29 नवंबर 2025 |✍🏻 Z S Razzaqi | अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार
अमेरिका में शरण (Asylum) से जुड़े सभी निर्णयों को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया गया है। यह कदम ऐसे समय सामने आया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने राजधानी वॉशिंगटन में दो नेशनल गार्ड सैनिकों पर हुए गोलीबारी हमले को “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चेतावनी” बताया है।
इस हमले में वेस्ट वर्जीनिया की 20 वर्षीय राष्ट्रीय गार्ड सदस्य सारा बेकस्ट्रॉम की मौत हो गई, जबकि एक अन्य सिपाही एंड्रयू वॉल्फ़ गंभीर रूप से घायल हैं और जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
USCIS का कड़ा कदम: “सभी शरण मामलों पर तत्काल रोक”
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) के निदेशक जोसेफ एड्लो ने घोषणा की कि एजेंसी ने सभी शरण निर्णयों पर रोक लगा दी है, ताकि “यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर विदेशी नागरिक का अधिकतम स्तर पर बैकग्राउंड वेरीफिकेशन और सुरक्षा जांच की जाए।”
यह घोषणा उस नीतिगत बदलाव का हिस्सा है जो राष्ट्रपति ट्रम्प ने हमले के बाद शुरू किया है, जिसमें उन्होंने “थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज़” से आने वाले आव्रजन को स्थायी रूप से रोकने की मंशा जताई है।
19 देशों पर और कड़ाई: अफ़ग़ान पासपोर्ट धारकों के वीज़ा अस्थायी रूप से बंद
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पुष्टि की कि अमेरिका ने अफ़ग़ान पासपोर्ट रखने वाले सभी व्यक्तियों को वीज़ा जारी करना अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि यह कदम उन 19 देशों की सूची से जुड़ा है, जिन पर जून 2025 से ही यात्रा प्रतिबंध लागू हैं। इनमें अफ़ग़ानिस्तान, ईरान, क्यूबा, हैती और म्यांमार जैसे देश शामिल हैं।
हमले ने तीन संवेदनशील मुद्दों को फिर हवा दी: सेना, आव्रजन और अफ़ग़ान युद्ध
इस घटना ने अमेरिकी राजनीति में तीन बेहद विवादित विषयों को एक साथ खड़ा कर दिया है—
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अमेरिकी धरती पर सेना का इस्तेमाल,
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कड़ी आव्रजन नीति,
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अफ़ग़ानिस्तान युद्ध की विरासत।
अभियोजन पक्ष ने बताया कि 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लाकानवाल, जो इस हमले का मुख्य आरोपी है, कभी CIA समर्थित अफ़ग़ान “पार्टनर फोर्स” का हिस्सा था।
अमेरिकी सेना की अफ़ग़ानिस्तान से 2021 में वापसी के बाद उसे पुनर्वास कार्यक्रम के तहत अमेरिका लाया गया था।
लाकानवाल पर हत्या का आरोप, ‘मॉन्स्टर’ करार
वॉशिंगटन डीसी की अमेरिकी अटॉर्नी जीनिन पिर्रो ने पुष्टि की कि लाकानवाल पर हत्या का मुकदमा चलाया जाएगा।
अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने तो यहां तक कहा कि सरकार उस पर “मौत की सज़ा” की मांग करेगी और आरोपी को “राक्षस (Monster)” बताया।
अधिकारियों के अनुसार, लाकानवाल अपनी पत्नी और परिवार के साथ अमेरिका के वॉशिंगटन राज्य में रहता था और घटना से कुछ दिन पहले कार से देश पार करते हुए राजधानी पहुंचा था।
ग्रीन कार्ड्स की दोबारा जांच होगी
USCIS ने यह भी घोषणा की कि वे उन सभी लोगों के ग्रीन कार्ड (स्थायी निवास कार्ड) की समीक्षा करेंगे, जो उन्हीं 19 देशों से आए हैं।
इन देशों से आए ग्रीन कार्ड धारकों की संख्या 16 लाख से अधिक है, जो अमेरिका की स्थायी निवासी आबादी का लगभग 12% बनाते हैं।
केवल अफ़ग़ानिस्तान के 1.16 लाख से अधिक नागरिक ग्रीन कार्ड होल्डर हैं।
आरोपी पर ‘ढीली नीतियों’ के आरोप, लेकिन तथ्य कुछ और बताते हैं
राष्ट्रपति ट्रम्प ने दावा किया कि लाकानवाल को पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की ढीली शरण नीति की वजह से “बिना जांच” अमेरिका में प्रवेश मिला।
लेकिन अफ़ग़ान पुनर्वासन संगठन AfghanEvac ने इस दावे को सिरे से खारिज किया।
संगठन के प्रमुख शॉन वैनडाइवर ने कहा:
“अफ़ग़ान नागरिक सबसे कठोर सुरक्षा जांचों से गुजरकर अमेरिका आते हैं। एक अकेली हिंसक घटना को बहाना बनाकर पहले से तैयार कठोर नीतियों को लागू किया जा रहा है।”
यह भी सामने आया कि लाकानवाल ने शरण का आवेदन बाइडेन प्रशासन में किया था, लेकिन मंजूरी ट्रम्प प्रशासन के दौरान मिली।
नया राजनीतिक संग्राम: आव्रजन नीति फिर केंद्र में
अब इंतज़ार इस बात का है किक्या अमेरिका शरण प्रक्रिया को लंबे समय तक रोककर रखेगा,क्या “थर्ड वर्ल्ड” देशों से आव्रजन पर स्थायी रोक लगेगी,और क्या 19 देशों के लाखों ग्रीन कार्ड धारकों की स्थिति पर बड़ा असर पड़ेगा।
