नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शीर्ष पद पर बड़ा बदलाव हुआ है। सरकार ने संजय मल्होत्रा को नया गवर्नर नियुक्त किया है। संजय, जो अभी तक वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के रूप में कार्यरत थे, 11 दिसंबर, 2024 से आरबीआई की कमान संभालेंगे। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब निवर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन एक भावुक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने सहयोगियों, सरकार और देश का आभार व्यक्त किया।
दास का भावुक संदेश: "यह मेरे जीवन का सम्मान था"
शक्तिकांत दास ने सोशल मीडिया पर अपने कार्यकाल को याद करते हुए लिखा, "आरबीआई गवर्नर के रूप में देश की सेवा करने का अवसर मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान था। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन ने मेरे फैसलों को नई दिशा दी।"
उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी धन्यवाद दिया और लिखा, "पिछले छह वर्षों में राजकोषीय और मौद्रिक समन्वय अपने सबसे मजबूत स्तर पर था। इससे हमें कोविड-19 महामारी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं जैसी चुनौतियों से निपटने में मदद मिली।"
दास ने आरबीआई टीम की सराहना करते हुए कहा, "यह टीम वह रीढ़ है जिसने हर संकट का मजबूती से सामना किया। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने भारत के वित्तीय तंत्र को स्थिर और विश्वसनीय बनाए रखा।"
शक्तिकांत दास: उपलब्धियों से भरा कार्यकाल
2018 में आरबीआई गवर्नर का पद संभालने वाले शक्तिकांत दास का कार्यकाल कई आर्थिक सुधारों का गवाह रहा। उनके नेतृत्व में आरबीआई ने महामारी के दौरान लिक्विडिटी बढ़ाने, एमएसएमई सेक्टर को राहत देने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए। उनके कार्यकाल को चुनौतीपूर्ण लेकिन प्रभावी नेतृत्व के लिए याद किया जाएगा।
संजय मल्होत्रा के सामने चुनौतियां और उम्मीदें
संजय मल्होत्रा, जो अब आरबीआई के 26वें गवर्नर होंगे, के सामने कई अहम चुनौतियां हैं। इनमें मुद्रास्फीति को काबू में रखना, बैंकिंग सेक्टर को नई तकनीकों के साथ मजबूत बनाना, और भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में और ऊंचा स्थान दिलाना शामिल है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के रूप में संजय मल्होत्रा का अनुभव आरबीआई की नीतियों में प्रभावशाली बदलाव ला सकता है।
आर्थिक दृष्टिकोण: नई शुरुआत
यह नेतृत्व परिवर्तन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। आरबीआई की भूमिका अब न केवल घरेलू आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में है, बल्कि वैश्विक आर्थिक माहौल में भारत को मजबूत वित्तीय शक्ति के रूप में प्रस्तुत करने में भी अहम होगी।
शक्तिकांत दास ने अपने संदेश में लिखा, "मैं उम्मीद करता हूं कि आरबीआई एक और मजबूत, भरोसेमंद और सम्मानित संस्थान के रूप में उभरता रहेगा। यह देश के हर नागरिक की उम्मीदों को पूरा करे।"