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सिमरन शेख की कहानी: धारावी से ₹1.9 करोड़ की WPL नीलामी तक का सफर

 

धारावी की सिमरन शेख: संघर्षों को हराकर ₹1.9 करोड़ की WPL बोली हासिल करने वाली सितारा

मुंबई के धारावी की संकरी गलियों से निकलकर क्रिकेट की चमकती दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाली सिमरन शेख ने वीमेंस प्रीमियर लीग (WPL) 2025 की नीलामी में इतिहास रच दिया। गुजरात जायंट्स ने उन्हें ₹1.9 करोड़ में खरीदा, जिससे वह इस नीलामी की सबसे महंगी अनकैप्ड खिलाड़ी बन गईं। उनकी यह यात्रा कठिनाइयों, संघर्ष और अटूट दृढ़ता की मिसाल है।


SIMRAN SHEIKH

प्रारंभिक जीवन और चुनौतियाँ

सिमरन शेख का जन्म 12 जनवरी, 2002 को मुंबई के धारावी इलाके में हुआ। वह अपने परिवार की आठ संतानों में तीसरे नंबर की हैं। उनके पिता जहिद अली, जो पेशे से एक वायरमैन (इलेक्ट्रीशियन) हैं, और उनकी माँ अख्तरी बानो ने आर्थिक तंगी और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद उनकी हर कदम पर हिम्मत बढ़ाई।

15 वर्ष की उम्र में सिमरन ने अपने क्रिकेट का सफर शुरू किया, जब वह धारावी में लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं। उनकी प्रतिभा को तब सही दिशा मिली जब वह यूनाइटेड क्लब से जुड़ीं। वहाँ उन्होंने कड़ी मेहनत और शानदार प्रदर्शन से अपनी पहचान बनाई और जल्द ही मुंबई अंडर-19 महिला टीम का हिस्सा बनीं।


घरेलू क्रिकेट और WPL का सफर

सिमरन एक आक्रामक बल्लेबाज के रूप में जानी जाती हैं, जो शीर्ष क्रम और मध्यक्रम दोनों में बल्लेबाजी कर सकती हैं। टी20 क्रिकेट में उनका स्ट्राइक रेट 126.95 का है, जो उनके आक्रामक अंदाज को दर्शाता है। अक्टूबर-नवंबर 2023 में आयोजित सीनियर वीमेंस टी20 ट्रॉफी में उन्होंने 11 मैचों में 176 रन बनाए।

WPL के पहले सीज़न में, UP वॉरियर्ज ने उन्हें ₹10 लाख में खरीदा था। हालांकि, कुछ खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम से रिलीज कर दिया गया और 2024 की नीलामी में वह अनसोल्ड रहीं। लेकिन सिमरन ने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत के साथ अपने खेल को निखारा।


WPL 2025 नीलामी में बड़ी सफलता

15 दिसंबर, 2024 को आयोजित WPL 2025 की नीलामी में सिमरन शेख ने सबका ध्यान खींचा। गुजरात जायंट्स ने उन्हें रिकॉर्ड ₹1.9 करोड़ में खरीदा। टीम के हेड कोच माइकल क्लिंगर ने उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और उच्च स्ट्राइक रेट की क्षमता को टीम के लिए महत्वपूर्ण बताया।

"हम सिमरन और डॉटिन को टारगेट कर रहे थे। ये खिलाड़ी तेज़ बल्लेबाजी और पावर गेम लाती हैं, जो विजेता संस्कृति बनाने में मदद करता है। मैं इन पिक्स से बेहद उत्साहित हूँ," क्लिंगर ने कहा।


परिवार का बलिदान और समर्थन

सिमरन के पिता ने अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए अतिरिक्त काम किया ताकि उनकी बेटी के क्रिकेट के सपनों को पंख मिल सकें। उनकी माँ अख्तरी बानो ने हर मुश्किल घड़ी में उनका हौसला बढ़ाया। समाज की बंदिशों और आर्थिक तंगी के बावजूद, इस परिवार ने कभी हार नहीं मानी।

"सिमरन ने लड़कों के साथ खेला, कई बार संघर्ष किए, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। हमें हमेशा विश्वास था कि वह एक दिन बड़ा नाम बनाएगी," उनके पिता ने गर्व से कहा।


प्रेरणा का प्रतीक

सिमरन शेख की कहानी सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं। धारावी की गलियों से WPL की चमक तक का उनका यह सफर संघर्ष, समर्पण और आत्मविश्वास का अद्भुत उदाहरण है।

अब जब सिमरन गुजरात जायंट्स के साथ WPL 2025 में खेलने उतरेंगी, तो उनके पास खुद को साबित करने और भारतीय क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने का सुनहरा मौका होगा।

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