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बजट 2025 LIVE अपडेट्स: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी अपना लगातार आठवां बजट, टैक्स दरों पर रहेगी खास नजर

नई दिल्ली, 1 फरवरी 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में आम बजट 2025-26 प्रस्तुत करेंगी। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा, जिसे वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और धीमी आर्थिक वृद्धि दर की पृष्ठभूमि में पेश किया जा रहा है। इस बजट से मुख्य रूप से मध्यम वर्ग को राहत, विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन और बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने की उम्मीदें हैं।


बजट 2025 से क्या हैं मुख्य अपेक्षाएँ?

  1. कर राहत और सरलीकरण: मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर स्लैब में कटौती या संशोधन की संभावना है। साथ ही, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क में रियायत दी जा सकती है।
  2. खपत और आर्थिक विकास को गति: निजी निवेश को आकर्षित करने, रोजगार सृजन बढ़ाने और उपभोक्ता खर्च को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं लाई जा सकती हैं।
  3. बुनियादी ढांचा और पूंजीगत व्यय: आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे और विनिर्माण क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय को प्राथमिकता दिए जाने की संभावना है।
  4. निर्यात और विनिर्माण को सहयोग: भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करने के लिए निर्यात प्रक्रियाओं को आसान बनाया जा सकता है, साथ ही स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएँ लागू की जा सकती हैं।
  5. कौशल विकास और रोजगार: श्रम-प्रधान क्षेत्रों में कौशल विकास और रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे कृषि मूल्य श्रृंखला को भी मजबूती मिलेगी।

आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 की मुख्य बातें

  • भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.3-6.8% रहने का अनुमान।
  • 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 8% वार्षिक वृद्धि और 35% निवेश दर आवश्यक।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से निम्न-कुशल श्रमिकों के लिए जोखिम बढ़ेगा, इसलिए कौशल विकास और उद्योग-अकादमिक सहयोग आवश्यक।
  • निजी खपत में वृद्धि और निर्यात प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने पर जोर।
  • कृषि और खाद्य आपूर्ति में सुधार की आवश्यकता, क्योंकि खाद्य मुद्रास्फीति 8.4% तक बढ़ गई है।

बजट 2025 का संभावित प्रभाव

बजट 2025 से यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकती है, जिससे निजी क्षेत्र का निवेश भी बढ़ेगा। राजकोषीय संतुलन बनाए रखते हुए सार्वजनिक व्यय में वृद्धि की योजना बनाई जा सकती है।

बजट क्यों महत्वपूर्ण है?

बजट केवल सरकार के वित्तीय प्रबंधन का दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह देश की आर्थिक दिशा को निर्धारित करता है। यह तय करता है कि करदाताओं के पैसे को कैसे खर्च किया जाएगा और किन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।

बजट 2025 पर सभी की नजरें टिकी हैं, खासकर मध्यम वर्ग, विनिर्माण क्षेत्र, बुनियादी ढांचा विकास और कर नीति में संभावित बदलावों को लेकर। अधिक जानकारी और लाइव अपडेट्स के लिए जुड़े रहें।

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