चीन की नई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी डीपसीक इन दिनों सुर्खियों में है। 20 जनवरी 2025 को लॉन्च हुए इस एआई चैटबॉट ने सीधे तौर पर चैटजीपीटी को चुनौती दी है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह फ्री में उपलब्ध है, जिसके चलते बहुत कम समय में ही एपल स्टोर और गूगल प्ले स्टोर पर इसके डाउनलोड्स की संख्या लाखों में पहुँच गई है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कैसे इतनी कम लागत में विकसित हुआ डीपसीक अमेरिकी टेक कंपनियों को चुनौती देने में कामयाब हो रहा है? आइए जानते हैं इससे जुड़े प्रमुख सवालों के जवाब।
डीपसीक क्या है और यह कैसे काम करता है?
डीपसीक एक चाइनीज एआई-पावर्ड चैटबॉट है, जिसे हांगचो में स्थित एक स्टार्टअप ने विकसित किया है। इस ऐप का उद्देश्य यूजर्स को तेज़, मुफ्त और सटीक उत्तर देना है।
डीपसीक बनाम चैटजीपीटी: प्रमुख अंतर
बिंदु | डीपसीक | चैटजीपीटी |
---|---|---|
मूल्य | फ्री (प्रीमियम $0.50/माह) | फ्री (प्रीमियम $20/माह) |
डेटा प्रोसेसिंग | सीमित डेटा, नए अपडेट की ज़रूरत | एडवांस्ड डेटा प्रोसेसिंग |
जवाब देने की शैली | कुछ राजनीतिक सवालों को टाल देता है | लगभग हर सवाल का जवाब देता है |
तकनीकी ढांचा | लो-एंड चिप्स और सीमित सर्वर | हाई-एंड जीपीयू आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर |
डीपसीक के पीछे कौन है?
इस ऐप को लिआंग वेनफेंग नामक चीनी उद्यमी ने बनाया है। वह एक इन्फॉर्मेशन और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग ग्रैजुएट हैं। उन्होंने डीपसीक के लिए लगभग 50,000 चिप्स का उपयोग किया, जिनमें से अधिकांश सस्ते और लोवर-एंड चिप्स थे, जो अब भी चीन में आयात किए जाते हैं।
हाल ही में, चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के साथ उनकी मुलाकात हुई थी, जिससे यह साफ होता है कि चीन की सरकार इस प्रोजेक्ट का समर्थन कर रही है।
डीपसीक का बाज़ार पर प्रभाव
डीपसीक ने अपने कम लागत वाले मॉडल की वजह से अमेरिका की कई एआई कंपनियों के लिए खतरा पैदा कर दिया है।
- एनवीडिया जैसी कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है। सोमवार को एनवीडिया ने लगभग 600 अरब डॉलर की अपनी मार्केट वैल्यू गंवा दी।
- फोर्ब्स के मुताबिक, एनवीडिया बाज़ार पूंजी के लिहाज़ से दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों में से एक थी, लेकिन अब यह एपल और माइक्रोसॉफ़्ट के बाद तीसरे स्थान पर आ गई है।
क्या डीपसीक वाकई चैटजीपीटी को हरा सकता है?
डीपसीक की कम लागत और मुफ्त सेवा इसे तेज़ी से लोकप्रिय बना रही है, लेकिन अभी यह चैटजीपीटी जैसी परिपक्वता नहीं रखता। इसके जवाबों की सटीकता और विस्तृत डेटा प्रोसेसिंग क्षमता अभी भी सीमित है। हालांकि, अगर यह लगातार अपडेट होता रहा और तकनीकी सुधार करता रहा, तो यह जल्द ही गूगल जैमिनी और चैटजीपीटी के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।
निष्कर्ष:-
डीपसीक ने दिखा दिया है कि कम लागत में भी बड़ी तकनीकी क्रांति लाई जा सकती है। यह न सिर्फ टेक्नोलॉजी की दुनिया में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि अमेरिका की टेक मोनोपोली को चुनौती देने वाले नए खिलाड़ी अब बाज़ार में आ रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि ओपनएआई, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट इस चुनौती का कैसे जवाब देते हैं।
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