नई दिल्ली 9 अप्रैल 2025
अब देश में किसी होटल के रिसेप्शन पर आधार की फोटोकॉपी देना, किराए पर घर लेते समय दस्तावेज दिखाना या यात्रा के दौरान बार बार आईडी साबित करना बीते जमाने की बात हो जाएगी। सरकार ने आज एक बेहद आधुनिक और सुरक्षित नया आधार ऐप लॉन्च किया है जिसमें फेस आईडी और क्यूआर कोड जैसे अत्याधुनिक फीचर्स शामिल हैं। यह ऐप नागरिकों को न सिर्फ पहचान की सुविधा देता है बल्कि उनके डेटा की सुरक्षा और निजता को भी पूरी तरह सुनिश्चित करता है।
इस ऐप से कैसे बदल जाएगी पहचान की दुनिया
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चेहरा ही अब पहचान बनेगा
ऐप में लाइव फेस आईडी तकनीक का उपयोग किया गया है। यानी जैसे ही कोई सत्यापन की आवश्यकता होगी, आपका चेहरा स्कैन होगा और तुरंत पहचान कन्फर्म हो जाएगी। यह तकनीक फर्जी आईडी या डुप्लीकेट दस्तावेजों को पूरी तरह समाप्त कर देगी। -
क्यूआर कोड से तुरंत सत्यापन
बिलकुल उसी तरह जैसे दुकान पर UPI पेमेंट होता है, अब कोई भी होटल, ऑफिस या सेवा प्रदाता क्यूआर कोड स्कैन करके आपकी पहचान तुरंत सत्यापित कर सकेगा। -
न फोटोकॉपी न कार्ड साथ रखने की जरूरत
अब आपको अपने साथ आधार कार्ड की हार्डकॉपी या उसकी फोटोकॉपी रखने की कोई जरूरत नहीं। सब कुछ आपके मोबाइल पर होगा और वह भी पूरी तरह आपकी अनुमति से ही साझा होगा। -
पूरी तरह सुरक्षित और निजता को प्राथमिकता
यह ऐप UIDAI द्वारा विकसित किया गया है और इसमें एंड टू एंड एन्क्रिप्शन और यूज़र की सहमति आधारित डेटा एक्सेस जैसी सुविधाएं हैं जो यह सुनिश्चित करती हैं कि आपकी जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहे।
किन लोगों को होगा सबसे अधिक फायदा
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यात्री और पर्यटक जिन्हें बार बार होटल या परिवहन में आईडी दिखानी पड़ती है
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वरिष्ठ नागरिक जिन्हें दस्तावेज संभालना मुश्किल होता है
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छात्र और नौकरीपेशा लोग जिन्हें बार बार KYC जैसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है
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दुकानदार और सेवा प्रदाता जिन्हें सत्यापन प्रक्रिया को तेज और भरोसेमंद बनाना है
भारत के लिए तकनीकी क्रांति की ओर एक और कदम
यह ऐप भारत को दुनिया की पहली ऐसी बड़ी जनसंख्या वाला देश बना सकता है जिसने फेस ऑथेंटिकेशन आधारित डिजिटल पहचान को जनसाधारण के बीच सफलतापूर्वक लागू किया हो। डिजिटल इंडिया मिशन को यह ऐप नई दिशा और ऊर्जा देगा।
आगे क्या होगा
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ऐप फिलहाल बीटा टेस्टिंग मोड में है
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आने वाले हफ्तों में यह ऐप सभी के लिए उपलब्ध होगा
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सरकारी और प्राइवेट संस्थान इसे अपने पहचान सत्यापन में शामिल करेंगे
निष्कर्ष:-
यह आधार ऐप केवल तकनीक नहीं बल्कि नागरिक सशक्तिकरण का प्रतीक है। यह पहचान की प्रक्रिया को सरल, तेज, सुरक्षित और पूरी तरह डिजिटल बना देता है। जिस तरह यूपीआई ने देश में भुगतान की तस्वीर बदल दी, ठीक उसी तरह यह ऐप पहचान के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत है।
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