा जा रहा है।
निष्कर्ष: क्या यह युद्ध की ओर बढ़ता कदम है?
दोनों देशों के बीच बढ़ती सैन्य गतिविधियाँ न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा हैं, बल्कि यह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती हैं। विश्व समुदाय की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करे और शांति, वार्ता तथा कूटनीति के माध्यम से इस संकट का समाधान निकालने की दिशा में काम करे।
इस समय जब दोनों देशों के नागरिकों की जान जोखिम में है और तनाव किसी भी क्षण गंभीर रूप ले सकता है, वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निर्णायक हो सकती है।
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