8 दिसम्बर 2025 |✍🏻 Z S Razzaqi |वरिष्ठ पत्रकार
अमेरिका द्वारा जारी की गई नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में रूस को अब “direct threat” यानी प्रत्यक्ष सुरक्षा खतरा के रूप में परिभाषित न करने के निर्णय का मॉस्को ने स्वागत किया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने रविवार को कहा कि यह बदलाव मौजूदा भू-राजनीतिक तनावों के बीच एक “सकारात्मक संकेत” है, जिसे रूस गंभीरता से विश्लेषित करेगा।
पृष्ठभूमि: 2014 से अब तक क्यों बनी रही ‘खतरे’ की परिभाषा?
2014 में क्रीमिया को अपने नियंत्रण में लेने और 2022 में यूक्रेन पर पूरी सैन्य कार्रवाई शुरू करने के बाद से अमेरिकी रणनीतिक दस्तावेज़ों में रूस को लगातार शीर्ष सुरक्षा चुनौतियों में गिना जाता रहा है।
लेकिन शुक्रवार को जारी की गई अमेरिकी प्रशासन की 29-पेज की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति ने इस भाषा को नरम कर दिया है। इस बदलाव को दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों में संभावित डिप्लोमैटिक ओपनिंग के रूप में देखा जा रहा है।
‘Flexible Realism’: ट्रम्प की नई विदेश नीति की रूपरेखा
दस्तावेज़ के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की विदेश नीति का आधार “flexible realism” है—
यानि ऐसी नीति जो आदर्शवाद के बजाय व्यवहारिकता और अमेरिकी हितों के अनुरूप निर्णय लेने पर आधारित हो।
रणनीति यह स्पष्ट करती है कि अमेरिका की प्राथमिकता वही कदम होंगे जो “what works for America”—अर्थात् अमेरिका के हितों के लिए सीधे उपयोगी हों।
रूस को लेकर नई रणनीति क्या कहती है?
दस्तावेज़ में रूस के बारे में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए—
1. ‘Direct Threat’ शब्द हटाया गया
पेस्कोव के अनुसार, यह सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन है। नई रणनीति रूस को एक बड़े भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में पहचानती तो है, लेकिन उसे प्रत्यक्ष सुरक्षा खतरे की सूची में शामिल नहीं करती।
2. सीमित सहयोग की अपील
दस्तावेज़ में कहा गया है कि अमेरिका और रूस को रणनीतिक स्थिरता से जुड़े मुद्दों—
जैसे न्यूक्लियर कंट्रोल, लॉन्ग-रेंज स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स, और साइबर जोखिमों—पर सीमित लेकिन रचनात्मक सहयोग बढ़ाना चाहिए।
3. यूक्रेन युद्ध के त्वरित समाधान की वकालत
अमेरिका ने यूक्रेन संघर्ष को “शीघ्र समाप्त कराने” को अपनी प्राथमिकता बताया है और कहा है कि तनावग्रस्त यूरोपीय सुरक्षा ढांचे को सामान्य बनाने के लिए दोनों देशों के बीच संवाद बहाल होना आवश्यक है।
पेस्कोव की प्रतिक्रिया: “सकारात्मक कदम, लेकिन गहराई से अध्ययन करेंगे”
रूस ने इस बदलाव को ‘महत्वपूर्ण संकेत’ बताया है।
पेस्कोव ने TASS से कहा—
“हम इसे सकारात्मक कदम मानते हैं। हालांकि, दस्तावेज़ का विस्तृत विश्लेषण करना आवश्यक है, उसके बाद ही हम व्यापक प्रतिक्रिया देंगे।”
क्रेमलिन का मानना है कि यदि अमेरिका वास्तव में रणनीतिक स्थिरता पर सहयोग चाहता है, तो यह रूस-अमेरिका संबंधों के लिए नया अध्याय साबित हो सकता है।
अमेरिका में आलोचना और डिप्लोमैटिक विवाद
राष्ट्रपति ट्रम्प पहले भी व्लादिमीर पुतिन की प्रशंसा कर चुके हैं, जिसके चलते घरेलू आलोचकों ने उन पर रूस को “बहुत नरमी से” लेने का आरोप लगाया था।
हालाँकि, उनकी प्रशासनिक नीतियाँ—जैसे रूस पर जारी आर्थिक प्रतिबंध—दूसरी तस्वीर पेश करती हैं।
अमेरिकी राजनीतिक विश्लेषक इस नई रणनीति को राजनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश बताते हैं।
यूरोपीय देशों की चिंता: क्या यह रुख रूस को और साहसी बनाएगा?
यूरोप, जो अपनी सुरक्षा के लिए अमेरिकी सैन्य सहयोग पर निर्भर है, इस बदलाव को लेकर स्पष्ट रूप से चिंतित है।
कई यूरोपीय नेताओं ने आशंका जताई है कि ऐसी नरम भाषा से—
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मॉस्को को गलत संदेश मिल सकता है
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यूक्रेन में युद्ध समाप्त कराने के अंतरराष्ट्रीय प्रयास कमजोर पड़ सकते हैं
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और यूरोपीय सुरक्षा ढांचा फिर से अस्थिर हो सकता है
विशेषकर उस समय, जब अमेरिकी मध्यस्थता से तैयार किया गया ताज़ा शांति प्रस्ताव भी ठहराव में है।
