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संसद परिसर में SIR के खिलाफ विपक्ष का हंगामा तेज़, खड़गे–सोनिया–राहुल के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन

 3 दिसंबर 2025 |✍🏻 Z S Razzaqi |वरिष्ठ पत्रकार 

देश में मतदाता सूची की Special Intensive Revision (SIR) को लेकर उठ रही राजनीतिक गर्माहट मंगलवार को संसद परिसर में चरम पर रही, जब प्रमुख विपक्षी नेताओं—मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, डीएमके की कनिमोढ़ी और टी.आर. बालू—ने संसद के ‘मकर द्वार’ के सामने एकजुट होकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

विपक्ष का आरोप है कि सरकार SIR के नाम पर चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप, मतदाता सूची में “संदिग्ध छेड़छाड़” और “चयनात्मक विलोपन” का रास्ता तैयार कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बड़े पोस्टर और एक विशाल बैनर थाम रखा था, जिसमें लिखा था — Stop SIR – Stop Vote Chori


विपक्ष का आरोप: SIR मतदाता सूची से ‘चयनात्मक सफ़ाई’ की प्रक्रिया

विपक्षी दलों ने दावा किया कि SIR के ज़रिये कई राज्यों में विपक्षी गढ़ वाले इलाकों से वैध वोटरों के नाम हटाए गए, जबकि उनकी शिकायतों को चुनाव आयोग और सरकार दोनों ने नज़रअंदाज़ किया।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र की जड़ें तभी मजबूत होंगी जब “मत देने का अधिकार” सुरक्षित रहेगा।
खड़गे का सीधा आरोप था कि सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है और SIR उसके “नए हथकंडों” में से एक है।

सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि SIR चुनावी ईमानदारी पर एक “गंभीर खतरा” है।
राहुल गांधी ने इसे “मतदाता सूची में संगठित और सरकारी संरक्षित छेड़छाड़” बताया।


शीतकालीन सत्र का पहला दिन SIR विवाद में उलझा

शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही लोकसभा और राज्यसभा दोनों में भारी हंगामा हुआ।

  • लोकसभा को कई बार स्थगित करना पड़ा।

  • राज्यसभा में विपक्ष ने SIR पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए वॉकआउट कर दिया।

सरकार ने कहा कि SIR पर चर्चा से उन्हें ऐतराज़ नहीं है, लेकिन संसद की कार्यवाही को “अल्टीमेटम और टाइमलाइन” के दबाव में नहीं चलाया जा सकता।


पीएम मोदी का पलटवार: विपक्ष संसद को ‘इलेक्शन वॉर्म-अप एरीना’ बना रहा

सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों से बात करते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि विपक्ष संसद को चुनावों के लिए वॉर्म-अप ग्राउंड के रूप में इस्तेमाल कर रहा है और जब चुनावी हार होती है तो उसे संसद में “निराशा निकालने का मंच” बना देता है।

पीएम मोदी ने यहां तक कहा—

“अगर विपक्ष सकारात्मक राजनीति सीखना चाहता है तो मैं उन्हें टिप्स देने को तैयार हूं।”

उनके बयान पर कांग्रेस और डीएमके ने तीखी प्रतिक्रिया दी, यह कहते हुए कि “सकारात्मक राजनीति वह होती है जिसमें सरकार पारदर्शिता से जवाब दे, न कि सवाल पूछने वालों को कटघरे में खड़ा करे।”


SIR पर विपक्ष की साझा रणनीति लेकिन अंदरूनी मतभेद भी मौजूद

हालाँकि विपक्ष SIR के मुद्दे पर एकजुट दिखाई दिया, परंतु रणनीति को लेकर बैकडोर बातचीत में कई दलों के बीच मतभेद की खबरें भी सामने आईं।
कुछ दल चर्चा में भाग लेने के पक्ष में हैं, जबकि कुछ केवल विरोध प्रदर्शन की रेखा पर चलना चाहते हैं।


आगे क्या? संसद सत्र का रुख टकराव भरा दिख रहा

SIR विवाद ने शीतकालीन सत्र की पहली ही तारीख से सियासी तापमान बढ़ा दिया है।
विपक्ष का कहना है कि जब तक SIR के नियमों, प्रक्रियाओं और कथित अनियमितताओं पर खुली बहस नहीं होगी, तब तक वे प्रदर्शन वापस नहीं लेंगे।

आने वाले दिनों में संसद में टकराव, सवाल-जवाब और धक्का-मुक्की जैसे दृश्य दिखने की पूरी आशंका है।
यह विवाद अब चुनावी राजनीति के केंद्र में आ चुका है और आगामी राज्य तथा केंद्र के चुनावों पर इसका प्रभाव पड़ना निश्चित है।








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