किन राज्यों में बढ़े मामले?
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली जैसे राज्यों में देखी गई है।
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केरल: 430 सक्रिय मामले (पिछले सप्ताह से 335 नए केस)
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महाराष्ट्र: 209 सक्रिय केस (पिछले सप्ताह से 153 नए केस और 4 मौतें)
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दिल्ली: 104 सक्रिय केस (इस सप्ताह 99 नए मामले दर्ज)
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तमिलनाडु और कर्नाटक: आंकड़े बढ़ने की सूचना मिली है, परन्तु सटीक संख्याएं स्पष्ट नहीं की गईं हैं।
इन राज्यों में स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है और निगरानी तंत्र को और अधिक सक्रिय कर दिया गया है।
नए वेरिएंट का पता चला: NB.1.8.1 और LF.7
COVID-19 मामलों में इस बढ़ोतरी के पीछे दो नए वेरिएंट – NB.1.8.1 और LF.7 को संभावित रूप से ज़िम्मेदार माना जा रहा है।
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NB.1.8.1 का एक मामला अप्रैल में तमिलनाडु में पाया गया था।
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LF.7 वेरिएंट के चार मामले मई महीने में रिपोर्ट किए गए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन दोनों वेरिएंट्स को Variants Under Monitoring (VUMs) की श्रेणी में रखा है, यानी ये फिलहाल 'चिंता के वेरिएंट (VOCs)' या 'रुचिकर वेरिएंट (VOIs)' नहीं हैं।
हालांकि, इन वेरिएंट्स को चीन और एशिया के कुछ हिस्सों में मामलों की बढ़ोतरी से जोड़ा गया है, जिससे भारत में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले सप्ताह COVID-19 स्थिति की समीक्षा बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया:
"देश में ICMR और IDSP (Integrated Disease Surveillance Programme) के माध्यम से रेस्पिरेटरी वायरस की निगरानी के लिए एक मजबूत नेटवर्क कार्यरत है। अधिकतर मामलों की स्थिति सामान्य है और मरीज होम आइसोलेशन में हैं।"
इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार द्वारा एयरपोर्ट स्क्रीनिंग, जीनोम सिक्वेंसिंग, और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निगरानी को और कड़ा किया गया है।
क्या भारत को घबराने की जरूरत है?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि अभी तक यह वेरिएंट अधिक संक्रामक या गंभीर बीमारी फैलाने वाले नहीं पाए गए हैं।
"हमने सिंगापुर, हांगकांग और अन्य देशों के IHR फोकल पॉइंट्स से यह जानकारी प्राप्त की है कि मौजूदा वेरिएंट्स के लक्षण या संक्रामकता पहले के वेरिएंट्स से ज़्यादा नहीं हैं।"
फिर भी भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पूरी तरह सतर्क है और समय-समय पर आंकड़ों और ज़मीनी हालात की समीक्षा की जा रही है।
बीते एक सप्ताह का कुल आंकड़ा
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752 नए केस सामने आए
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7 मरीजों की मृत्यु
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305 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हुए
सभी आंकड़े स्वास्थ्य मंत्रालय के आधिकारिक COVID-19 डैशबोर्ड से लिए गए हैं।
निष्कर्ष: सावधानी जरूरी, घबराहट नहीं
हालांकि COVID-19 के मामलों में हालिया वृद्धि चिंताजनक है, परंतु अभी यह संकट की स्थिति नहीं है। अधिकतर मामले माइल्ड (हल्के) हैं और होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं। लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि महामारी अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है।
मास्क पहनना, भीड़भाड़ से बचना, हाथ धोते रहना और टीकाकरण की दोनों डोज़ व बूस्टर डोज़ लगवाना अभी भी महत्वपूर्ण है।
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