आसमोली (जिला संभल): विकास दिव्यांग सेवा समिति ने मंगलवार को मशहूर गायक मोहम्मद रफी की जयंती को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया। यह आयोजन समिति के कैफे असलीफील में हुआ, गायक मोहम्मद रफी साहब के महान जीवन और उनके अमूल्य योगदान को याद किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत रफी साहब की तस्वीर पर पुष्प अर्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने मोहम्मद रफी के जीवन से जुड़े प्रेरक पहलुओं को साझा किया। उनके गाए गीतों की प्रस्तुति ने कार्यक्रम को और भी भावनात्मक और संगीतमय बना दिया।
मोहम्मद रफी: भारतीय संगीत का अमूल्य रत्न
मोहम्मद रफी का जन्म 24 दिसंबर 1924 को पंजाब के अमृतसर जिले के कोटला सुल्तान सिंह गाँव में हुआ था। उनकी गायकी का सफर बचपन में ही शुरू हो गया था। अपनी अनोखी आवाज और बहुमुखी प्रतिभा के कारण उन्होंने भारतीय फिल्म संगीत को ऐसे यादगार गीत दिए जो आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में बसे हुए हैं।
कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष ने कहा, "मोहम्मद रफी न केवल एक महान गायक थे, बल्कि उनकी सादगी और विनम्रता भी हमें जीवन में प्रेरणा देती है। उनका संगीत केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि भावनाओं का संगम है।"
दिव्यांगजनों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में विशेष रूप से दिव्यांगजनों ने मोहम्मद रफी के गीतों पर अपनी प्रस्तुति दी, जिससे आयोजन और भी प्रेरणादायक बन गया। स्थानीय नागरिकों और समिति के सदस्यों ने इस आयोजन की सराहना की और इसे एक प्रेरक पहल बताया।
समाज को संदेश
इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज को यह प्रेरणादायक संदेश दिया गया कि कला और संगीत केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह समाज में एकता, सद्भाव और जागरूकता फैलाने का सशक्त माध्यम हैं। मोहम्मद रफी के जीवन से हमें सिखने को मिलता है कि सच्ची सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों में नहीं, बल्कि दूसरों की भलाई और समाज के प्रति योगदान में है। उनकी सादगी और विनम्रता आज के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह आयोजन न केवल उनकी स्मृति को जीवंत करने का प्रयास था, बल्कि लोगों को संस्कृति और मूल्यों के प्रति जागरूक करने का एक सार्थक कदम भी था।