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दिल्ली सरकार द्वारा 250 मोहल्ला क्लीनिक बंद करने का फैसला: कारण, प्रभाव और स्वास्थ्य नीतियों में बदलाव

दिल्ली सरकार द्वारा 250 मोहल्ला क्लीनिक बंद करने का फैसला किया गया है, जिससे राजधानी की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े बदलाव की संभावना है। स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने यह घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम भ्रष्टाचार रोकने और स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस निर्णय के दूरगामी प्रभावों पर विभिन्न विशेषज्ञों, विपक्षी दलों और आम जनता की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं।


मोहल्ला क्लीनिक: उद्देश्य और विवाद

मोहल्ला क्लीनिक आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना थी, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों को मुफ्त और सुगम स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना था। लेकिन इन क्लीनिकों को लेकर कई वर्षों से विवाद चल रहा था। आरोप लगाए गए थे कि इनमें से कई क्लीनिक केवल कागजों पर चल रहे थे, जबकि उनके लिए सरकार द्वारा नियमित रूप से किराया और अन्य खर्च वहन किया जा रहा था।

स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जाँच में सामने आया कि 250 मोहल्ला क्लीनिक बिना किसी वास्तविक संचालन के सरकार के फंड्स का दुरुपयोग कर रहे थे। इसीलिए सरकार ने इन्हें बंद करने का फैसला लिया है।

सरकार की नई स्वास्थ्य नीति और प्रमुख बदलाव

1. आयुष्मान भारत योजना का विस्तार

दिल्ली सरकार ने 8 मार्च से राजधानी में आयुष्मान भारत योजना के तहत नए रजिस्ट्रेशन शुरू करने का ऐलान किया है। नई सरकार का मानना है कि इस योजना के माध्यम से अधिक पारदर्शिता और प्रभावी स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान की जा सकती हैं।

2. 100 दिनों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का वादा

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 100 दिनों के भीतर दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा ढांचे में बड़े सुधार किए जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

3. अस्पतालों में प्रसव दर बढ़ाने की योजना

दिल्ली सरकार ने यह भी बताया कि शहर में लगभग 20% बच्चों का जन्म अस्पतालों के बाहर हो रहा है। इस समस्या को हल करने के लिए सरकार अस्पताल में प्रसव को बढ़ावा देगी और जच्चा-बच्चा केंद्र स्थापित करने को प्राथमिकता देगी।

4. ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) रोगियों की देखभाल पर ज़ोर

नई सरकार ने सरकारी अस्पतालों में ईडब्ल्यूएस (Economically Weaker Section) कोटे के बिस्तरों की कड़ी निगरानी के निर्देश दिए हैं। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए दो नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले।

5. दिल्ली में डेंटल वैन की तैनाती

दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए ‘डेंटल वैन’ तैनात करने की घोषणा की है, जिससे शहर के बाहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ मिल सकें।

6. अस्पतालों में निगरानी बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे

सरकार ने सरकारी अस्पतालों में पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, अस्पताल प्रशासन में सुधार के लिए सभी चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे एक से अधिक पदों की ज़िम्मेदारी न संभालें।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और विपक्ष का रुख

दिल्ली सरकार के इस फैसले पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह फैसला दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य अधिकारों पर सीधा हमला है। AAP का आरोप है कि नई सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में कटौती करके आम लोगों को मुश्किल में डाल रही है।

कांग्रेस पार्टी ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की बजाय उन्हें सीमित कर रही है।

हालांकि, भाजपा नेताओं ने इस फैसले का समर्थन किया है। उनका कहना है कि नई सरकार भ्रष्टाचार रोकने और अधिक प्रभावी स्वास्थ्य नीति लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सोशल मीडिया और जनता की राय

इस फैसले पर सोशल मीडिया पर भी व्यापक चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक आवश्यक कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे जनविरोधी करार दे रहे हैं।


ट्विटर और फेसबुक पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं कि अगर मोहल्ला क्लीनिक भ्रष्टाचार में लिप्त थे, तो उनकी पूरी जाँच क्यों नहीं कराई गई? वहीं, कुछ लोग इस फैसले को सही ठहराते हुए कह रहे हैं कि यह कदम स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार है।

निष्कर्ष:-

दिल्ली सरकार द्वारा 250 मोहल्ला क्लीनिक बंद करने का फैसला राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक रूप से एक महत्वपूर्ण निर्णय है। यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक नया बदलाव ला सकता है, लेकिन इसके दूरगामी प्रभावों को समझने के लिए जनता की प्रतिक्रिया और जमीनी हकीकत का विश्लेषण करना जरूरी होगा।

नई सरकार ने पारदर्शिता और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाओं का वादा किया है, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगामी दिनों में सरकार इन वादों को कितनी कुशलता से पूरा कर पाती है।

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