पंजाब में 30 दिसंबर 2024 को किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘पंजाब बंद’ ने राज्य के जनजीवन को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर रेल और सड़क यातायात ठप कर दिया, जिससे आम जनता को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
रेल और बस सेवाओं पर बंद का असर
पंजाब बंद का सबसे बड़ा असर रेल और बस सेवाओं पर पड़ा।
-
रेल यातायात बाधित:
बंद के चलते पंजाब और हरियाणा से गुजरने वाली 163 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। इसमें प्रमुख ट्रेनों जैसे शताब्दी और वंदे भारत एक्सप्रेस भी शामिल हैं। दिल्ली से पंजाब और आसपास के क्षेत्रों को जोड़ने वाली यात्री और एक्सप्रेस ट्रेनें भी रद्द रहीं। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की ओर जाने वाले यात्रियों को भी परेशानी हुई, क्योंकि इन रूट्स पर भी ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। -
बस सेवाएं प्रभावित:
पंजाब सड़क परिवहन निगम (PRTC) ने सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक अपनी सेवाएं निलंबित रखीं, जबकि निजी बस ऑपरेटरों ने सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक सेवाएं पूरी तरह बंद कर दीं। इस कारण यात्रियों को वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ा।
किसानों की मुख्य मांगें
‘पंजाब बंद’ का आयोजन किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेतृत्व में किया गया। किसानों की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
-
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी:
किसानों का कहना है कि बिना MSP की गारंटी के उनका भविष्य असुरक्षित है। -
कर्ज माफी और पेंशन:
किसान लंबे समय से कर्जमाफी और वृद्ध किसानों के लिए पेंशन की मांग कर रहे हैं। -
बिजली दरों में स्थिरता:
बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग प्रमुख है, क्योंकि यह किसानों की लागत को बढ़ा देती है। -
पुलिस मामले वापस लेना:
किसानों ने प्रदर्शन के दौरान दर्ज किए गए पुलिस मामलों को रद्द करने की मांग की है। -
लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय:
किसान चाहते हैं कि 2021 में लखीमपुर खीरी की घटना में मारे गए किसानों और उनके परिवारों को न्याय मिले।
बंद के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम
सरकार ने बंद के दौरान किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे। पंजाब के कई बॉर्डर क्षेत्रों जैसे शंभू और खनौरी पर पुलिस बल तैनात किया गया। दिल्ली और पंजाब के बीच यात्रा कर रहे यात्रियों को विशेष रूप से परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि ये मार्ग प्रदर्शनकारियों द्वारा बाधित किए गए थे।
जनता की प्रतिक्रिया
बंद के कारण आम लोगों को बड़ी असुविधा हुई। रेल और बस सेवाओं के ठप होने से कई यात्री फंसे रहे, खासकर ठंड के इस मौसम में। हालांकि, राज्य के कई सामाजिक संगठनों ने बंद का समर्थन किया और किसानों के आंदोलन के प्रति अपनी एकजुटता जताई।
किसानों का उद्देश्य
यह बंद किसानों द्वारा सरकार पर दबाव बनाने का एक प्रमुख प्रयास है। उनका मानना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
आगे की राह
किसानों और सरकार के बीच इस गतिरोध को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या सरकार किसानों की मांगों पर ध्यान देगी, या यह संघर्ष और लंबा खिंचेगा? फिलहाल, इस बंद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसान अपने हक की लड़ाई में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता के माध्यम से ही इस समस्या का समाधान निकलने की संभावना है।