Type Here to Get Search Results !

ADS5

ADS2

भारत को ‘भ्रम’ में नहीं रहना चाहिए: त्रि-सेवाओं के पहले चीफ के रूप में असीम मुनीर का कड़ा संदेश

 9 दिसम्बर 2025 |✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार 

पाकिस्तान के पहले चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज़ (CDF) के रूप में पदभार संभालने के बाद फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने अपने शुरुआती संबोधन में भारत को तीखा संदेश दिया। इस भाषण को पाकिस्तान की सैन्य स्थापना की नई रणनीतिक सोच और भारत-पाक संबंधों की मौजूदा भू-राजनीतिक जटिलताओं के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

असीम मुनीर का चेतावनी भरा बयान

गार्ड ऑफ ऑनर के बाद अधिकारियों को संबोधित करते हुए असीम मुनीर ने दो-टूक कहा कि:

“भारत किसी भ्रम में न रहे… किसी भी तरह की आक्रामकता की स्थिति में पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पहले से कहीं अधिक तेज, कड़ी और व्यापक होगी।”

यह बयान स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान अपनी सैन्य रणनीति में आक्रामक राजनीतिक-संदेश वाले रुख को बनाए रखना चाहता है, खासतौर पर ऐसे समय में जब दोनों देशों के बीच संवाद के मार्ग लगभग बंद हैं और सीमा पर तनाव समय-समय पर उभरता रहता है।

त्रि-सेवाओं के एकीकृत कमान की भूमिका

असीम मुनीर के CDF बनने के बाद पाकिस्तान पहली बार सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच एकीकृत सैन्य संरचना लागू कर रहा है। इसका उद्देश्य है—

  • तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाना

  • त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करना

  • सीमा पर किसी भी संभावित संघर्ष में केंद्रीकृत कमान स्थापित करना

विशेषज्ञों का मानना है कि इस संरचना के बाद पाकिस्तान अपनी सैन्य प्रतिक्रिया को “एकीकृत और तेज” बनाने की कोशिश करेगा।

भारत को लेकर बयानबाज़ी क्यों?

असीम मुनीर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहा है। कई विश्लेषकों के मुताबिक, भारत को लेकर आक्रामक बयान देना पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है—

  • घरेलू राजनीति में सेना की ताकत का प्रदर्शन

  • राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर दबदबा बनाना

  • भारत-पाक तनाव को राजनीतिक एजेंडे में बनाए रखना

भारत की स्थिति और रणनीतिक संदर्भ

भारत की ओर से इस बयान पर तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन भारत की सैन्य नीति “नो-प्रोवोकेशन, नो-कम्प्रोमाइज” के सिद्धांत को अपनाती है। पिछले कुछ वर्षों में—

  • सीमा पर जवाबी कार्रवाई में भारत ने स्पष्ट रूप से अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है।

  • पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद को लेकर भारत का रुख पहले से ज्यादा कड़ा हुआ है।

  • कूटनीतिक स्तर पर भारत ने अपने वैश्विक साझेदार देशों के साथ पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखने की रणनीति अपनाई है।

कूटनीतिक माहौल और भविष्य की चुनौतियाँ

असीम मुनीर की चेतावनी क्षेत्रीय तनाव को मिटाने के बजाय और बढ़ा सकती है। दक्षिण एशिया जैसे संवेदनशील क्षेत्र में परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच तीखे बयान कई बार अनावश्यक तनाव पैदा करते हैं।

भविष्य की चुनौतियाँ:

  • LOC पर किसी भी छोटी घटना से बड़ा विवाद भड़क सकता है

  • दोनों देशों के भीतर चुनावी राजनीति अक्सर सैन्य बयानबाज़ी को बढ़ावा देती है

  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमेशा भारत-पाक तनाव को एशिया की स्थिरता से जोड़कर देखता है

निष्कर्ष:-

असीम मुनीर का यह भाषण पाकिस्तान की नई सैन्य नेतृत्व संरचना के साथ-साथ भारत के प्रति पुराने सैन्य रुख का ही विस्तार है। इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद की कमी और सुरक्षा मुद्दों पर अविश्वास आगे भी ऐसे बयान सामने ला सकता है।

भारत की ओर से शांत और रणनीतिक दृष्टिकोण बनाए रखना ही इस क्षेत्र में स्थिरता का प्रमुख मार्ग है, जबकि पाकिस्तान अपनी घरेलू राजनीति और बाहरी दबावों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करता हुआ दिखाई देता है।







एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

ADS3

ADS4